पीएम ने देशवासियों को दिया ये शानदार उपहार : 70 साल बाद भारत में आए 8 चीते , बॉक्स खोलकर चीतों को क्वारंटीन बाड़े में छोड़ा

भोपाल / ग्वालियर /कुनो /श्योपुर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार 17 सितम्बर को प्रदेश और देश को ऐतिहासिक सौगात दी जहा भारत का 70 साल का इंतजार आज खत्म हुआ जहा उद्यान में चीतों को लम्बे अंतराल के बाद पुन: बसाने के लिये विमुक्त किया गया गौरतलब हैं की आज पीएम मोदी का 72 व जन्मदिन हैं।

माना जा रहा हैं की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने इस 72 वा जन्मदिन के अवसर पर देश को बहुमूल्य उपहार दिया हैं और टूरिज्म क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि का आगाज़ किया है। नामीबिया से आए 8 चीतों ने आज भारत की धरती पर कदम रखा। कूनो नेशनल पार्क में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बॉक्स खोलकर तीन चीतों को क्वारंटीन बाड़े में छोड़ा।

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा की ये बात सही है कि, जब प्रकृति और पर्यावरण का संरक्षण होता है तो हमारा भविष्य भी सुरक्षित होता है। विकास और समृद्धि के रास्ते भी खुलते हैं। कुनो नेशनल पार्क में जब चीता फिर से दौड़ेंगे, तो यहाँ का grassland eco-system फिर से restore होगा, bio-diversity और बढ़ेगी। आने वाले दिनों में यहाँ eco-tourism भी बढ़ेगा, यहाँ विकास की नई संभावनाएं जन्म लेंगी, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

प्रधानमंत्री ने चीता मित्रों के साथ चर्चा की

उन्होंने आगे कहा की आज 21वीं सदी का भारत, पूरी दुनिया को संदेश दे रहा है कि Economy और Ecology कोई विरोधाभाषी क्षेत्र नहीं है। पर्यावरण की रक्षा के साथ ही, देश की प्रगति भी हो सकती है, ये भारत ने दुनिया को करके दिखाया है। आज एक ओर हम विश्व की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हैं, तो साथ ही देश के वन-क्षेत्रों का विस्तार भी तेजी से हो रहा है।

पीएम का सभी देशवासियों से ये आग्रह !
कुनो नेशनल पार्क में छोड़े गए चीतों को देखने के लिए देशवासियों को कुछ महीने का धैर्य दिखाना होगा, इंतजार करना होगा। आज ये चीते मेहमान बनकर आए हैं, इस क्षेत्र से अनजान हैं। कुनो नेशनल पार्क को ये चीते अपना घर बना पाएं, इसके लिए हमें इन चीतों को भी कुछ महीने का समय देना होगा। अंतरराष्ट्रीय गाइडलाइन्स पर चलते हुए भारत इन चीतों को बसाने की पूरी कोशिश कर रहा है। हमें अपने प्रयासों को विफल नहीं होने देना है।

PM ने ऐतिहासिक पल को अपने कैमरे में किया कैद

पीएम ने बताया अपने मन का हाल
मानवता के सामने ऐसे अवसर बहुत कम आते हैं जब समय का चक्र, हमें अतीत को सुधार कर नए भविष्य के निर्माण का मौका देता है। आज सौभाग्य से हमारे सामने एक ऐसा ही क्षण है। दशकों पहले, जैव-विविधता की सदियों पुरानी जो कड़ी टूट गई थी, विलुप्त हो गई थी, आज हमें उसे फिर से जोड़ने का मौका मिला है।

आज भारत की धरती पर चीता लौट आए हैं। और मैं ये भी कहूँगा कि इन चीतों के साथ ही भारत की प्रकृति प्रेमी चेतना भी पूरी शक्ति से जागृत हो उठी है। मैं इस ऐतिहासिक अवसर पर सभी देशवासियों को बधाई देता हूँ।

ग्वालियर एयरपोर्ट पर स्वागत !
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वायुसेना के विमान से शनिवार सुबह लगभग 10 बजे ग्वालियर पधारे। प्रधानमंत्री का विमानतल पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आत्मीय स्वागत किया। प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र, जल संसाधन मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट, पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया, भाजपा जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया।

विमानतल पर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना उपस्थित थे। प्रधानमंत्री मोदी विमानतल पर कुछ देर रूकने के बाद हेलीकॉप्टर द्वारा श्योपुर जिले में कूनो राष्ट्रीय उद्यान में भारत में वन्य-प्राणी चीता की पुनर्स्थापना कार्यक्रम में भाग लेने के लिये रवाना हुए।

भारत में वर्ष 1952 से विलुप्त घोषित ‘चीता’ वर्ष 2022 में पुन : पुनर्स्थापित होने जा रहा है। इसके पूर्व चीता पुनर्स्थापना के लिए केन्द्र और राज्य सरकार के साथ अंतर्राष्ट्रीय चीता विशेषज्ञों की चर्चा हुई। प्रदेश के लिये गौरव की बात है कि भारतीय वन्य जीव संस्थान (वाईल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट) ने भारत में चीता पुनर्स्थापना के लिए किये गये संभावित क्षेत्रों के सर्वेक्षण में देश में चयनित 10 स्थान में से प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान को सर्वाधिक उपयुक्त पाया। यह ऐतिहासिक है कि इस कार्य का शुभारंभ प्रधानमंत्री  मोदी के कर-कमलों से हो रहा है। प्रधानमंत्री  मोदी दो बाड़ों में चीते विमुक्त ने किये । पहले बाड़े में दो नर चीते छोड़े जाएंगे।

दूसरे बाड़े में एक मादा चीता को छोड़ा जाएगा। वन विभाग के अधिकारियों के दल ने नामीबिया की चीता प्रबंधन तकनीक का प्रशिक्षण प्राप्त किया है। परियोजना के एकीकृत प्रबंधन में कूनो राष्ट्रीय उद्यान के 750 वर्ग किलोमीटर में लगभग दो दर्जन चीतों के रहवास के लिए उपयुक्तता है। इसके अतिरिक्त करीब 3 हजार वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र दो जिलों श्योपुर और शिवपुरी में चीतों के स्वच्छंद विचरण के लिए उपयुक्त है।

स्व-सहायता समूहों की बहनों का सम्मेलन : प्रधानमंत्री  मोदी श्योपुर जिले के कराहल में महिला स्व-सहायता समूहों के सम्मेलन में शिवपुरी, मण्डला, शहडोल और तामिया के विशेष पिछड़ी जनजाति समूह कौशल विकास प्रशिक्षण केन्द्रों का ई-लोकार्पण या । प्रधानमंत्री  मोदी स्व-सहायता समूहों की बहनों से संवाद कर उद्यमशीलता की जानकारी प्राप्त की।

प्रदेश में महिला सशक्तिकरण और उन्मुखीकरण के लिये म.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में 3 लाख 86 हजार स्व-सहायता समूह कार्य कर रहे हैं।

इन समूहों से 43 लाख से अधिक परिवार जुड़े हैं :  समूहों द्वारा सब्जी उत्पादन, दुग्ध उत्पादन, अगरबत्ती, हैण्डवॉश, साबुन निर्माण, कृषि और पशुपालन आधारित आजीविका गतिविधियाँ और आजीविका पोषण वाटिका के संचालन संबंधी कार्य किये जा रहे हैं।

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