नई दिल्ली : क्रेडाई के पूर्व अध्यक्ष तथा सैवी ग्रुप के संस्थापक अध्यक्ष जक्षय शाह को 21 अक्टूबर, 2022 से तीन वर्षों की अवधि के लिए भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई) के नए अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। वर्तमान अध्यक्ष मैकन्से इंडिया के पूर्व प्रमुख आदिल जैनुलभाई, जिन्होंने 2014 से 2022 तक आठ वर्षों की अवधि के लिए तीन कार्यकालों के माध्यम से क्यूसीआई के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया, का स्थान लेंगे।
जक्षय शाह को उनके विशाल उद्योग अनुभव के आधार पर नियुक्त किया गया है जो क्यूसीआई के पूर्व अध्यक्षों द्वारा स्थापित गुणवत्ता की विरासत के कार्य को और आगे बढ़ाने में योगदान देगे। शाह ने 1996 में भारत के सबसे बड़े बुनियादी ढांचा समूहों में से एक सैवी ग्रुप की स्थापना की और भारत में निजी रियल एस्टेट डेवेलपर्स के शीर्ष निकाय क्रेडाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पदभार संभाला। इसके अतिरिक्त, वह एसोचैम पश्चिमी क्षेत्र विकास परिषद के अध्यक्ष भी हैं फार्मइजी एक्सेलेरेटर प्रोग्राम, जो 1 लाख से अधिक दवा तथा स्वास्थ्य उत्पाद की पेशकश करता है, में सलाहकार के रूप में कार्य करते हैं।
अपनी नई यात्रा के बारे में चर्चा करते हुए, शाह ने बताया , ‘‘ मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मुझे क्यूसीआई के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त करने के लिए आभारी हूं। मैं आदिल जैनुलभाई को क्यूसीआई में उनके उल्लेखनीय कार्यकाल के लिए बधाई देता हूं। उनके नेतृत्व के तहत, इस संगठन ने प्रचुर विकास तथा प्रगति हासिल की है। मैं सौभाग्यशाली हूं कि यहां से उनकी विरासत को आगे बढ़ा रहा हूं। क्यूसीआई 1000 से अधिक लोगों का एक जीवंत संगठन है जो 140 करोड़ भारतीय नागरिकों के जीवन में गुणवत्ता में सुधार ला रही है। मैं भारतीय गाथा में बहुत अधिक विश्वास करने वालों में से हूं और मुझे भरोसा है कि क्यूसीआई 2047 तक एक विकसित देश के रूप में भारत के प्रधानमंत्री के विजन को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसे गुणवत्ता तथा उन सभी चीजों की साख के स्तंभों पर अर्जित किया जाएगा जो ‘‘ विश्व के लिए मेड इन इंडिया ‘‘ है।
क्यूसीआई के निवर्तमान अध्यक्ष आदिल जैनुलभाई ने पिछले आठ वर्षों में भारत के गुणवत्ता परितंत्र में रूपांतरणों की एक प्रक्रिया को जन्म दिया। जैनुलभाई के सक्षम नेतृत्व के तहत, यह संगठन एक आत्म-निर्भर स्तंभ के रूप में विकसित हुआ है और इसने भारतीय नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के व्यापक प्रभाव के लिए निःस्वार्थ आधार पर कार्यकलापों की शुरुआत की है। जैनुलभाई ने नवोन्मेषण के माध्यम से चुनौतियों का समाधान करने के लिए सरकारी क्षेत्र में युवा सोच की शुरुआत को उत्प्रेरित करने में भी योगदान दिया है। इसके परिणामस्वरूप, 16 गुना बढ़कर, 1000 से अधिक लोगों तक पहुंच गया है जिन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण, ई-कॉमर्स, आवासन आदि जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में एक अमिट छाप छोड़ी है और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर भी हो गए हैं जिससे भारत में गुणवत्ता के अधिदेश को आगे बढ़ाते हुए यह वास्तव में एक स्वायत्तशासी संगठन बन गया है।
