नक्सल विरोधी अभियान में शहीद निरीक्षक आशीष शर्मा के परिजन को 1 करोड़ की सहायता स्वीकृत, भाई को अनुकंपा नियुक्ति

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में हुई मंत्रि-परिषद बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। सबसे अहम निर्णय नक्सल विरोधी अभियान में शहीद हुए निरीक्षक स्व. आशीष शर्मा के परिवार को आर्थिक सहयोग और अनुकंपा नियुक्ति से संबंधित रहा।


शहीद निरीक्षक के परिवार को आर्थिक सहायता और नियुक्ति : 19 नवम्बर 2025 को नक्सल-विरोधी अभियान के दौरान हुए पुलिस-नक्सल मुठभेड़ में हॉक फोर्स, बालाघाट के निरीक्षक आशीष शर्मा वीरगति को प्राप्त हुए थे। मंत्रि-परिषद ने उनके परिजन को 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत की है।

इसके साथ ही, उनके छोटे भाई अंकित शर्मा को जिला पुलिस बल में उप निरीक्षक (SI) के पद पर अनुकंपा नियुक्ति देने का निर्णय लिया गया। आशीष शर्मा को उनके साहस और सेवा भाव के लिए पूर्व में दो बार राष्ट्रपति वीरता पदक, वर्ष 2021 में मुख्यमंत्री आंतरिक सेवा पदक, 2023 में दुर्गम सेवा पदक, तथा 2023 में आउट ऑफ प्रमोशन भी प्रदान किया गया था। मंत्रि-परिषद की बैठक वंदे मातरम गान के साथ प्रारंभ हुई।


नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्ष पद चुनाव—फिर प्रत्यक्ष प्रणाली की तैयारी : बैठक में प्रदेश के नगरीय निकायों के अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। मंत्रि-परिषद ने नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्ष पद के निर्वाचन को प्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाने संबंधी विधेयक को विधानसभा में प्रस्तुत करने की अनुमति दी।

इस प्रणाली के तहत अध्यक्ष का चुनाव सीधे मतदाता करेंगे, जैसा कि वर्ष 1999 से 2014 तक होता रहा था।
साल 2022 में यह चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से—निर्वाचित पार्षदों के माध्यम से—किए गए थे, जबकि महापौर का चुनाव अब भी प्रत्यक्ष प्रणाली से ही होता है।

सरकार का कहना है कि प्रत्यक्ष प्रणाली में स्थानीय नेतृत्व की जवाबदेही और जनता की सीधी भागीदारी बढ़ती है, जिसे ध्यान में रखते हुए विधेयक लाने का निर्णय लिया गया है।


बैठक में लिए गए निर्णयों का व्यापक असर : इन निर्णयों से एक ओर पुलिस बल में सेवा के दौरान शहीद हुए जवानों के परिवारों को सम्मानजनक सहयोग सुनिश्चित होगा, वहीं दूसरी ओर नगरीय निकायों में चुनाव प्रक्रिया को लेकर एक बड़े बदलाव का मार्ग प्रशस्त होगा।

प्रदेश में आने वाले सत्र में इस विधेयक पर चर्चा और अनुमोदन के बाद चुनाव प्रणाली में ठोस परिवर्तन देखने को मिल सकता है।

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