दतिया। कांग्रेस के नवनियुक्त जिलाध्यक्ष अशोक दांगी बगदा ने उनके खिलाफ भोपाल में पुलिस प्रकरण दर्ज किए जाने के संदर्भ में बताया कि यह कार्य षडयंत्रपूर्वक किया गया है। जबकि वे वहां पर उपस्थित ही नहीं थे। उन्होंने भोपाल आईजी और एसपी से मामले की तह तक जाने का अनुरोध भी किया है। उन्होंने कहाकि मेरी छवि को दतिया की जनता और दांगी समाज के बीच धूमिल करने की एक सोची-समझी साजिश है। इस साजिश को वे कभी सफल नहीं होने देंगे।
देखें यह वीडियो जिसमें जिला अध्यक्ष ने दी जानकारी
कांग्रेस जिला अध्यक्ष अशोक दांगी बगदा ने शनिवार को जारी एक वीडियो में बताया कि मैं दांगी समाज का युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष हूं, यदि मैंने कोई मीटिंग की होती तो वीडियो अथवा रजिस्टर में मेरा नाम दर्ज होता। मैं तो वहां पर गया ही नहीं हूं। जिस तरीके से समाचार पत्रों में इस मामले को बढ़ा-चढ़ाकर छापा गया है इससे निश्चित ही प्रतीत होता है कि षड़यंत्र का एक हिस्सा है।
जिन लोगों ने दांगी समाज की कथित बैठक का आयोजन किया था, उन्होंने कोरोना गाइड लाइन का पालन भी नहीं किया और वहां भीड़ जमा कर ली थी। जिस फरियादी का नाम का उल्लेख किया गया है, यदि वे मेरे सामने आ जाए तो मैं उन्हें पहचान भी नहीं पाऊंगा और ना ही वे मुझे पहचान पाएंगे। ऐसी स्थिति में मेरे खिलाफ रिपोर्ट की जाना जाहिर तौर पर किसी षड्यंत्र का द्योतक है।
दांगी ने बताया कि समाज की कोई भी मीटिंग होती है तो उसके लिए पहले एक मेमोरेंडम जारी किया जाता है। इस कथित बैठक के लिए न तो कोई मेमोरेंडम जारी किया गया था और ना ही मैं वहां पर गया। फिर यह बैठक कैसे हो गई? उन्होंने पुलिस को भी कहा है कि कोई भी इस कथित बैठक में मेरी एक भी वीडियो क्लिपिंग अथवा एक फोटोग्राफ भी बता दें, तो मैं मान जाऊंगा कि मैं उस कथित बैठक में था। जब मैं बैठक में था ही नहीं, तो मारपीट किसी व्यक्ति के साथ होना कैसे संभव है? कुल मिलाकर यह षड़यंत्र का एक भाग है, जो उनके साथ उनकी छवि को धूमिल करने के लिए किया गया है। इस संदर्भ में उन्होंने मुख्यमंत्री सहित सभी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।