Datia News : दतिया । रतनगढ़ माता मंदिर पर लगने वाले भाईदोज के लक्खी मेले में श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला मंगलवार शाम से शुरू हुआ। आमतौर पर दीपावली की रात्रि से ही लोगों का मेले में पहुंचना प्रारंभ हो जाता था और पड़वा को यहां लाखों की संख्या में लोग एकत्रित हो जाते थे। पड़वा और भाईदोज की रात में मेला चरम पर रहता था।
लेकिन इस बार सूर्यग्रहण के कारण दीपावली की रात्रि से लोगों का पहुंचना प्रारंभ नहीं हुआ। मंदिर के पट भी बंद रहे। जिसके कारण मेला देरी से प्रारंभ हुआ। सूर्यग्रहण समाप्त होते ही मंगलवार की शाम 7 बजे मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इसके बाद लोगों का पहुंचना भी प्रारंभ हो गया।
आज और कल यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ेगी। मेले की व्यवस्थाओं को लेकर कलेक्टर संजय कुमार, एसपी अमन सिंह राठौड, अपर कलेक्टर रुपेश उपाध्याय, सेवढ़ा एसडीएम अनुराग निंगवाल सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने रतनगढ़ पहुंचकर वहां जायजा लिया।

इस बार मेले की व्यवस्थाओं में परिवर्तन देखने को मिल रहा है। नदी से होकर गुजरने वाले बंध पीड़ितों को भी नदी से दूर सीधा मंदिर तक पहुंचाया जा रहा है। बाढ़ से पुल टूटने के कारण बदली परिस्थितियों में प्रशासन का पूरा ध्यान मेले को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने पर है। इसीलिए लोगों से भी आव्हान किया जा रहा है कि वह आवश्यक होने पर ही मंदिर आएं।
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल की तुलना में डेढ़ गुना अधिक कर्मचारी सिर्फ इसलिए ड्यूटी पर हैं ताकि लोग परंपरागत मार्ग की तरफ ना बढ़ जाएं।
इस दौरान 15 सौ से अधिक पुलिस एवं नगर सेना के जवान लगभग 100 महिला आरक्षक 200 से अधिक इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर और असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर, डेढ़ दर्जन राजपत्रित अधिकारी मेले की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
आने जाने पर निगरानी : रतनगढ़ माता मंदिर की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग को 20 से अधिक स्थानों पर लगाई गई फोर्स से पूरी तरह बैन कर दिया गया है।दतिया जिले की सीमा से निकलकर सेवढ़ाचुंगी से आगे बढ़ने वाले लोगों से पूंछा जा रहा है कि वह मेला तो नहीं जा रहे, अगर मेला जा रहे हैं तो डबरापिछोर के रास्ते की तरफ उन्हें डायवर्ट किया जा रहा है।
वहीं मेले में सबसे अधिक संख्या में आने वाले कानपुर, जालौन, उरई, मोठ, समथर क्षेत्र के लोगों को सेवढ़ा प्रवेश स्थल पर ही रोककर उन्हें बाहर की तरफ मोड़ दिया जाता है। अगर कोई नगर में प्रवेश कर लेता है तो तीन अलग-अलग स्थानों पर बने चेकिंग पाइंट उन्हें वापस करते हैं। चप्पे-चप्पे पर तैनात पुलिस बल हादसे की आशंका को टालने के लिए लोगों को समझाने में लगी है।