Datia News : दतिया। रतनगढ़ माता मंदिर पर दीपावली के दौज पर लगने वाले मेले के दूसरे दिन गुरुवार को भी श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा। इस दिन करीब 10 लाख श्रद्धालुओं ने मां के दरबार में पहुंचकर दर्शन किए। साथ ही करीब 3000 बंध कटे गए। लख्खी मेले को लेकर पहले से लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा था।
प्रशासन ने बुधवार को जहां मेले में 20 लाख से ऊपर श्रद्धालु पहुंचने का दावा किया था। वहीं दूसरे दिन गुरुवार को जरुर 10 लाख श्रद्धालु रतनगढ़ मेले में नजर आए। उप्र सहित आसपास के अन्य जिलों से भी श्रद्धालु काफी संख्या में पहुंचे। बुधवार रात 12 बजे के बाद से ही मंदिर परिसर में भीड़ बढ़ना शुरू हो गई।
अधिकांश जगह भाईदोज का पर्व गुरुवार को मनाया गया। इसीके चलते रतनगढ़ माता मंदिर के दौज पर लगने वाले लख्खी मेले में श्रद्धालु भारी संख्या में हाजिरी लगाने आए।
मंदिर तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को काफी दूरी भी तय करनी पड़ी। व्यवस्थाओं के चलते बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने के लिए करीब 10 किमी की दूरी पैदल तय करनी पड़ी।
मंगलवार शाम से ही रतनगढ़ माता मंदिर पर श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हाे गया था। जो गुरुवार को भी जारी रहा। इस दौरान जहां सर्पदंश से पीड़ित महिला पुरुषों को उनके स्वजन स्ट्रेचर और कंधे पर उठाकर लाते नजर आए वहीं मन्नत पूरी होने पर कई भक्त पेढ़ भरते हुए भी मां के दरबार पहुंचे।
सिंध नदी पर बना पुल टूट जाने के बाद दतिया जिले के इंदरगढ़, थरेट होते हुए जाने का रास्ता बंद कर दिया गया था। वहीं सुरक्षा के मद्देनजर नदी का रास्ता भी बंद रहा।
दतिया और झांसी की तरफ से आने वाले श्रद्धालु डबरा से पिछोर-गिजोर्रा होकर मंदिर पहुंचे। ग्वालियर से आने वाले श्रद्धालु बेहट के रास्ते रतनगढ़ मंदिर आए।
सेवढ़ा व उसके आसपास के श्रद्धालु डिरोलीपार, अमायन होते हुए मंदिर पर पहुंचे। नदी क्षेत्र पर पुलिस की कड़ी निगरानी के चलते इसे पार कर मंदिर जाने पर रोक रही।