आदिल जैनुलभाई ने अपने कार्यकाल का स्मरण करते हुए कहा, ‘‘ जब मैं क्यूसीआई के अध्यक्ष के रूप में अपना कार्यकाल पूरा कर रहा हूं, मैं इस संगठन के माध्यम से देश की सेवा कर खुद को गौरवान्वित और बहुत सम्मानित महसूस करता हूं। मैं जक्षय शाह को क्यूसीआई के नए अध्यक्ष के रूप में उनकी नियुक्ति पर बधाई देता हूं।
मुझे भरोसा है कि उनके नेतृत्व में, क्यूसीआई भारतीय नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के अपने मिशन को जारी रखेगी। ‘‘ क्यूसीआई के महासचिव डॉ. रवि पी सिंह ने शाह की नियुक्ति का स्वागत करते हुए कहा, ‘‘ क्यूसीआई के अध्यक्ष के रूप में हमारे विख्यात हस्तियां रही हैं जिनमें शाह नवीनतम हैं। इस प्रतिष्ठित कंपनी में, हम उनका स्वागत करते हैं और विश्वास करते हैं कि उनका युवा उत्साह इस संगठन की गति और स्फूर्ति को और और आगे बढ़ाएगा। ‘‘
क्यूसीआई की स्थापना 1997 में भारत सरकार के एक कैबिनेट नोट के माध्यम से की गई थी। क्यूसीआई परीक्षण, निरीक्षण तथा प्रमाणन निकायों की राष्ट्रीय मान्यता के माध्यम से देश में गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए अधिदेशित है, जिन्हें सभी सेक्टरों में थर्ड पार्टी आकलनों को प्रेरित करते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दी जाती है।
यह गुणवत्ता पर उद्योग एवं उपभोक्ताओं को संवेदनशील बनाने के लिए तथा प्रत्येक भारतीय नागरिक के लिए जीवन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एक राष्ट्रीय गुणवत्ता अभियान चलाने के लिए क्षमता निर्माण पहल भी करती है। क्यूसीआई एक बिलियन से अधिक भारत के लोगों की गुणवत्ता की आकांक्षा को पूरा करने वाला एक संगठन बन गया है।
प्रधानमंत्री के विजन से दिशानिर्देशित, क्यूसीआई ने अपने मान्यता प्राप्त संगठनों, उभरती प्रौद्योगिकियों और एक गतिशील श्रमबल की शक्ति का लाभ उठाया है जिससे कि शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, भोजन, स्वच्छता, भूजल प्रबंधन और कोयला जैसे प्राकृतिक संसाधनों की गुणवत्ता का आकलने करने के लिए विभिन्न प्रमुख योजनाओं में सरकार की सहायता की जा सके।
यह कोविड-19 के दौरान प्रत्यायन के माध्यम से आरटीपीसीआर जांच क्षमता की भारत की गुणवत्ता को विस्तारित करने में सहायक रही है। स्वच्छ भारत मिशन, गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस ( जीईएम), पीएम उज्ज्वला योजना, पीएम आवास योजना, अटल इनोवेशन मिशन, अटल भूजल मिशन,
जीरे डिफेक्ट जीरो इफेक्ट (जेडईडी) तथा दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना जैसी स्कीमों में क्यूसीआई के योगदान ने सार्वजनिक सेवा प्रदायगी तथा अभिशासन में निगरानी तथा प्रभावशीलता पर मजबूत फोकस विकसित करने में सहायता की है।
इसके अतिरिक्त, क्यूसीआई डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपेन नेटवर्क, उन्नति रोजगार नेटवर्क, मेड इन इंडिया स्कीम, नेशनल प्रोग्राम मैनेजमेंट पॉलिसी तथा फ्रेमवर्क, सीपीजीआरएएमएस निवारण निगरानी तथा भारतीय खाद्य निगम के रूपांतरण जैसी अग्रणी प्रवर्तक परियोजनाओं का भी नेतृत्व करता रही है-जिनमें से कई आत्म निर्भर भारत के प्रधानमंत्री के विजन की भावना के साथ आरंभ की गई है।