सीएम मोहन यादव ने की दतिया के रतनगढ़ मेले की तारीफ : व्यवस्थाओं को सराहा, बोले जिले के आर्थिक विकास को मिलेगा बढ़ावा

Datia news : दतिया। दतिया जिले के सेवढ़ा क्षेत्र में लगने वाले रतनगढ़ माता के लख्खी मेले की व्यवस्थाओं को लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी सराहना है। उन्होंने मेले में आने वाले 32 लाख श्रद्धालुओं से जिले के आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलने की बात भी कही है।

उल्लेखनीय है कि इस बार मेले में जहां श्रद्धालुओं की संख्या का रिकार्ड टूटा, वहीं मेला भी तीन दिन तक लगातार चला। जिसमें व्यापक स्तर पर व्यवस्था संभालने के लिए दतिया सहित भिंड, ग्वालियर, गुना, अशोकनगर आदि जगहों से भी पुलिस और अन्य कर्मचारी बुलाए गए थे।

इसी क्रम में दतिया में रतनगढ़ माता मंदिर पर हाल ही में दीपावली की दोज पर संपन्न हुए तीन दिवसीय मेले के सफल आयोजन पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जिले के अधिकारियों और कर्मचारियों की सराहना की है।

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इस संबंध में मुख्यमंत्री ने एक्स पर लिखा है कि “मप्र के दतिया जिले के रतनगढ़ माता मंदिर में हर साल भाई दोज पर आयोजित होने वाले भव्य मेले के सफल आयोजन के लिए समस्त अधिकारियों और जिला प्रशासन की टीम ने व्यवस्था संभाली। इस मेले में 32 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने रतनगढ़ माता और कुंअर महाराज के दर्शन किए। इससे क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।’

बता दें कि रतनगढ़ माता मंदिर आयोजित मेले में सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन ने एक माह पहले से तैयारी शुरू कर दी थी। मेले में सुरक्षा की दृष्टि से 2200 पुलिस जवान, 750 कर्मचारी और 650 कोटवार तैनात किए गए थे। पुलिस जवानों में पुलिस, होमगार्ड, परिवहन विभाग और आबकारी विभाग के कर्मी शामिल थे।

व्यवस्थाएं संभालने के लिए जिला प्रशासन के कर्मचारी जिनमें तहसीलदार से लेकर सचिव तक मेले के सफल आयोजन में जुटे रहे। करीब 72 घंटे चले मेले में प्रशासन ने कई विशेष इंतजाम भी किए थे।

जिसमें 400 बीघा क्षेत्र में 25 से अधिक पार्किंग स्थल बनाए गए। मेले के दौरान किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तीन क्रेन, जेसीबी, और 20 फायर ब्रिगेड तैनात की गई थी।

मेले में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए थे। जिनकी मोनिटरिंग के लिए एक कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया था। साथ ही नदी क्षेत्र में महाजाल भी लगाया गया था। ताकि वहां स्नान करने वाले श्रद्धालुओं को गहरे पानी में जाने से सुरक्षित रखा जा सके। साथ ही मगरमच्छ आदि का भी खतरा न रहे।

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