Datia news : दतिया। पहली गाली पर सिर काटने की शक्ति होने के बाद भी यदि निन्यानवे और गाली सुनने का सामर्थ्य है, तो वो सिर्फ श्रीकृष्ण हैं। सुदर्शन जैसा शस्त्र होने के बाद भी यदि हाथ में हमेशा मुरली है तो वो श्रीकृष्ण हैं। द्वारिका का वैभव होने के बाद भी जिसका मित्र सुदामा है तो वो श्रीकृष्ण हैं। नाग के फन पर खड़े होकर जो नृत्य में लीन है वो श्रीकृष्ण हैं और जो महारथी होने पर भी यदि सारथी बने तो वो श्रीकृष्ण हैं। ऐसे योगेश्वर श्रीकृष्ण के जीवन चरित्र को अगर हम अंगीकार कर लें तो जीवन सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। यह बात गृहमंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा ने गुरुवार को दतिया में बड़े गोविंद मंदिर पर यादव महासभा द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही।
गृहमंत्री ने कहाकि भगवान श्रीकृष्ण को ही पूर्ण मानव माना गया है। उन्होंने ऐसा जीवन जिया, जिसकी कल्पना आज हर मां अपने लाड़ले में करती है। उन योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से हम सबको सीख लेना चाहिए। गृहमंत्री ने कहाकि दतिया उत्सवों का शहर हो गया है। यहां त्यौहाराें में भी शहरवासियों का उत्साह नजर आता है। यही परंपरा कायम रहना चाहिए।

इस मौके पर गृहमंत्री ने श्रीराधाकृष्ण की झांकियों के स्वरुपों का तिलक और आरती उतारकर पूजन किया और आशीर्वाद लिया। इससे पहले गृहमंत्री डा.मिश्रा गोविंद मंदिर पहुंचे। जहां उन्होंने बड़े गोविंदजी के दर्शन कर पूजन किया। आयोजन में ललिता यादव, चंद्रपाल यादव, श्यामसुंदर सिंह सहित कई अन्य गणमान्य जन मौजूद रहे। इस दौरान काफी संख्या में भीड़ मौजूद रही।

धूमधाम से मनी जन्माष्टमी : श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व धूमधाम व भक्तिभाव के साथ मनाया गया। गुरुवार को जन्माष्टमी को लेकर श्रीकृष्ण मंदिरों में भव्य एवं आकर्षक सजावट की गई थी। मंदिरों पर रंग बिरंगी लाइटिंग के साथ फूलों से सजावट हुई। घरों में भी जन्माष्टमी के उपलक्ष में लड्डू गोपाल की पूजा अर्चना कर उन्हें झूला झुलाया गया। दतिया सहित आसपास के क्षेत्रों में चल समारोह निकाले गए। जिसमें भगवान श्रीकृष्ण की झांकियां आकर्षण का केंद्र रहीं।
सुबह हुआ अभिषेक, रात में महाआरती : गंज स्थित बड़े गोविंद जी के मंदिर में सुबह दूध दही व पंचामृत से ठाकुर जी का अभिषेक कर उनका विशेष श्रृंगार किया गया। वहीं अन्य मंदिरों में भी भगवान श्रीकृष्ण के आकर्षक श्रृंगार के साथ श्रद्धालुओं को दर्शन कराए गए। रात ठीक 12 बजे मंदिरों में घंटे, शंख व झालर बज उठे।
श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर महाआरती का भी आयोजन किया गया। नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की और राधे-राधे के जयघोष मंदिर परिसरों में गूंज रहे थे। इस दौरान आतिशबाजी भी की गई। इससे पूर्व दतिया, भांडेर एवं सेवढ़ा में चल समारोह भी निकाले गए। इस दौरान भंडारों का भी आयोजन हुआ।
जन्माष्टमी पर्व काे लेकर सुबह से ही श्रीकृष्ण मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। बड़े गोविंद जी मंदिर पर आकर्षक गुब्बारे और कनात लगाकर सजावट की गई थी। वहीं रंग बिरंगी लाइटिंग से मंदिर की साज सज्जा में चार चांद लग गए। भगवान के गर्भगृह को मोगरा और बेला के फूलों से सजाया गया। जिससे सारा मंदिर परिसर महक रहा था। शाम को भगवान के आकर्षक श्रृंगार के साथ दर्शन कराए गए। दतिया में यादव महासभा की ओर से चल समारोह का आयोजन भी किया गया।