दतिया। दतिया में कोरोना ने अब तक के सारे रिकार्ड ध्वस्त करते हुए सबसे बड़ा विस्फोट मंगलवार को किया। एक साथ 73 कोरोना संक्रमित मरीज निकलने से पूरे प्रशासन में हलचल बढ़ गई है। जांच रिपोर्ट में इतना बढ़ा आंकडा संक्रमितों का निकलने से शहर के लोग भी दहशत में आ गए हैं। वहीं जिला प्रशासन भी संक्रमण की रोकथाम के लिए सख्ती बरतने की तैयारी करने में लगा है। रात को भी पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी सड़कों पर उतरे, जहां लोगों को नियमों का पालन करने की कड़ी हिदायत दी गई। सुबह कलेक्टर संजय कुमार ने एसपी अमन सिंह राठौड के साथ शहर का भ्रमण कर कोरोना गाइड लाइन के पालन को लेकर जायजा लिया था। कलेक्टर लगातार शहर में दिन रात घूमकर लोगों को स्वयं एनांउसमेंट कर समझा रहे हैं कि कोरोना से बचाव में लापरवाही भारी पड़ सकती है।


358 सैंपल में निकले 73 संक्रमित
कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। दतिया में प्रकोप इतनी तेजी से फैलेगा इसका अंदाजा लोगों नहीं लगा पा रहे थे। कोरोना की दूसरी लहर में दिन प्रतिदिन संक्रमित मरीजों का आंकड़ा बढ़ना यह बता रहा था कि कहीं न कहीं लापरवाही बरती जा रही है। मंगलवार को 358 लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे।जिनमें से 73 मरीज कोरोना पॉजिटिव निकले हैं।
शहर में घूमे पुलिस अधिकारी

इधर कोरोना के संक्रमण के बढ़ने की िस्थति को देखते हुए शाम को भी शहर में पुलिस अधिकारियों ने भ्रमण किया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कमल मौर्य, एसडीओपी सुमित अग्रवाल, शहर कोतवाल धनेंद्र सिंह भदौरिया सहित अन्य पुलिस अमले ने शहर में घूमकर कोरोना गाइड लाइन का लोगों से पालन कराया। वहीं बाजार में बिना मास्क मिले लोगों पर सख्ती दिखाई गई।
कोरोना से फाइट के लिए हर जिले को मिलेंगे एक करोड़
कोरोना महामारी से उत्पन्न् परिस्थितियों से निबटने के लिए हर जिले को मुख्यमंत्री राहत कोष से एक करोड़ रुपये का बजट आबंटित किया गया है। जिसमें आवश्यक चिकित्सा उपकरण खरीदने, पुनर्वास शिविर लगाने, मेडीकल शिविर, साफ सफाई आदि पर राशि खर्च की जाएगी। इसके लिए जिला कलेक्टर की स्वीकृति ली जानी अनिवार्य होगी।
लॉकडाउन की जगह अब कोरोना कर्फ्यू
मध्य प्रदेश में lockdown के स्थान पर अब “कोरोना कर्फ़्यू” लगेगा। इस बाबत गृह विभाग द्वारा नए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। कोरोना कर्फ़्यू काे लेकर ज़िला आपदा प्रबंधन समितियों को अधिक अधिकार दिए गए ीीहै। इस पर निर्णय से पहले जनप्रतिनिधियों, व्यापारिक संगठनों, सामाजिक संगठनों, रहवासी संघों, स्वयंसेवी संगठनों, स्थानीय निकायों आदि से चर्चा करने उपरांत जन भावना के अनुरूप ही निर्णय ज़िला स्तर पर आपदा प्रबंधन समितियों द्वारा लिया जाएगा।