Datia News : दतिया। आपसी रंजिश के चलते अपने चचेरे भाई की हत्या करने वाले तीन सगे भाईयों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश सेवढा आरपी कतरौलिया द्वारा सुनाए गए फैसले में दो अन्य आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया गया है। घटना 6 सितम्बर 2012 को इंदरगढ़ थाना क्षेत्र के ग्राम ऊंचिया में हुई थी। मामले में 7 लोगों को आरोपित बनाया गया था। इसमें से एक आरोपित की उम्र 18 वर्ष से कम होने के कारण उसके प्रकरण को बाल न्यायालय में स्थानांतरित किया गया। जबकि एक अन्य आरोपित की मौत हो गई थी।
एजीपी रवि शर्मा ने बताया कि आरोपित राजाराम पुत्र मंशाराम तिवारी एवं फरियादी रामलाल तिवारी निवासी ग्राम उंचिया के घर आमने सामने थे, बीच में आम रास्ता था। ट्रैक्टर निकालने की बात पर से दोनों परिवारों के बीच विवाद हो गया। रंजिश के चलते 6 सितम्बर 2012 की सुबह 6 बजे जब फरियादी रामलाल का पुत्र दीपक तिवारी अपने घर चबूतरे पर मंजन कर रहा था तभी 7 लोग हथियारों से लेस होकर आ गए।
मामले में फरियादी रामलाल के अनुसार वह घटना स्थल पर भैंस से दूध निकाल रहा था तभी आरोपित नरेंद्र तिवारी, प्रमोद तिवारी बंटी उर्फ राघवेन्द्र पुत्रगण राजाराम तिवारी 12 बोर एवं अधिया बंदूक लेकर, राजाराम तिवारी कुल्हाडी लिए, रामनरेश व अंकित दुबे बंदूक और प्रमोद दुबे लाठी लेकर एक साथ आए। इन लोगों ने उनके पुत्र दीपक पर हमला कर दिया। इस हमले में एक गोली दीपक के सीने में लगी।
घायल अवस्था में उपचार के लिए ग्वालियर ले जाते वक्त दीपक की मौत हो गई। पुलिस ने थाना इंदरगढ़ में आरोपितों के विरूद्ध हत्या और बलवा की धाराओं में अपराध पंजीबद्ध किया। विवचेना पश्चात विचारण के लिए न्यायालय में पेश किया गया। विचारण के दौरान आरोपित राजाराम की मृत्यु हो गई।
आरोपित अंकित नाबालिग होने से उसका विचारण अभियोग पृथक से बाल न्यायालय में पेश हुआ था। न्यायालय में 11 वर्ष तक चले इस प्रकरण में आरोपित रामनरेश दुबे एवं प्रमोद दुबे को संदेह का लाभ देते हुए समस्त आरोपों से बरी कर दिया गया। लेकिन आरोपित नरेंद्र, प्रमोद, बंटी उर्फ राघवेंद्र को आरोपों में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास व पांच हजार रुपये अर्थदंड एवं 3 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई।