भोपाल । प्रदेश में कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिये विभिन्न जिलों में प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जाकर कोरोना कर्फ्यू लगाए जा रहे हैं। गृह विभाग द्वारा कोरोना कर्फ्यू के संबंध में प्रक्रिया निर्धारित कर जिला कलेक्टर्स को सूचित किया गया है। अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा ने बताया कि कोरोना कर्फ्यू से तात्पर्य ऐसे प्रतिबंधात्मक आदेश से है, जिसका मूल ध्येय कोविड-19 संक्रमण को रोकना है।
कोरोना कर्फ्यू से तात्पर्य लॉकडाउन नहीं है। कोरोना कर्फ्यू जिन क्षेत्रों में लागू होगा, वहां शासन द्वारा निर्धारित गतिविधियों पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा और इन गतिविधियों से जुड़े व्यक्ति और वाहनों को किसी पास या ई-पास की आवश्यकता नहीं होगी। कोरोना कर्फ्यू लगाने के पूर्व जिला कलेक्टर द्वारा जन-प्रतिनिधि, स्वयंसेवी संगठनों, व्यापारी एवं सामाजिक संगठनों, रेसीडेंस वेलफेयर कमेटियों, स्थानीय निकायों आदि से विभिन्न स्तर पर विचार-विमर्श एवं परामर्श किया जाएगा।
आमजन सहमति बनने के उपरांत कोरोना कर्फ्यू के संबंध में जिला आपदा प्रबंधन समिति निर्णय लेगी। तत्पश्चात जिला कलेक्टर राज्य सरकार को पूर्व सूचना देने के उपरांत कोरोना कर्फ्यू संबंधी आदेश जारी कर सकेंगे। डॉ.राजौरा ने बताया कि इस प्रक्रिया का मूल उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोरोना कर्फ्यू का निर्णय जनता की मांग तथा आम सहमति से ही लिया जाए।
कोरोना कर्फ्यू में इन प्रतिबंध से रहेगी छूट
* अन्य राज्यों एवं जिलों से माल तथा सेवाओं का आवागमन ।
* अस्पताल, नर्सिंग होम, मेडिकल इंश्योरेंस कम्पनीज, अन्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवाएं।
* केमिस्ट, किराना दुकानें (केवल होम डिलेवरी के लिये), रेस्टॉरेंट (केवल टेक होम डिलीवरी के लिए), पेट्रोल पम्प, बैंक एवं एटीएम, दूध एवं सब्जी की दुकानें तथा ठेले।
* औद्योगिक इकाईयां, औद्योगिक मजदूरों, उद्योगों के लिए कच्चा व तैयार माल, उद्योगों के अधिकारियों-कर्मचारियों का आवागमन।
* एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड, टेली-कम्युनिकेशन, विद्युत प्रदाय, रसोई गैस, होम डिलीवरी सेवाएं, दूध एकत्रीकरण व वितरण के लिए परिवहन।
* सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानें।
* केंद्र सरकार, राज्य सरकार एवं स्थानीय निकाय के अधिकारियों-कर्मचारियों का शासकीय कार्य से किया जा रहा आवागमन।
* इलेक्ट्रीशियन, प्लम्बर, कारपेंटर आदि द्वारा सेवा प्रदाय के लिए आवागमन।
* कंस्ट्रक्शन गतिविधियाँ (यदि मजदूर कंस्ट्रक्शन कैम्पस व परिसर में रुके हों)।
* कृषि संबंधी सेवाएं (जैसे कृषि उपज मण्डी, उपार्जन केन्द्र, खाद, बीज, कीटनाशक दवाएं, कस्टम हायरिंग सेंटर्स, कृषि यंत्र की दुकानें आदि)।
* परीक्षा केन्द्र आने-जाने वाले प्रशिक्षणार्थी तथा परीक्षा केन्द्र एवं परीक्षा आयोजन से जुड़े कर्मी, अधीकारीगण।
* अस्पताल/नर्सिंग होम और टीकाकरण के लिए आवागमन कर रहे नागरिक व कर्मी।
* राज्य शासन द्वारा फसलों के उपार्जन कार्य से जुड़े कर्मी तथा उपार्जन स्थल आवागमन कर रहे किसान।
* बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट से आने-जाने वाले नागरिक।
* आई.टी. कम्पनियां, बीपीओ व मोबाइल कम्पनियों का सपोर्ट स्टॉफ एवं यूनिट्स।
* अखबार वितरण एवं अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारगण।
* होटल (केवल इन-रूम डायनिंग व्यवस्था के साथ)।
* अन्य गतिविधियाँ, जिन्हें जिला कलेक्टर कोरोना कर्फ्यू से मुक्त रखने के लिए उचित समझें, उन सभी पर छूट रहेगी।
कोविड केयर सेंटर का निरीक्षण करने वाले दल होगा प्रशिक्षित
जिलों के शासकीय भवनों में संचालित कोविड केयर सेंटर की व्यवस्थाओं के सतत् निरीक्षण के लिए दल गठित किए गए हैं। गठित दल में प्राचार्य अग्रणी महाविद्यालय और प्राचार्य व प्रभारी प्राचार्य शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज को दायित्व सौंपे हैं। इनका प्रशिक्षण 15 अप्रैल को प्रात: 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होगा।
राज्य शासन द्वारा प्रत्येक जिले के लिए गठित दल को जिले में संचालित समस्त कोविड केयर सेंटर्स का सप्ताह में दो बार अनिवार्य रूप से निरीक्षण करने के निर्देश दिए है। दल द्वारा यह निरीक्षण सप्ताह के प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को किया जाएगा। प्रत्येक सोमवार को मोबाइल एप के माध्यम से निरीक्षण प्रतिवेदन और अंकों के आधार पर मार्किंग भी की जाएगी।
दल द्वारा किए जाने वाले निरीक्षण में कोविड केयर सेंटर की सभी अधोसंरचना, मेडिकल, भोजन, साफ-सफाई और वहां के रहवासियों तथा परिजनों का फीडबैक भी प्रतिवेदन में शामिल किया जाएगा। राज्य शासन द्वारा कोविड केयर सेंटर की स्थापना एवं व्यवस्था के लिए राज्य स्तर पर प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा अनुपम राजन, प्रमुख सचिव लोक निर्माण नीरज मंडलोई और सचिव तकनीकी शिक्षा मुकेश चन्द्र गुप्ता को जवाबदारी सौंपी गई है।