नई दिल्ली : भारतीय रेलवे ने अपने टिकटिंग सिस्टम को और अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाने के लिए तकनीकी रूप से एक बड़ा कदम उठाया है। अत्याधुनिक एंटी-बॉट तकनीक और एक प्रमुख कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क (CDN) सेवा प्रदाता के साथ एकीकरण के ज़रिए, अनधिकृत स्वचालित टिकट बुकिंग (बॉट्स) पर प्रभावी रोक लगाई गई है। इससे वास्तविक यात्रियों को वेबसाइट और मोबाइल ऐप के माध्यम से आसान और निष्पक्ष पहुंच मिल रही है।
बॉट ट्रैफ़िक पर नियंत्रण और रिकॉर्ड बुकिंग : रेलवे के अनुसार, तत्काल योजना के शुरुआती पांच मिनटों में बॉट ट्रैफ़िक सबसे ज़्यादा सक्रिय होता था, जो कुल लॉगिन प्रयासों का लगभग 50% होता था। नई प्रणाली ने इस बॉट ट्रैफ़िक को काफी हद तक कम किया है। इसके चलते 2.5 करोड़ संदिग्ध उपयोगकर्ता आईडी निष्क्रिय कर दी गई हैं।
22 मई 2025 को एक मिनट में रिकॉर्ड 31,814 टिकट बुक किए गए, जो रेलवे टिकटिंग प्रणाली की तकनीकी मजबूती और उच्च क्षमता को दर्शाता है।
लॉगिन और बुकिंग में दर्ज की गई उल्लेखनीय वृद्धि : वित्त वर्ष 2024-25 में औसत दैनिक उपयोगकर्ता लॉगिन 82.57 लाख हो गया, जो पिछले वर्ष 69.08 लाख था—यानी 19.53% की वृद्धि। इसी अवधि में औसत दैनिक टिकट बुकिंग में भी 11.85% की वृद्धि दर्ज की गई। आज ई-टिकटिंग कुल आरक्षित बुकिंग का 86.38% हिस्सा बन चुकी है।
सुधारों की मुख्य विशेषताएं

● 87% वेबसाइट सामग्री CDN के माध्यम से शीघ्र लोड हो रही है।
● एआई आधारित एल्गोरिद्म बॉट गतिविधियों की पहचान कर उन्हें रोकते हैं।
● संदिग्ध आईडी निष्क्रिय करने के साथ साइबर अपराध पोर्टल पर रिपोर्टिंग की जा रही है।
● नए उपयोगकर्ता प्रोटोकॉल लागू किए गए हैं: आधार सत्यापन के आधार पर बुकिंग समय तय किया गया है।