भगवान शिव के साथ दतिया की निकेता ने लिए सात फेरे : शिवलिंग को पहनाई वरमाला, शहर में पुष्पवर्षा के बीच निकली बारात

Datia News : दतिया। कहते हैं न जब भगवान में मन रम जाएं तो बस उसे ही पाने की इच्छा में इंसान अपना पूरा जीवन समर्पित कर देता है। कई वर्षों पहले भक्ति की पराकाष्ठा का यह इतिहास मीरा बाई के साथ भी जुड़ा। जिन्होंने अपना सब कुछ कान्हा को समर्पित कर उन्हें ही पति रुप में स्वीकार कर लिया था। लेकिन जैसे जैसे दौर आगे बढ़ा यह परंपरा एक बार फिर से नजर आने लगी है। जब कुछ युवतियां अपना जीवन परमात्मा से जोड़कर जगत सेवा में लीन होना चाहती हैं। ऐसा ही वाक्या दतिया में भी देखने को मिला। जब प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय से जुड़ी एमबीए पास निकेता ने भगवान शिव को पति रूप में वरण कर अपना जीवन उन्हें समर्पित कर दिया।

इस पूरी परंपरा को निभाने के लिए प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी संस्था की दतिया प्रमुख दीपा बहन ने वैवाहिक रस्मों का विधिवत आयोजन निकेता के पिता विजय चौरसिया, मां राखी चौरसिया और भाई की मौजूदगी में कराया।

Banner Ad

जहां मेंहदी, हल्दी, भात के साथ बारात, जयमाला, कन्यादान और पैर पखराई की रस्में भी निभाई गई। समारोह में देखने पर ऐसा ही प्रतीत हो रहा था कि जैसे स्टेज पर दूल्हे के रूप में विराजमान शिवलिंग और दुल्हन बनी निकेता परिणय सूत्र में बंध रहे हों। आयोजन में गृहमंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा ने भी पहुंचकर इसमें सहभागिता की।

 

दतिया में इस तरह का पहला आयोजन : प्रजापिता ब्रम्हाकुमारीज संस्था प्रमुख दीपा बहन बताती हैं कि दतिया में इस तरह का पहला आयोजन हुआ है। जिसमें संस्था से जुड़ी युवती ने अपना जीवन भगवान शिव को समर्पित कर प्रभु समर्पण सम्मान की परंपरा निभाई हो। उन्होंने कहाकि संस्था की इस परंपरा को निभाने में निकेता सहित उसके पूरे परिवार में काफी उत्साह दिखाई दिया। बारात पहुंचने के बाद प्रजापिता ब्रम्हाकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय प्रमुख दीपा बहन की मौजूदगी में बहन निकेता ने विधिविधान से शिवलिंग को वरमाला पहनाई। साथ ही अपना जीवन परमात्मा के लिए समर्पित करने के वचन लेकर सात फेरे लिए।

संसार की सेवा करने का लिया संकल्प : निकेता ने बताया कि जब वह कक्षा चार में पढ़ती थी तभी से उनका ब्रम्हाकुमारीज संस्था में आना जाना शुरू हो गया था। यहां की प्रमुख दीपा बहन उन्हें संस्था की ओर से लगने वाली झांकी में कभी कृष्ण, राधा तो कभी अन्य देवी देवताओं के रुप में सजाती थी। भगवान के स्वरूपों के साथ ही निकेता का मन भी भक्ति में रमने लगा। फिर क्या था निकेता संस्था के नियमों और कार्यों में रूचि दिखाने लगी। इसके बाद जब उन्होंने युवा अवस्था में प्रवेश किया तो घर गृहस्थी में पड़कर अपना जीवन संकुचित करने के बजाय सारे संसार को परिवार मानकर उसकी सेवा करने का संकल्प ले लिया।

बग्गी पर दूल्हा बन सवार हुए भगवान शिव : प्रजापिता ब्रम्हाकुमारीज संस्था के प्रभु समर्पण सम्मान समारोह का रविवार को भव्य आयोजन हुआ। जिसमें बहन निकेता की भगवान शिव के साथ विवाह की सभी रस्में विधिवत निभाई गई। सुबह 10 बजे संस्था के बड़ा बाजार स्थित ओमशांति भवन पर आकर्षक साज सज्जा की गई। जहां निकेता की मेंहदी, हल्दी और भात की रस्म हुई। जिसमें काफी संख्या में मौजूद महिलाओं ने गीत संगीत के बीच इस कार्यक्रम को भव्यता प्रदान की। दोपहर 2 बजे टाउनहाल से शिव बारात का आयोजन हुआ। जिसमें दूल्हे के रुप में शिवलिंग को पगड़ी बांधकर बग्गी पर विराजमान कराया गया। साथ ही बहन निकेता सोलह श्रृंगार में दुल्हन के रुप में मौजूद रही।

बारात नगर के मुख्य मार्गाें से गुजरी। जहां मौजूद शहरवासियों ने पुष्पवर्षा कर जगह-जगह बारात का स्वागत किया। इस दौरान शहर के लोगों ने दूल्हा बने भगवान शिव की आरती कर उन्हें तिलक लगाया। शाम को बारात सिविल लाइन स्थित हेरीटेज गार्डन पहुंची। जहां बारात का विधिवत स्वागत हुआ, इसके साथ ही बारात के साथ आए शिवलिंग को स्टेज पर विराजमान कराया गया।

Share this with Your friends :

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter