Datia News : दतिया। बाढ़ प्रभावित गांवों में पशु चिकित्सकों की टीम द्वारा मृत पशुओं का सर्वे कर उनका पीएम कराया जा रहा है। साथ ही राहत के लिए प्रतिवेदन प्रशासन को भेजा गया है। वहीं करीब 42 पशु चिकित्सा शिविर इन गांवों में लगाए गए हैं। जहां बाढ़ से प्रभावित बीमार हुए 3168 पशुओं का टीम ने उपचार किया है।
साथ ही 9 हजार से ज्यादा पशुओं का टीकाकरण किया जा रहा है। बाढ़ प्रभावित गांवों में मृत हुए पशुओं की जानकारी जुटाने में भी पशु विभाग का अमला लगा हुआ है।
जिले में बाढ़ प्रभावित ग्रामों के पशुओं के उपचार के लिए पशुपालन एवं डेयरी विभाग दतिया द्वारा 42 पशु चिकित्सा शिविरों के माध्यम से 3 हजार 168 पशुओं का उपचार कर दवा वितरित की गई। जबकि अन्य बीमारियों से बचाव के लिए 9 हजार 319 पशुओं का टीकाकरण किया गया है।
कलेक्टर संजय कुमार ने इस संबंध में निर्देश दिए थे। जिसके बाद पशुपालन एवं डेयरी विभाग के चिकित्सकों का दल जिले के बाढ़ ग्रस्त ग्रामों में पहुंचकर पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण कर बीमार पशुओं का उपचार कर रहा है। उपचार के दौरान पशुओं को संक्रमक रोग से बचाने के लिए गलघोंटू और एकटंगिया रोग के टीके गौ-वंशीय, भैंस-वंशीय पशुओं के साथ-साथ भेड़ और बकरियों में ईटीव्ही बीमारी का टीका लगाया जा रहा है।
इन चिकित्सकों की टीम जुटी उपचार में
पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उपसंचालक डा.राकेश शर्मा ने बताया कि बाढ़ प्रभावित ग्रामों में पशुपालकों के पशुओं के उपचार के लिए दतिया, बड़ौनी तहसील के प्रभावित ग्रामों में पशु चिकित्सक डा. गजेन्द्र सिंह धाकड़, इंदरगढ़ तहसील के प्रभावित ग्रामों में पशु चिकित्सक डा. विजय शर्मा एवं डा. मयंक गुप्ता, सेवढ़ा तहसील के प्रभावित ग्रामों के पशुओं के उपचार के लिए पशु चिकित्सक डा. व्हीके सोनी एवं डा. देवेंद्र शर्मा के नेतृत्व में पशु चिकित्सकों की टीम द्वारा पशुओं का उपचार किया जा रहा है।
बाढ़ प्रभावित इलाकों में मिल रहे मृत पशु
विभाग के उपसंचालक डा.राकेश शर्मा ने बताया कि इन चिकित्सकों के दल द्वारा बाढ़ ग्रस्त इलाकों में मृत पाए गए पशुओं का पोस्टमार्टम भी कराया जा रहा है। साथ ही इन इलाकों में मृत हुए पशुओं का सर्वे कार्य भी चल रहा है। मृत पशुओं को लेकर राहत प्रतिवेदन भी जिला प्रशासन को भेजा जा रहा है। जिससे संबंधित पशुपालकों को नियमानुसार शासन से राहत राशि प्राप्त हो सके। उन्होंने बताया कि पशुपालकों को बाढ़ के दौरान काफी नुकसान उठाना पड़ा। कई गांवों के पशु बाढ़ में बह भी गए हैं। जिनकी सही जानकारी जुटाने में परेशानी भी आ रही है।