सांप से डसवाकर हत्या : बहू ने प्रेमी की मदद से सास को मार डाला, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- आरोपी बेल का हकदार नहीं

जयपुर : राजस्थान में झुंझुनूं जिले के सागवा गांव में प्रेमी के साथ मिलकर सास की सांप से डसवाकर हत्या करने वाली बहू और उसके प्रेमी को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने उनको जमानत देने से इन्कार कर दिया है। दरअसल, 2017 में अल्पना जांगिड़ का विवाह सेना के जवान सचिन से हुआ था।

सचिन असम में तैनात थे। घर पर अल्पना अपनी सास सुबोध व ससुर रमेश के साथ रहती थी । ससुर ज्यादातर काम के सिलसिले में घर से बाहर रहते थे । इसी दौरान अल्पना के मनीष से प्रेम संबंध हो गए । दोनों के बीच मोबाइल पर लगातार बात होती थी ।

सुबोध इसका विरोध करती थीं। अल्पना नहीं मानी तो सुबोध ने अपने बेटे को पूरे मामले की जानकारी देने की धमकी बहू को दी । इस पर अल्पना ने सुबोध को रास्ते से हटाने की योजना बनाई । दो जून, 2018 की रात को अल्पना ने नींद की गोली मिलाकर सास को केले का जूस पिला दिया ।

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सास गहरी नींद में सो गईं तभी मनीष एक बैग में सांप लेकर उसके घर आ गया । दोनों ने मिलकर सुबोध का मुंह तकिए से दबा दिया। इसके बाद सांप को छोड़ दिया । अगले दिन सुबह अल्पना ने आसपास के लोगों को सुबोध की मौत होने की बात बताई । अस्पताल ले गए तो चिकित्सकों ने मौत का कारण सांप का काटना बताया ।

किसी को शक नहीं हो इसके लिए अल्पना ने सपेरे को बुलवाया । सपेरा सांप को पकड़कर अपने साथ ले गया । इसी बीच आसपास के लोगों ने पुलिस को अल्पना और मनीष के संबंधों के बारे में बता दिया । इस पर पुलिस ने दोनों के मोबाइल की काल डिटेल निकलवाई तो उनके बीच रोजाना बातचीत होने की जानकारी सामने आ गई।

इसके बाद जब सुबोध की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई तो पता चला कि दम घुटने के बाद सांप ने भी काटा था। पुलिस ने अल्पना और मनीष से सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने वारदात करना स्वीकार कर लिया ।

पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश किया तो दोनों ने पहले हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर की, लेकिन वहां से खारिज हुई तो वह सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। अब सुप्रीम कोर्ट ने दोनों की जमानत याचिका खारिज कर दी । कोर्ट ने कहा कि हत्या की वारदात में जहरीले सांप का इस्तेमाल हथियार के तौर पर करना घिनौना अपराध है।

हत्या के लिए किसी जहरीले सांप का इस्तेमाल करना सामान्य बात नहीं है। मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना,जस्टिस हिमा कोली और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने कहा कि अपराध को अंजाम देने के लिए बिल्कुल नया तरीका अपनाया गया है। आरोपित जमानत का हकदार नहीं हैं। अल्पना जयपुर सेंट्रल जेल और मनीष खेतड़ी जेल में बंद है। 

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