संबंधित वर्षों के दौरान ‘खराब’ से ‘गंभीर’ वायु गुणवत्ता वाले दिनों में काफी गिरावट आई है, जो 2021 में 77 से घटकर 2022 में 63 और 2023 में 55

नई दिल्ली  : केन्‍द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के अनुसार, दिल्ली में 2017 से पिछले 06 वर्षों में जनवरी से मार्च की अवधि की तुलना में (कोविड-19 लॉकडाउन वर्ष 2020 के दौरान बहुत कम मानवजनित, औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियों की अवधि को छोड़कर) 2023 की पहली तिमाही (यानी 01.01.2023 से 31.03.2023 तक 90 दिन) में अधिकतम दिन ‘अच्छे’ से ‘मध्यम’ एक्यूआई देखा गया।

07 वर्षों (2017-2023) की पहली तिमाही की अवधि के लिए ‘अच्छे’ से ‘मध्यम’ एक्‍यूआई की एक तुलनात्मक सारणी नीचे दिए गए चार्ट में दर्शाई गई है:

2017 में पहली तिमाही (01 जनवरी से 31 मार्च) में ‘अच्छे’ से ‘मध्यम’ वायु गुणवत्ता दिनों की संख्या 17 थी; जो 2018 में बढ़कर 24; 2019 में 32; 2020 में 38; 2021 में 13; 2022 में 27 और 2023 में 35 हो गई।

चालू वर्ष की पहली तिमाही (01.01.2023- 31.03.2023) के दौरान, दिल्ली ने पिछले 06 वर्षों की इसी अवधि की तुलना में (2020 को छोड़कर-कोविड लॉकडाउन का वर्ष) सबसे कम दिन ‘खराब’ से ‘गंभीर’ एक्यूआई का अनुभव किया है। वर्ष 2017 की पहली तिमाही में ‘खराब’ से ‘गंभीर’ वायु दिवसों की संख्या 73 थी; 

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जो 2018 में घटकर 66; 2019 में 58; 2020 में 52 हो गई; 2021 में यह बढ़कर 77 पर पहुंच गई और इसके बाद 2022 में घटकर 63; और 2023 में 55 हो गई। दिल्ली में ‘खराब’ से ‘गंभीर’ वायु दिवसों की संख्‍या ‘आम तौर पर गिरावट का रुख दिखा रहे हैं और यह घटकर 24.65 प्रतिशत हो गया है, यानी 2017 में 73 से 2023 में 55 हो गया है।

विभिन्न हितधारकों और कार्यान्वयन एजेंसियों द्वारा लगातार समन्वित क्षेत्र-स्तरीय प्रयासों और लघु/मध्यम/दीर्घावधि में लक्षित पहलों से वायु गुणवत्ता में धीरे-धीरे लेकिन उल्लेखनीय सुधार दिखाई देने की उम्मीद है।

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