भारत में शीघ्र ही कॉरपोरेट खेती के स्थान पर को-ऑपरेटिव खेती होगी : केंद्रीय मंत्री शाह बोले जल्दी ही आएगी नई सहकारिता नीति
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Bhopal News : भोपाल । भारत में शीघ्र ही कॉरपोरेट खेती के स्थान पर कोऑपरेटिव खेती होगी। केन्द्र सरकार शीघ्र ही नई सहकारिता नीति ला रही है। देश में सहकारिता विश्वविद्यालय खोला जायेगा। यह बात केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने भोपाल प्रवास के दौरान कही।

उन्होंने कहाकि पैक्स (प्राथमिक कृषि सहकारी समिति) को बहुउद्देशीय बनाया जाएगा। मार्केटिंग के क्षेत्र में भारत सरकार आगामी एक माह में एक्सपोर्ट हाउस बनाने जा रही है। अमूल कुछ ही समय में देश में मिट्टी का परीक्षण एवं किसानों के उत्पाद का परीक्षण कर उन्हें जैविक प्रमाण-पत्र ‘अमूल’ के नाम से देगा। इससे किसानों को अपनी फसलों का अधिक मूल्य मिलेगा और प्राकृतिक एवं जैविक खेती को प्रोत्साहन मिलेगा।

देश के 6 अन्य राज्यों के उत्पादों का प्रमोशन : केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह भोपाल के होटल ताज में नाफेड द्वारा आयोजित “कृषि विपणन में सहकारी संस्थाओं की भूमिका” विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल हुए थे।

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उन्होंने “एक जिला-एक उत्पाद योजना” में मध्यप्रदेश के 11 जिलों के 11 उत्पादों के साथ देश के 6 अन्य राज्यों के उत्पादों का भी प्रमोशन किया। शाह ने “सहकार से समृद्धि-51 कहानियां” पुस्तक एवं “सहकारी पुस्तक परिपत्र भाग-1 एवं 2” का विमोचन भी किया।  

एक माह में मॉडल एक्ट लेकर आएंगे : केन्द्रीय मंत्री शाह ने कहाकि प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों को बहुउद्देशीय बनाने के उद्देश्य से एक माह में मॉडल एक्ट लेकर आएंगे। जो इन्हें मजबूत एवं बहुआयामी बनाएगा। हर पैक्स को एफपीओ बनने की योग्यता प्राप्त हो जाएगी। वे मार्केटिंग के साथ ही भंडारण, परिवहन सहित 22 प्रकार की गतिविधियां कर सकेंगी। पैक्स से अपेक्स तक मजबूत मार्केटिंग व्यवस्था होगी।

कृषि निर्यात 50 विलियन डालर पार : केन्द्रीय मंत्री शाह ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत में किसानों की आय को दोगुना करने के सराहनीय प्रयास हुए हैं। भारत दलहन एवं तिलहन को छोड़कर अन्य उत्पादों में आत्म-निर्भर हो चुका है। किसानों को अच्छा एमएसपी मूल्य दिलवाया जा रहा है।

ई-नाम पोर्टल से 2 करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार हो चुका है। हमारा कृषि निर्यात 50 विलियन डालर को पार कर चुका है। अब सहकारी संस्थाएं जेम पोर्टल से न केवल खरीदी कर सकेंगी, बल्कि उत्पादों को बेच भी सकेंगी।

केन्द्रीय मंत्री शाह ने कहाकि नाफेड किसान और सरकार के बीच में मजबूत कड़ी है, जो सरकारी योजनाओं को जमीन पर उतारने का सशक्त माध्यम है। यह विपणन का शीर्ष संगठन है। नाफेड अपने कार्य को विस्तृत करें। ऐसी व्यवस्था हो कि निजी कम्पनियां भी नाफेड से उत्पाद खरीदें। मार्केटिंग की व्यवस्था से नाफेड आत्म-निर्भर बने।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि “सबको साख-सबका विकास” मध्यप्रदेश में सहकारिता का मूल मंत्र है। इस दिशा में सरकार तेजी से काम कर रही है। सहकारिता भारत की मिट्टी एवं जड़ों में है। सर्वे भवन्तु सुखिन:, वसुधैव कुटुम्बकम यह सभी हमारे मंत्र है, जो सहकार की भावना को व्यक्त करते हैं।

भारत सहकारिता के इतिहास में 6 जुलाई का दिन स्वर्ण अक्षर में लिखा जाएगा। इस दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत में पृथक सहकारिता मंत्रालय बनाया और अमित शाह को इसकी बागडोर सौंपी। अमित शाह ने सहकारिता को भारत में नई दिशा एवं गति दी है।

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