Datia News : दतिया। ‘खिलौने दे दो-खिलाैने’ की आवाज जब शहर की सड़कों पर गूंजी तो सभी का ध्यान उस ओर गया। तभी पता चला कि कलेक्टर खुद आंगनबाड़ी के बच्चों के लिए जनसहयोग लेने ठेले लेकर निकले हैं। इस दौरान जिला प्रशासन के अधिकारियों का हुजूम भी उनके साथ नजर आया। इसके बाद लोगों ने ठेले में सामान डालना शुरू कर दिया।
मंगलवार शाम कलेक्टर संजय कुमार व जिला पंचायत सीईओ कमलेश भार्गव खुद ठेले चलाकर शहर में आंगनबाड़ी बच्चों के लिए खिलौने मांगने निकले। इस दौरान कलेक्टर व सीईओ ने ‘खिलौने दे दो-खिलाैने’ की माइक से आवाज भी लगाई ताकि लोग अलर्ट हों।
अधिकारियों को आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए सामान मांगते देख शहर के लोग भी अपने घर व दुकानों से बाहर निकले। जहां सभी ने दिल खोलकर खिलौने, बर्तन, कपड़े, खाने का सामान दिया।
जिला प्रशासन के अधिकारी करीब 5 ठेले लेकर शहर में घूमे। जिनमें सभी ने कुछ न कुछ दिया। कलेक्टर ने बताया कि लोगों ने काफी उत्साह दिखाया। शहरवासियों ने पूरे दिल से आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए खिलौने, कपड़े, खाद्य सामग्री सहित अन्य सामान दिया है जिससे पूरे पांचों ठेले भर गए।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर प्रदेश सहित दतिया में भी मंगलवार को “आइए आज जुड़े हम सब एडाप्ट एन आंगनवाड़ी अभियान” की शुरुआत की गई। जिसमें कलेक्टर संजय कुमार ने अधिकारियों एवं समाजसेवियों के साथ आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों के पोषण एवं सर्वांगीण विकास के लिए उपयोग की वस्तुएं एवं खिलौने एकत्रित कर केंद्रों को प्रदाय किए।

कलेक्टर हाथ ठेला लेकर टाउनहाल से किला चौक तक पहुंचे। इस दौरान उन्होंने लोगों से आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों के लिए खिलौने एवं अन्य सामग्री प्रदाय करने की अपील की। इस दौरान नगर वासियों द्वारा भी बढ़-चढ़कर अपनी सामर्थ्य के अनुसार खिलौने एवं अन्य सामग्री प्रदाय की गई।
कलेक्टर संजय कुमार ने बताया कि इस पुनीत कार्य में जिले के नागरिकों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लेकर आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों के लिए खिलौने एवं अन्य सामग्री प्रदाय की है। उन्होंने इसे एक सराहनीय पहल बताया।
इस मौके पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी कमलेश भार्गव, महिला एवं बाल विकास विभाग कार्यक्रम अधिकारी अरविन्द कुमार उपाध्याय, समाजसेवी डा.राजू त्यागी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका आदि साथ चले। कलेक्टर के नेतृत्व में टाउनहाल से पांच हाथ ठेले किला चौक तक पहुंचे।
इस दौरान पूरे ठेलों को लोगों ने सामान से भर दिया। शहर के लोगों ने पूरे उत्साह एवं अपनी सामर्थ्य के अनुसार आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों की सहायता के लिए खिलौने एवं उपयोग में आने वाली वस्तुएं प्रदाय की।