साइबर ठगों ने कलेक्टर को भी नहीं छोड़ा : दतिया और दमोह में विदेशी नंबरों से मांगे गए रुपये, जांच में जुटी पुलिस

Datia news : दतिया। साइबर ठगी अब इस हद तक होने लगी है कि विदेश में बैठे ठग कलेक्टरों के नाम पर व्हाटसएप अकाउंट बनाकर उसके माध्यम से लोगों को रुपये की जरुरत संबंधी मैसेज भेज रहे हैं। यह कारनामा दतिया और दमोह कलेक्टर के साथ हुआ है। जिसके बाद स्थानीय पुलिस और प्रशासन इसकी जांच में जुट गया है। दतिया में स्वप्निल वानखडे और दमोह में सुधीर कुमार कोचर के नाम पर ऐसे फर्जी अकाउंट बनाए गए हैं। जिससे रुपयों की ठगी का प्रयास किया गया।

दतिया में कलेक्टर स्वप्निल वानखडे के नाम और फोटो का उपयोग कर साइबर ठगी का प्रयास करने का मामला सामने आया है। इस फर्जीवाडे की जानकारी मिलते ही प्रशासन ने जांच प्रारंभ कर दी है। साइबर सेल और पुलिस टीमें इन संदिग्ध नंबरों और खातों की निगरानी में जुट गई हैं।

कलेक्टर कार्यालय ने भी संबंधितों से सतर्क रहने और ऐसी गतिविधियों की सूचना तत्काल प्रशासन को देने को कहा है। ताकि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।

इस संबंध में दी गई जानकारी के मुताबिक कलेक्टर वानखडे के नाम से एक फर्जी व्यक्ति द्वारा लोगों से पैसे मांगने का प्रयास व्हाट्सएप या अन्य इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म से किया गया।

साइबर ठग विदेशी नंबर (+84337706062) से संपर्क कर खुद को कलेक्टर बताकर लोगों को धोखा देने की कोशिश कर रहा है। यह फर्जी व्यक्ति व्हाट्सएप चैट के माध्यम से खुद को कलेक्टर वानखडे बताकर नागरिकों से बातचीत कर सहायता या दान के नाम पर पैसे भेजने का मैसेज भेजता है।

कलेक्टर कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि कलेक्टर या किसी भी सरकारी अधिकारी द्वारा नागरिकों से इस तरह से पैसे मांगना पूरी तरह गलत है।

इस मामले में जिला प्रशासन ने भी आग्रह किया है कि कोई भी नागरिक किसी भी परिस्थिति में ऐसे काल या संदेश पर विश्वास न करें और किसी को भी पैसे न भेजें।

यदि कोई व्यक्ति इस प्रकार का संदेश भेजता है तो उसके बारे में साइबर क्राइम पोर्टल या नजदीकी थाने में शिकायत दर्ज कराने को कहा गया है।

साथ ही ऐसे मामलों में नागरिकों को खुद सतर्क रहने और दूसरों को भी जागरुक करने का आग्रह किया गया है ताकि कोई व्यक्ति आनलाइन ठगी का शिकार न हो सके।

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