चलो दीप जलाएँ वहाँ जहाँ अभी भी अंधेरा है – मुख्यमंत्री , इंदौर में राष्ट्रीय युवा दिवस पर 100 दिव्यांगजन को स्कूटी भेंट की

 

भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को प्रेस्टिज मैनेजमेंट एंड रिसर्च कॉलेज में राष्ट्रीय युवा दिवस कार्यक्रम में 100 दिव्यांजन को स्कूटी भेंट की। मुख्यमंत्री ने कहा कि चलो दीप जलाएँ वहाँ जहाँ अभी भी अंधेरा है। प्रदेश के हर दिव्यांजन की सेवा हो जाये, यही प्रयास किये जाएंगे।

ये स्कूटी मात्र परिवहन का साधन नहीं, बल्कि आजिविका चलाने का साधन भी बन सकती है। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन की इस नवकरणीय पहल की सराहना करते हुए सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिये कि अगर कोई बेटा-बेटी अनाथ है, तो उनके लिए शिक्षा और रहने की व्यवस्था करें।

कार्यक्रम में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ड़ॉ. वीरेंद्र कुमार, सांसद  शंकर लालवानी, आयडीए अध्यक्ष  जयपाल चावड़ा, विधायक  रमेश मेंदोला और  महेंद्र सिंह हार्डिया, इंदौर कमिश्नर ड़ॉ. पवन शर्मा, आईजी हरिनारायणचारी और कलेक्टर इलैय्या राजा टी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने स्वच्छता एम्बेसडर बुलबुल पांजरे का स्वागत किया : मुख्यमंत्री ने दिव्यांग बुलबुल पांजरे जो इंदौर की स्वच्छता अम्बेसडर है, का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया। उन्होंने कहा कि बेटी कैसे मेरा स्वागत करे, मैं बिटिया का स्वागत करूंगा। कार्यक्रम में जानकी बाई रावत ने स्कूटी के अभाव में जीवन की असहाय स्थिति और फिर स्कूटी मिल जाने से जीविकोपार्जन में महत्वपूर्ण योगदान देने का अनुभव साझा किया।

मध्यप्रदेश में निवेशकों को मिलेगा भरपूर सहयोग : मध्यप्रदेश में निवेशकों को प्रत्येक स्तर पर राज्य सरकार का पूरा सहयोग मिलेगा। प्रदेश में निवेश का वातावरण है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में निवेशकों का ध्यान रखते हुए उनके लिए कानूनों को सरल बना कर ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा दिया गया है। निवेश के लिए आवश्यक अनुमतियाँ देने की प्रक्रियाओं को भी अत्यंत सहज बनाया गया है।

वित्त मंत्री  जगदीश देवड़ा ने आज इंदौर में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दूसरे दिन “भारत की 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनामी में मध्यप्रदेश के योगदान” विषय सेशन में निवेशकों से मध्यप्रदेश की तैयारियों की जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश निरंतर समावेशी विकास की ओर बढ़ रहा है। आर्थिक गतिविधियों के विस्तार के साथ रोजगार के नए अवसर दिए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारत की अर्थ-व्यवस्था को वर्ष 2025 तक पाँच ट्रिलियन डालर तक ले जाने में मध्यप्रदेश 550 बिलियन डालर का योगदान देने के लिए जरूरी तैयारियों में जुटा है।

वित्त मंत्री देवड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूर-दृष्टि से केंद्र सरकार ने 5 ट्रिलियन इकोनामी का जो रोडमेप तैयार किया है। वह मध्यप्रदेश के लिए एक मार्गदर्शी रोडमेप है। हमें अपनी भूमिका निभाने का अवसर मिला है, हमारी अर्थ-व्यवस्था के महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे कृषि उद्योग, लघु उद्योग के अलावा विकास के नए क्षेत्रों में भी पूंजीगत निवेश की पूरी तैयारी कर ली गई है।

अधो-संरचना निर्माण को ज्यादा प्राथमिकता देते हुए सड़क नेटवर्क को केंद्र सरकार की सहायता से निरंतर मजबूत बनाया जा रहा है। नये क्षेत्रों जैसे ऑटोमोबाईल, टेक्सटाईल, गारमेंट, सेमीकंडक्टर, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा, आर्टीफिशियल इंजेलीजेंस पर ध्यान दिया जा रहा है। मध्यप्रदेश का स्टार्ट-अप ईको सिस्टम अब विस्तार ले चुका है। हम स्टार्टअप का विशाल नेटवर्क बनाने वाले हैं।

वित्त मंत्री देवड़ा ने कहा कि समय-समय पर केंद्र सरकार तथा प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों ने प्रदेश के वित्तीय संकेतकों की सराहना की है। राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में भी साल-दर-साल 10% से अधिक की वृद्धि निरंतर हो रही है। चालू वित्त वर्ष में 11 लाख करोड़ से अधिक सकल घरेलू उत्पाद अनुमानित है।

