चेन्नई : आयकर विभाग ने सिविल निर्माण, रियल एस्टेट, विज्ञापन आदि के कारोबार से जुड़े तमिलनाडु के दो व्यापार समूहों पर तलाशी और जब्ती अभियान चलाया। चेन्नई, कोयंबटूर और मदुरै स्थित 40 से अधिक परिसरों में तलाशी अभियान चलाया गया।
तलाशी अभियान के दौरान, विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए गए हैं। इन साक्ष्यों की प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि ये दोनों समूह पिछले कुछ वर्षों में कंपनी के खातों में फर्जी खरीद और खर्च का दावा करके अपनी कर योग्य आय को कम करके दिखा रहे हैं।
एक समूह के मामले में, यह पाया गया है कि इन फर्जी खरीद आदि के लिए किए गए भुगतान समूह द्वारा नकद में वापस प्राप्त किए गए थे। इसके अलावा, संयुक्त उद्यमों में मुनाफे के बंटवारे के कारण भारी आय को छिपाने का संकेत देने वाले साक्ष्य पाए गए हैं, जिन्हें नियमित लेखा पुस्तकों में दिखाया नहीं गया है।
दूसरे समूह के मामले में, यह पाया गया है कि समूह ने कई फर्जी संस्थाएं बनाई थीं, जिनका इस्तेमाल फर्जी खरीद और उप-अनुबंध खर्चों का दावा करने के लिए किया जा रहा था। इस तरह के बेहिसाब और फर्जी लेनदेन के संबंध में दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड रखने के लिए समूह द्वारा बनाए गए गुप्त ठिकाने भी तलाशी दल द्वारा दूंढ़ लिए गए थे।
समूह की कुछ संस्थाओं के खातों में फर्जी पूंजी और ऋण देनदारियों के साक्ष्य भी मिले हैं। अब तक की तलाशी के आधार पर समूहों की अघोषित आय 500 करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है। आगे की जांच जारी है।