Gwalior News : ग्वालियर । पुलिस सब इंस्पेक्टर की हत्या के प्रयास के आरोप में ग्वालियर सेंट्रल जेल में बंद एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष शिवराज यादव से मुलाकात का पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह की मुलाकात का एक वीडियो कांग्रेसियों ने ही वायरल कर दिया।
यह मुलाकात जेल नियमों के विपरीत बताई जा रही है। जिसके बाद गृह मंत्रालय ने भी इस मामले का संज्ञान में लिया है। वीडियो में दिग्विजय सिंह जेल में बंद एनएसयूआई अध्यक्ष की पीठ थपथपाते हुए नजर आ रहे हैं। दिग्विजय ने अपने समर्थकों के साथ पहुंचकर जेलर के केबिन में आरोपी से मुलाकात की थी।
इस मामले की शिकायत गृह विभाग और सीएम तक पहुंची। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ग्वालियर सेंट्रल जेल के अधीक्षक मनोज कुमार साहू को निलंबित करने का फैसला लिया है। उन्होंने सेंट्रल जेल के अफसरों को भी फटकार लगाई है। गृहमंत्री ने कहा है कि दिग्विजय सिंह खुद 10 साल तक मप्र के मुख्यमंत्री रहे हैं।
उन्हें नियम प्रक्रियाओं का ज्ञान होगा कि जेल के अंदर के फोटो वायरल नहीं किए जाते हैं। वहीं कानून विशेषज्ञों की मानें तो जेल में मुलाकात का मैन्युअल होता है। मुलाकात से पहले लिखित में आवेदन देना पड़ता है।
मुलाकात उसी तरह से होती है, जैसे सामान्य रूप से अन्य कैदी और उनके मिलने वालों की होती है, जेलर के केबिन में मुलाकात किसी भी हाल में संभव नहीं है। यह जेल मैन्युअल का उल्लंघन है।
मुलाकात के बाद गरमाई सियासत : यह मुद्दा मुलाकात से ज्यादा भाजपा-कांग्रेस के बीच खिंच गया है। जेल प्रबंधन इस मामले में कुछ कहने की स्थिति में नहीं है। सोमवार को दिग्विजय सिंह एक दिन के प्रवास पर आए थे। सुबह वह उपनगर मुरार में दलित परिवारों से मिलने के बाद सीधे सेंट्रल जेल ग्वालियर पहुंचे जहां उन्होंने एनएसयूआई अध्यक्ष यादव से मुलाकात की।
बता दें कि जिलाध्यक्ष शिवराज यादव ने प्रदर्शन के दौरान फूलबाग पर कुछ समय पहले सीएम का पुतला दहन करते समय इंदरगंज सब इंस्पेक्टर गौतम द्वारा पुतला छीनने का प्रयास करने पर उनके ऊपर ही जलता हुआ पुतला फैंक दिया था। इस घटना में सब इंस्पेक्टर काफी झुलस गए थे।
दिल्ली तक उनका उपचार चला था। इस मामले में पुलिस ने जिलाध्यक्ष सहित कई लोगों पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया था। तब से ही जिलाध्यक्ष जेल में है।