जल संरक्षण में मध्य प्रदेश अव्वल : उड़ीसा दूसरे नंबर पर; 17 जून दिए जाएंगे चौथे राष्ट्रीय जल पुरस्कार

नई दिल्ली  : जल शक्ति मंत्रालय का जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग 17 जून, 2023 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में चतुर्थ राष्ट्रीय जल पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित करेगा। उपराष्ट्रपति  जगदीप धनखड़ से समारोह में मुख्य अतिथि बनने का आग्रह किया गया है। चतुर्थ राष्ट्रीय जल पुरस्कार, 2022 के लिए संयुक्त विजेताओं सहित 41 विजेताओं का चयन किया गया है।  पुरस्कारों में ‘सर्वश्रेष्ठ राज्य’, ‘सर्वश्रेष्ठ जिला’, ‘सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत’, ‘सर्वश्रेष्ठ शहरी स्थानीय निकाय’, ‘सर्वश्रेष्ठ स्कूल’, ‘सर्वश्रेष्ठ मीडिया’, ‘कैंपस उपयोग के लिए सर्वश्रेष्ठ संस्थान’, ‘सर्वश्रेष्ठ जल उपयोगकर्ता संघ’, ‘सर्वश्रेष्ठ उद्योग’, ‘सीएसआर गतिविधियों के लिए सर्वश्रेष्ठ उद्योग’ और ‘सर्वश्रेष्ठ एनजीओ’ सहित 11 श्रेणियां शामिल हैं। पुरस्कार विजेताओं को एक प्रशस्ति पत्र, ट्रॉफी और नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। प्रथम पुरस्कार के लिए 2 लाख रुपये, द्वितीय पुरस्कार के लिए 1.5 लाख रुपये और तृतीय पुरस्कार के लिए एक लाख रुपये की राशि रखी गई है।

पुरस्कार वितरण समारोह की व्यवस्थाओं की समीक्षा के लिए बैठक की अध्यक्षता करते हुए जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग के सचिव पंकज कुमार ने कहा कि यह समारोह सभी विजेताओं, प्रतिभागियों और विभिन्न संगठनों को एक सुदृढ़ साझेदारी के साथ आगे बढ़ाने और जल संसाधन संरक्षण और प्रबंधन गतिविधियों में जनभागीदारी को प्रोत्साहित करने का अवसर प्रदान करेगा।

उन्होंने कहा कि ये पुरस्कार जल के महत्व के बारे में जन-जागरूकता बढ़ाने में मदद करेंगे और उन्हें सर्वोत्तम जल उपयोग प्रथाओं को अपनाने और बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करेंगे। उम्मीद है कि इस समारोह में 1500 लोग हिस्सा लेंगे। प्रतिभागियों में पुरस्कार विजेता और विभिन्न मंत्रालयों/विभागों/संगठनों/ राज्य सरकारों के अधिकारी शामिल होंगे। पुरस्कार समारोह में विभिन्न व्यवस्थाओं की निगरानी के लिए मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की अध्यक्षता में समितियों का गठन किया जा रहा है। पुरस्कारों की अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें

जल शक्ति मंत्रालय एक नोडल मंत्रालय है जो राष्ट्रीय संसाधन के रूप में जल विकास, संरक्षण और प्रबंधन के लिए नीतिगत दिशानिर्देश और कार्यक्रम निर्धारित करने के लिए जिम्मेदार है। विशिष्ठ जल संसाधनों के प्रभावी प्रबंधन के लिए राज्यों, जिलों, स्कूलों, गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ), ग्राम पंचायतों, शहरी स्थानीय निकायों, जल उपयोगकर्ता संघों, संस्थानों और कॉर्पोरेट क्षेत्र सहित विभिन्न हितधारकों का समर्थन और सक्रिय भागीदारी महत्वपूर्ण है। इस पृष्ठभूमि में राष्ट्रीय जल पुरस्कार (एनडब्ल्यूए) की स्थापना ‘जल समृद्धि भारत’ के दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए की गई है।

देश भर में राज्यों, जिलों, व्यक्तियों, संगठनों आदि द्वारा किए गए अनुकरणीय कार्यों और प्रयासों को पहचानने और प्रोत्साहित करने के लिए यह प्रयास किया गया है। प्रथम राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2018 में शुरू किये गए थे। इसका आयोजन जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग ने किया था। इसमें 14 श्रेणियों में 82 विजेताओं को नई दिल्ली में 25 फरवरी, 2019 को सम्मानित किया गया था।

इसके पश्चात् 2019 में द्वितीय राष्ट्रीय जल पुरस्कारों की घोषणा की गई और 16 श्रेणियों अंतर्गत 98 विजेताओं को चुना गया और 11-12 नवंबर, 2020 को भारत के उपराष्ट्रपति ने जल संसाधनों के क्षेत्र में विशेष कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित किया। तृतीय राष्ट्रीय जल पुरस्कार वितरण समारोह 29 मार्च 2022 को आयोजित किया गया था और 11 श्रेणियों के अंतर्गत 57 विजेताओं का चयन किया गया। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने विजेताओं को पुरस्कृत किया। चतुर्थ राष्ट्रीय जल पुरस्कार वितरण समारोह 17 जून, 2023 को विज्ञान भवन में  आयोजित किया जाएगा। इसमें 11 श्रेणियों में विशिष्ट कार्य के लिए 41 विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा।

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