कुंभ में कोरोना जांच फर्जीवाड़ा: शरत और मल्लिका ने कराया था आरोपी व नलवा लैब के बीच करार

हरिद्वार : कुंभ के कोरोना टेस्टिंग फर्जीवाड़े में विशेष जांच टीम (एसआइटी) ने हरियाणा के भिवानी के एक लैब संचालक को गिरफ्तार किया है।इस प्रकरण में यह पहली गिरफ्तारी है।

पुलिस ने अदालत से आरोपित का तीन का रिमांड भी हासिल कर लिया। फर्जीवाड़े में नामजद मेसर्स मैक्स कारपोरेट सर्विसेज, नई दिल्ली के साझीदारों शरत पंत और मल्लिका पंत के खिलाफ भी एसआइटी को सुबूत मिले हैं।

फर्म के पांच बैंक खातों सहित कुल सात खातों में 31.41 लाख रुपये फ्रीज कर दिए गए हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) सेंथिल अवूदई कृष्णराज एस ने इसकी पुष्टि की।

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शरत पंत व मल्लिका पंत ने अपने स्तर पर ही डेलफिया लैब को टेस्टिंग में शामिल कर लिया था। जबकि उनका अनुबंध हिसार की नलवा लैबोरेटरी और नई दिल्ली की डा. लालचंदानी लैब से था।

हरिद्वार कुंभ में जिन दो दर्जन फर्मों को कोरोना टेस्टिंग का ठेका दिया गया है, उनमें मैक्स कारपोरेट सर्विसेज भी है। करीब सवा महीने पहले कोरोना फर्जीवाड़ा सामने आया था।

इस संबंध में हरिद्वार के मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डा. शंभू कुमार झा ने 17 जून को शहर कोतवाली में मैक्स कार्पोरेट सर्विसेज दिल्ली, नलवा लैब हिसार, हरियाणा व डा. लालचंदानी लैब, दिल्ली के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। विवेचनाधिकारी राजेश साह ने एसआइटी के साथ मिलकर इस मामले की पड़ताल की।

छानबीन में सामने आया कि शरत पंत व उसकी पत्नी मल्लिका पंत ने कुंभ मेला स्वास्थ्य अधिकारी को गुमराह करते हुए नलवा लैब हिसार और लालचंदानी लैब दिल्ली के साथ किए गए एक एमओयू के आधार पर कुंभ मेले में कोरोना टेस्टिंग का ठेका लिया। इसके बाद उन्होंने आपराधिक षडयंत्र रचकर हरियाणा के भिवानी की डेलफिया लैब को भी ठेके में शामिल कर लिया।

जबकि यह लैब भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) से कोरोना टेस्ट के लिए अधिकृत भी नहीं थी। स्वास्थ्य विभाग के साथ हुए अनुबंध में भी यह लैब शामिल नहीं थी। इस लैब को आशीष वशिष्ठ संचालित करता है।

विवेचनाअधिकारी के अनुसार जांच में सामने आया कि शरत पंत व मल्लिका पंत के कहने पर आशीष वशिष्ठ ने अपनी लैब और जगजीतपुर, हरिद्वार की एक संस्था से अकुशल कर्मचारियों से टेस्टिंग कराई। इस दौरान उसने लगभग 1.10 लाख टेस्ट करना दर्शाए। इनमें अधिकांश टेस्ट फर्जी दिखाए गए, उसने इन्हें आइसीएमआर पोर्टल पर अपलोड भी किया।

उन्होंने बताया कि गुरुवार को एसआइटी ने आरोपित आशीष वशिष्ठ निवासी ग्राम बधाना, थाना दुझाना जिला झज्जर हरियाणा को गिरफ्तार कर लिया। उससे लैपटाप व अन्य दस्तावेज बरामद कराने के लिए कोर्ट से तीन दिन का रिमांड भी हासिल कर लिया।

चार करोड़ लेने के लिए बनाए फर्जी बिल: पड़ताल में सामने आया है कि आशीष वशिष्ठ ने कोरोना टेस्टिंग के एवज में करीब चार करोड़ रुपये हासिल करने के लिए नलवा लैब हिसार से फर्जी बिल तैयार कर शरत पंत व मल्लिका पंत को उपलब्ध कराए।

जांच में सामने आया कि जिन मोबाइल नंबरों पर 1.10 लाख कोरोना टेस्ट होना दिखाया, उसमें से हजारों मोबाइल इस्तेमाल में ही नहीं थे। ऐसे भी लोगों मोबाइल नंबर फर्जी रिपोर्ट में दर्ज थे, जो उस दौरान हरिद्वार आए ही नहीं थे।

बता दें, शासन के निर्देश पर जिलाधिकारी सी रविशंकर ने मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) की अगुआई में तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर उसे भी मामले की जांच सौंपी थी। कमेटी ने अभी रिपोर्ट नहीं दी है।

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