भोपाल । मप्र में 24 घंटे के दौरान दो हजार से अधिक कोरोना संक्रमित मिलने के बाद आनन फानन में पांच शहरों में लॉकडाउन लगाने की घोषणा कर दी गई। कोरोना को लेकर बरती जा रही लापरवाही अब भारी पड़ने लगी है। जहां आम लोग बिना मास्क बाजार और अन्य स्थानों पर घूमते फिरते नजर आ रहे हैं। वहीं तमाम नियम कायदों का पालन कराने में सरकारी मशीनरी पूरी तरह सफल नहीं हो पा रही है। जिसका परिणाम है कि हर रोज संक्रमितों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। मार्च माह में ही पिछले साल कोरोना ने रफ्तार पकड़ ली थी, जिसके बाद मप्र सहित पूरे देश को लॉकडाउन का दंश झेलना पड़ा था। अब फिर ऐसे हालात बनने लगे हैं।
मध्यप्रदेश में एक दिन में संक्रमित मरीजों की संख्या पिछले एक सप्ताह से बढ़ती जा रही है। पिछले 24 घंटे में 2,091 नए केस मिले, जबकि 23 मार्च को यह आंकड़ा 1885 था। विदिशा, उज्जैन, ग्वालियर,नरसिंहपुर शहरों के साथ छिंदवाड़ा जिले के सौंसर में भी रविवार को लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया है। इससे पहले भोपाल, इंदौर, जबलपुर, रतलाम, बैतूल और छिंदवाड़ा और खरगोन में रविवार लॉक डाउन हो चुका है। इस तरह 12 शहरों में इस रविवार लॉकडाउन रहेगा। 31 मार्च से इंदौर और भोपाल शहर के सरकारी दफ्तरों में आधे ही कर्मचारियों को ही बुलाया जाएगा। रोटेशन सिस्टम पहले की तरह लागू हो सकता है। जिन जिलों में कोरोना के 20 से अधिक प्रकरण हैं वहां होलिका दहन एवं शब-ए-बारात कार्यक्रम प्रतीकात्मक रूप से ही होंगे।
कोरोना की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने शुक्रवार शाम यह फैसला लिया। इसके अलावा कोरोना पर सख्ती के फैसले के लिए जिलेवार क्राइसेस मैनेजमेंट कमेटी की बैठकें होंगी। आयुष्मान कार्डधारकों को कोरोना का इलाज मुफ्त मिलेगा। स्वास्थ्य विभाग ने यह निर्णय लिया है। प्रदेश के 81 अस्पतालों में बेड रिजर्व किए गए हैं।
कोरोना से 8 साल के बच्चे ने जान गंवाई
कोरोना से पिछले 48 घंटे में 18 लोग जान गंवा चुके हैं। इसमें झाबुआ का 8 साल का बच्चा भी शामिल है। उसे 16 मार्च को बुखार आया था और इंदौर में इलाज चल रहा था। कोरोना की दूसरी लहर के बाद इतने कम उम्र के बच्चे की यह संभवत: पहली मौत है। यही वजह है कि भोपाल, इंदौर और जबलपुर के अलावा छोटे शहरों में प्रशासन अब ज्यादा सख्ती कर रहा है।
प्रदेश में सबसे ज्यादा केस वाले शहर भोपाल, इंदाैर और जबलपुर में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। राज्य में 60 प्रतिशत केस सिर्फ इन तीन शहरों में दर्ज किए गए। भोपाल में कोरोना की रफ्तार बढ़ने के साथ एक्टिव केस में तेजी से वृद्धि हो रही है। यहां एक सप्ताह में 45 प्रतिशत एक्टिव केस बढ़ गए हैं। यदि मार्च महीने के 24 दिन के आंकड़े देखें तो अब तक 5 गुना वृद्धि हो चुकी है। भोपाल में 1 मार्च को एक्टिव केस 556 थे, जो 24 मार्च को बढ़कर 3195 हो चुके हैं।
संक्रमण दर में भी बढ़ोत्तरी
पिछले 7 दिन में जिस तरह से प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ी है, उससे संक्रमण दर में 2.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 17 मार्च को यह दर 5.2 प्रतिशत थी, जो 24 मार्च को बढ़कर 7.3 प्रतिशत तक पहुंच गई है। यानी टेस्ट बढ़ने के साथ पॉजिटिव मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। इसकी वजह यह सामने आई है कि संक्रमित मरीज के संपर्क में आने वालों को ट्रेस करने में लापरवाही हो रही है।
सीएम ने कहा- कोरोना का महासंक्रमण रोकना होगा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश के महानगरों में कोरोना महासंक्रमण की तरह फैल रहा है। इसे रोकने के लिए संक्रमण को रोकना, अस्पतालों में व्यवस्था और वैक्सीनेशन पर सरकार का ज्यादा फोकस है। उन्होंने संकेत दिए कि अब ज्यादा सख्त निर्णय लिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहाकि लॉकडाउन का आर्थिक गतिविधियों पर बहुत ही बुरा असर होता है। लेकिन आपात जैसी स्थिति में कुछ मर्यादा रखनी पड़ती है और लोगों की जान बचाने के लिए सरकार को अपना धर्म निभाना पड़ता है। इसको ध्यान में रखते हुए फैसले लिए जाएंगे।
स्कूलों के खुलने पर अभी संशय
प्रदेश में 8वीं तक के स्कूलों को 1 अप्रैल से खोले जाने का लेकर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। हालांकि जिस तरह से केस बढ़ते जा रहे हैं, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्राइमरी व मिडिल स्कूल फिलहाल बंद ही रहेंगे। इसको लेकर मुख्यमंत्री द्वारा बुलाई गई समीक्षा बैठक में फैसला हो सकता है। बता दें कि कक्षा 8वीं तक के स्कूल एक साल से बंद हैं। इधर भोपाल, इंदौर और जबलपुर सहित 15 जिलों में 20 से अधिक कोरोना केस आने लगे हैं। उज्जैन, खरगोन, छिंदवाड़ा, रतलाम और बैतूल में संक्रमण की रफ्तार लगातार बढ़ती जा रही है। पिछले 24 घंटे में उज्जैन 83, रतलाम 65, ग्वालियर 63, खरगौन 60, बैतूल 54, सागर 44, बड़वानी 37, छिंदवाड़ा 35, नरसिंहपुर 33, शहडोल 27, बालाघाट 26 और शाजापुर में 22 संक्रमित मिले।