भोपाल : मध्यप्रदेश में घूमने के दौरान एहसास हुआ कि इसे भारत का दिल क्यों कहते हैं। यह प्रदेश प्राकृतिक सौंदर्य, जंगलों, वन्य-जीवों, कला-संस्कृति और ऐतिहासिक विरासत के मायनों में काफी समृद्ध है। यह बात दक्षिण अफ्रीका टूरिज्म की हब हेड नेलिस्वा नकानी ने मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के कार्यालय में बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुलाकात के दौरान कही।
नेलिस्वा कम्युनिकेशन हेड, इंडिया मिताली करमारकर के साथ मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड की कार्य-प्रणाली समझने और साथ काम करने के अवसरों पर चर्चा के लिए पहुँची थी। बोर्ड की तरफ से सहायक प्रबंध निदेशक विवेक श्रोत्रिय ने उन्हें मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड की कार्य-प्रणाली एवं पर्यटन गंतव्यों की जानकारी दी।
श्रोत्रिय ने कहा कि पर्यटकों को नया अनुभव देने के लिए पर्यटन स्थलों पर हेरिटेज वॉक, साइकिल टूर, वॉकिंग टूर आदि गतिविधियाँ भी नियमित तौर पर संचालित की जाती हैं।
नेलिस्वा ने कहा कि मध्यप्रदेश और साउथ अफ्रीका के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक समानताएँ हैं। पर्यटकों को एक दूसरे के गंत्वयों की प्राकृतिक सौंदर्य, वन्य-जीव विविधता और सांस्कृतिक धरोहर के प्रति आकर्षित करते हुए प्रदेश और साउथ अफ्रीका के बीच साथ मिलकर काम करने के लिए काफी गुंजाइश है।
प्रदेश के पर्यटन गंतव्यों, कला एवं संस्कृति, व्यंजनों, ग्रामीण पर्यटन,, अध्यात्मिक पर्यटन, कौशल विकास इत्यादि गतिविधियों की जानकारी एक प्रेजेन्टेशन से आयोजन एवं विपणन के उप संचालक युवराज पडोले ने दी।
नेलिस्वा ने कहा कि मध्यप्रदेश हर मायनों में खास है। यहाँ का अध्यात्मिक पर्यटन काफी लोकप्रिय है, 3 विश्व धरोहर स्थल हैं, वन्य-जीवों में विविधता है, चारों तरफ प्राकृतिक सौंदर्य दोनों ही देशों के नागरिकों, खासकर युवाओं को ज्यादा कुछ समझाने की आवश्यकता नहीं होगी,
बस उन तक सिर्फ सूचना पहुँचाने की देर है। इस तरह के साझा कार्यक्रमों से दोनों ही टूरिज्म बोर्ड को फायदा होगा। पर्यटन सिर्फ एक दूसरे की कला, संस्कृति को समझने का एक जरिया भी होता है। बैठक में संयुक्त संचालक डॉ. पीके सिन्हा, उप संचालक दीपिका रॉय चौधरी, सहायक संचालक अनुराग उइके, आईटी सलाहकार मनोज तिवारी भी मौजूद थे।