बायो ईकोनॉमी का रोड-मैप तैयार : मध्यप्रदेश स्टेट पॉलिसी एंड प्लानिंग कमीशन के वाइस चेयरमेन सचिन चतुर्वेदी ने कहा कि मध्यप्रदेश में कृषि के जीडीपी की हिस्सेदारी बढ़ी है। ईको सिस्टम को और बढ़ाया जाएगा। कृषि एवं टेक्नोलॉजी के विभिन्न स्तरों पर महत्वपूर्ण प्रयास किए जा रहे हैं। जिलों की अपनी अर्थ-व्यवस्था तैयार की जा रही है। प्रदेश में ग्राम एवं जिला स्तर पर सांख्यिकी डाटा तैयार करने के लिए आर्थिक-सांख्यिकी आयोग का गठन किया गया है। मध्यप्रदेश में बायो ईकोनॉमी का बहुत स्कोप है और इसका रोड-मैप बनाया गया है।

आयुर्वेदिक क्षेत्र में ईकोनॉमिक ग्रोथ की संभावना : इस सेशन केन्दीय इस्पात राज्य मंत्री  फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि मध्यप्रदेश में वन क्षेत्र अधिक है। इस वजह से यहाँ आयुर्वेदिक क्षेत्र में ईकोनॉमिक ग्रोथ की प्रबल संभावना है। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तारीफ करते हुए कहा कि एक जिला-एक उत्पाद की योजना में और उत्पादकों को मार्केट उपलब्ध कराने से प्रदेश की आर्थिक स्थिति में सहयोग मिला है। उन्होंने कहा कि पर्यटन, कृषि, ऊर्जा के क्षेत्र में भी अपार संभावनाएँ हैं। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों से वर्कर/मेनपावर का लाभ लेने और उनका प्रशिक्षण देने की बात कही। लॉजिस्टिक की कोई कमी नहीं है। आदिवासी क्षेत्रों के उत्पाद का आर्थिक क्षेत्र में कैसे उपयोग हो, इस पर अधिक ध्यान देना होगा। आर्थिक विशेषज्ञ अजित रानाडे ने अर्बनाइजेशन, श्रम, नवकरणीय ऊर्जा एवं एमएसएमई की शक्ति पर अपने विचार व्यक्त किए।

नेशनल एडिटर एकोनॉमिक टाइम दीपशिखा सिकरवार ने मध्यप्रदेश के लिए फूड प्रोसिंसिग, टेक्सटाईल, एजुकेशन सिस्टम, सर्विस सेक्टर, आई.टी. आदि के क्षेत्रों से आर्थिक प्रगति की जानकारी दी।

वाइस चांसलर एकोनॉमी यूनिवर्सिटी डॉ.एन.आर. भानमूर्ति ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर मध्यप्रदेश की अच्छी ग्रोथ है। डेटा फॉर ग्रोथ एवं जमीनी स्तर की रणनीति पर कार्य करना होगा।

प्रदेश में एक्सपोर्ट की विपुल संभावनाएँ हैं :  ट्रेड कमिश्नर गव्हर्नमेन्ट ऑफ ऑन्टारियो कनाडा  रविकांत तिवारी ने सुझाव दिया कि एक्सपोर्ट में मध्यप्रदेश को अपने प्रोडक्ट पर ध्यान देना चाहिए। छोटे जिलों से उत्पाद सामग्री का एक्सपोर्ट करने की क्षमता बढ़ानी चाहिए। मध्यप्रदेश के ग्लोबल दृष्टिकोण में बदलाव हो रहे हैं। फार्मा एवं इन्फ्रा-स्ट्रक्चर के क्षेत्र में भी अधिक एक्सपोर्ट की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में आर्गनिक प्रोडक्ट अधिक है जिनके एक्सपोर्ट पर ध्यान देना होगा।

पश्चिम बंगाल के राज्य सभा सांसद  हिरनमॉय चट्टोपाध्याय ने कहा कि आत्म-निर्भर भारत के साथ मध्यप्रदेश आत्म-निर्भर हो रहा है। जिलों एवं ग्राम स्तर पर भी आत्म-निर्भर बनना होगा। किसानों और उनके बच्चों को तकनीकी शिक्षा देकर कृषि के आधुनिक संसाधनों के विषय में बता कर 5 ट्रिलियन अर्थ-व्यवस्था में सहयोगी बनाना होगा।

वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने मंच पर उपस्थित विषय-विशेषज्ञों का स्वागत किया। राज्य योजना आयोग के सचिव  मुकेश गुप्ता उपस्थित थे। आयोग के सदस्य सचिव  स्वतंत्र कुमार सिंह ने भारत की 5 ट्रिलियन अर्थ-व्यवस्था में मध्यप्रदेश का सहयोग रोडमैप का प्रेजेन्टेशन भी दिया।

Share this with Your friends :

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter