ग्वालियर : भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के पेंशन और पेंशनधारी कल्याण विभाग ने केंद्र सरकार के पेंशनधारियों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया है। चेहरा प्रमाणीकरण प्रौद्योगिकी को केन्द्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ जितेन्द्र सिंह द्वारा शुभारंभ किया गया था। सभी पंजीकृत पेंशनधारी संघों, पेंशन संवितरण बैंकों,
भारत सरकार के मंत्रालयों और सीजीएचएस केंद्रों को पेंशनधारियों के ‘जीवन की सुगमता’ के लिए विशेष शिविर आयोजित करने के द्वारा जीवन प्रमाण पत्र देने के लिए डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (डीएलसी) और चेहरा प्रमाणीकरण तकनीक को बढ़ावा देने के निर्देश दिए गए हैं। ग्वालियर के बाडा स्थित भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा में 12 नवंबर, 2022 को एसबीआई के सहयोग से केंद्र सरकार के पेंशनधारियों के लिए एक दिवसीय अभियान चलाया गया।
01.10.22 से आज तक के डीएलसी के आंकड़े इस प्रकार हैं –
कुल डीएलसी – 45,16,038
चेहरा प्रमाणीकरण के माध्यम से कुल डीएलसी – 2,36,556
कुल डीएलसी सीजीओवी – 17,27,993
चेहरा प्रमाणीकरण के माध्यम से सीजीओवी का कुल डीएलसी – 1,44,719
इस अभियान में पेंशनधारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया जिसका अनुमान इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि कई पुराने पेंशनधारी यहां तक कि महिला पेंशनधारी भी चेहरा प्रमाणीकरण के माध्यम से अपना जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए आई थीं। उन्होंने इस नई तकनीक को लागू किए जाने पर प्रसन्नता और संतोष व्यक्त किया। इन पेंशनधारियों को विभाग के अधिकारियों द्वारा निर्देशित किया गया कि वे अपने मोबाइल फोन में चेहरा प्रमाणीकरण जीवन प्रमाण ऐप कैसे डाउनलोड करें और अपने फोन से जीवन प्रमाण पत्र कैसे दें। जीवन प्रमाण पत्र 60 सेकंड के भीतर जेनरेट किया जाता है और मोबाइल फोन पर एक लिंक भेजा जाता है, जहां से इसे डाउनलोड किया जा सकता है।
यह भारत सरकार के पेंशन और पेंशनधारी कल्याण विभाग द्वारा डिजिटल दुनिया में एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। पेंशन एवं पेंशनधारी कल्याण विभाग के अवर सचिव राजेश कुमार और पेंशन एवं पेंशनधारी कल्याण विभाग के वरिष्ठ अनुवाद अधिकारी अनिल कुमार कोइरी ने बताया कि पहले जीवन प्रमाण पत्र वास्तविक रूप में देने के लिए वृद्ध पेंशनधारियों को बैंकों के बाहर घंटों लाइनों में लगना पड़ता था। अब, यह उनके घर पर सुगमता से एक बटन के क्लिक पर संभव हो गया है।
मोबाइल द्वारा चेहरा प्रमाणीकरण के माध्यम से जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की प्रक्रिया में आधार संख्या, ओटीपी के लिए मोबाइल नंबर, पीपीओ नंबर, बैंक/डाकघर के साथ खाता संख्या के बारे में विवरण पहली बार आवश्यक हैं। यह सुविधा राज्य सरकार के कर्मचारियों और राज्य के कोषागार कार्यालय के रूप में संवितरण प्राधिकरण के लिए भी उपलब्ध है।
इस कार्यक्रम में बैंकों, पेंशनधारियों के संघों, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) और यूआईडीएआई के प्रतिनिधियों ने भी सहभागिता की। अभियान की सफलता के लिए इन हितधारकों की सहभागिता अमूल्य थी। अवर सचिव (पेंशन) ने आयोजन के दौरान सभी प्रतिनिधियों को उनके प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया। यह विभाग जीवन प्रमाण पत्र को चेहरा प्रमाणीकरण के माध्यम से जमा करने के लिए पूरे नवंबर माह में अभियान चला रहा है।