Datia news : दतिया। सरकारी दस्तावेजों में की जाने वाली गलती कभी कितनी भारी पड़ जाती है। ऐसा ही कुछ ग्राम बहादुरपुर निवासी वंशी रजक के साथ हुआ। जिसे तीन वर्ष पहले मृत मान लिया गया। जिसके बाद उसे मिलने वाली सरकारी सहायता भी बंद कर दी गई। ऐसे में परेशान वृद्ध ने अपने को जिंदा साबित करने के तमाम जतन किए। लेकिन किसी ने उसकी एक ना सुनीं।
इसके बाद समय बदला और करीब तीन साल बाद ग्राम बहादुरपुर निवासी वंशी रजक 20 जून को जनसुनवाई में फिर से जिंदा हो गया। दरअसल तीन वर्ष पूर्व सरकारी दस्तावेज व कंप्यूटर फीडिंग में वंशी को मृत बताकर उसकी वृद्धावस्था पेंशन बंद कर दी गई। जिसके बाद से वह लगातार अपने जिंदा होने का प्रमाण देता रहा।
लेकिन सरकारी कर्मचारी और पंचायत सचिव ने इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की। जिसके बाद उम्र के अंतिम पडाव पार कर रहे बुर्जुग की हिम्मत टूट गई।
इसी बीच ग्राम बहादुरपुर के समाजसेवी डा.राजू त्यागी को उसने अपनी व्यथा सुनाई। जो सुनकर वह भी चौंक गए। ग्रामीण की परेशानी को देखते हुए वह उसे कलेक्टर संजय कुमार के पास जनसुनवाई में लेकर आए।
मंगलवार को कलेक्टर ने ग्रामीण की पूरी कहानी सुनी तो उन्होंने इसे गंभीरता से लिया। इसके बाद तत्काल सरकारी दस्तावेजों में हुई गलती को सुधारने के निर्देश दिए गए। कलेक्टर के निर्देश का असर हुआ और वंशी एक बार फिर जिंदा हो गया। इसके बाद वंशी की वृद्धावस्था पेंशन भी शुरू करा दी गई।
इस सबसे वृद्ध की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। जनसुनवाई के दौरान कलेक्टर ने वृद्ध को माला पहनाकर उसे मिठाई भी खिलाई। इस मौके पर जिला पंचायत सीईओ कमलेश भार्गव, समाजसेवी डा.राजू त्यागी सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद थे।