दतिया । मंगलवार को एक ओर पॉजिटिव कोरोना से जिंदगी की जंग हार गया। जिले में कोरोना से जान गंवाने वालों की अब तक संख्या 23 तक पहुंच गई है। शहर की गुरुनानक कालोनी निवासी देवेंद्र गंगवानी (45) की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई। सीएमएचओ आरबी कुरेले के अनुसार देवेंद्र गंगवानी को रविवार की रात गंभीर हालत में कोरोना केयर यूनिट में भर्ती कराया गया था। जहां सोमवार-मंगलवार की दरम्यानी रात करीब 1.30 बजे उसकी मृत्यु हो गई। मंगलवार को आई जांच रिपोर्ट में कोरोना डबल शतक लगाया है। 520 जांच रिपोर्ट में 235 लोग संक्रमित निकले हैं। दतिया में अब तक का यह सबसे बड़ा कोरोना धमाका है।
शहर में कोरोना संक्रमण की स्थिति तेजी से बिगड़ती जा रही है। इसके चलले जिले में कुल 960 से अधिक लोग संक्रमित है। कोरोना टेस्ट कराने वालों हर तीसरा आदमी संक्रमित पाया जा रहा है। देवेंद्र गंगवानी का मंगलवार को स्थानीय श्मशान घाट में कोरोना प्रोटोकाल के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
चतुर योद्धा बनकर जीतनी होगी कोरोना से जंग : कलेक्टर
शादी कभी भी की जा सकती है, दुकानों से सामान फिर बेचा जा सकता है, खाने पीने की चीजें बाद में भी खरीदी जा सकती हैं, रोजमर्रा के जरुरी कार्यों को भी हम कभी भी कर सकते हैं, लेकिन कोरोना की चपेट में आने के बाद जीवन की क्षतिपूर्ति को दोबारा नहीं भरा जा सकता। जिले में अभी तक 23 मौतें हो चुकी हैं। संक्रमण दर 28-30 प्रतिशत है। धीरे-धीरे कमजोर हो रही बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लड़खड़ाने का हम इंतजार नहीं कर सकते। इसलिए यह समय हमारे लिए अन्य जरुरतों पर अंकुश लगाकर स्वस्थ्य एवं निरोग जीवन के बारे में सोचने का है। चेतावनी सहित यह मार्मिक अपील कलेक्टर संजय कुमार ने न्यू कलेक्ट्रेट में स्थित सभागार में मंगलवार को खबरनबीसों से चर्चा के दौरान की।
कलेक्टर कुमार ने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि आम जनता को अपनों की चिंता है, तो वह अब एक चतुर योद्धा के रूप में कोरोना को हराने में सहयोग दें। पिछले 4 दिनों से चल रहे कोरोना कर्फ्यू के बीच लाख सख्ती बरतने के बावजूद भी हम अभी तक कोरोना संक्रमण को रोकने में कामयाब नहीं हो पाए हैं। क्योंकि हमारी जिले की आम जनता का हमें पूरा-पूरा सहयोग नहीं मिल रहा है। यदि आम जनता चाहे तो कोरोना संक्रमण की इस चैन को तोड़ा जा सकता है।
आपकी जागरूकता, आपके अपनों को बचा सकती है
कलेक्टर ने स्पष्ट रूप से आमजनता को संबोधित करते हुए कहाकि हालत लगातार हाथों से निकलते जा रहे हैं। स्वास्थ्य सेवाएं धीरे-धीरे नाकाफी साबित हो रही है। दो उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जिनका हाॅस्पीटल था, जब वो डाॅक्टर कोरोना पाॅजीटिव हुआ तो उसे अपने ही हाॅस्पीटल में तब बैड मिला, जब एक कोरोना मरीज की मौत हो गई। जबकि एक अन्य डाॅक्टर कोरोना मरीजों का इलाज करते हुए संक्रमित हुआ, लेकिन डाॅक्टर को जब तक इलाज के लिए एयर लिफ्ट किया जाता इससे पहले ही कोरोना बनकर आई मौत ने उनका जीवन छीन लिया।
उन्होंने कहा कि हम सभी को सुनी-सुनाई बातों पर ध्यान नहीं देना है। हमें इस बात का भी इंतजार नहीं करना है कि जब हमारे घर से किसी की मौत होगी तब ही हम घर में रहेंगे। क्योंकि जब तक ऐसा कुछ होगा, तब तक आप बहुत कुछ खो चुके होंगे।
सात दिनों का धैर्य बन सकता है जीवनरक्षक
कलेक्टर कुमार ने कहा कि पूरी ताकत से अपने परिजनों के साथ खड़े हो जाओ। बिना कारण के न खुद बाहर निकलो और परिवार के अन्य सदस्यों को ना बाहर निकलने दो। क्योंकि संक्रमित होने के बाद धन-दौलत काम नहीं आएगी। आपके संबंधी भी आपके परिवार से मुंह मोड़ लेंगे। 22 अपै्रल से जिले में कोरोना कर्फ्यू को और सख्त किया जा रहा है। इस बीच प्रशासन को मजबूर न करें कि वे आमजन से सख्ती से पेश आएं। कुल मिलाकर मेरा कहना इतना है कि घर पर रहकर यदि 7 दिन आपने नमक-रोटी से ही पेट भर लिया तो आप जिंदा बचे रहेंगे। यदि संक्रमित हुए तो न जाने कितनों की जिंदगी संकट में डाल देंगे।
शादी टालने की करें कोशिश
हम सभी जानते हैं कि शादी जिंदगी में एक बार होती है। हर मां-बाप की इच्छा होती है कि वह अपने बच्चों की शादी धूमधाम से करें। लेकिन हम अभी महामारी के उस दौर से गुजर रहे हैं जिसमें मौत कब किसको और कैसे अपने आगोश में ले ले कोई पता नहीं। इसलिए शादियों को पहले तो कोशिश करें कि टाल दें। यदि यह संभव न हो तो अपने बच्चों का भविष्य देखते हुए परिवार के 5-5 लोगों के साथ शादी को निपटा लें। इस बीच रिश्तेदारों की भीड़ जोड़ने, खाने पीने के कार्यक्रम न करें।
झोलाछाप डाॅक्टर उपचार करते मिल तो होगी एफआईआर
कलेक्टर संजय कुमार ने कोरोना संक्रमण की समीक्षा करते हुए कहा कि आगामी 5 दिवसों तक लोगों का आवागमन पूरी तरह से प्रतिबंध रखा जाएगा। इसके लिए जिले की सीमाओं पर भी वैरियर लगाए जाएंगे। जिससे किसी भी प्रकार का आवागमन न हो। उन्होंने कहा कि चिकित्सा उपचार के लिए जाने वाले व्यक्ति को छोड़कर अन्य किसी भी व्यक्ति को आवागमन की अनुमति नहीं दी जाएगी। झोलाछाप डाॅक्टर उपचार करते पाए जाने पर उनके विरूद्ध पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। ऐसे मेडीकल स्टोरे जो बिना पंजीयन के संचालित हो रहे हैै उनके विरूद्ध भी औषधी निरीक्षक का सहयोग लेकर कार्यवाही करें।
राजगढ़ चौराहे पर लगा बेरीकेड्स
एसपी अमन सिंह राठौड ने राजगढ़ चौराहा पहुंचकर पुलिस चेकिंग पॉइंट्स का जायजा लिया। उन्होंने वहां से निकलने वाले लोगों से निकलने की वजह पूछी एवं सभी चेकिंग पॉइंट्स पर तैनात पुलिसकर्मियों को निर्देश दिए। इस दौरान पीडब्लूडी के ईई मनीष उदेनिया को शहर में बनाए गए चेकिंग पॉइंट्स पर बेरीकेट्स लगाने के निर्देश दिए। इस दौरान एडिशनल एसपी कमल मौर्य, रक्षित निरीक्षक रविकांत शुक्ला भी साथ रहे।