जम्मू : आतंकियों ने शनिवार मध्य रात्रि के बाद अति संवदेनशील जम्मू एयरफोर्स स्टेशन (टेक्निकल एयरपोर्ट) में ड्रोन से बम गिराकर दो धमाके किए। जम्मू-कश्मीर में 30 वर्ष से जारी आतंकवाद के दौर में ड्रोन से हमले की यह पहली घटना है।
इस हमले में दो जवान घायल हुए हैं और स्टेशन परिसर के भीतर एक इमारत को भी नुकसान पहुंचा। माना जा रहा है कि आतंकियों का निशाना स्टेशन परिसर में खड़े एमआइ-17 हेलीकाप्टर और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट थे। जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों के साथ दिल्ली में हुई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सर्वदलीय बैठक को 72 घंटे भी नहीं बीते थे और यह हमला हो गया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए एयर आफिसर कमांडिंग इन चीफ वीआर चौधरी जम्मू पहुंचे और विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों से एयरपोर्ट की सुरक्षा का जायजा लिया। इस बीच, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी तीन दिवसीय दौरे पर केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में ही हैं।
वायुसेना ने एक बयान जारी कर यह तो माना कि परिसर में दो धमाके हुए हैं, लेकिन हमला ड्रोन से हुआ है इस पर वायुसेना चुप है। हालांकि जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने आशंका व्यक्त की है कि यह हमला ड्रोन से हुआ है। अन्य एजेंसियों के साथ पुलिस भी मामले की जांच कर रही है।
मध्यरात्रि 1:37 बजे व 1:45 बजे हुए दो धमाके : सतवारी में सैन्य छावनी में स्थित एयरफोर्स स्टेशन परिसर में पहला विस्फोट मध्यरात्रि 1:37 बजे हेलीडिस्बर्सल बिल्डिंग के ऊपर हुआ। बताया जा रहा है कि गश्त कर रहे कुछ जवानों ने इमारत पर ऊपर से कुछ गिरते देखा था। बम छत को तोड़कर अंदर कमरे में गिरा, जिससे आसपास की खिड़कियों के कांच भी टूट गए।
इसमें दो जवान घायल हो गए। अभी विस्फोट को लेकर जवान संभले ही थे कि करीब 1:45 बजे एक और धमाका हुआ। इस बार ड्रोन से फेंका गया बम एयर ट्रैफिक कंट्रोल बिल्डिंग के निकट जमीन पर गिरा, जिससे नुकसान नहीं हुआ।
हेलीकाप्टर और एयरक्राफ्ट से 100 मीटर दूर हुए विस्फोट : माना जा रहा है कि यह हमला हैंगर में खड़े एमआइ हेलीकाप्टरों और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट को उड़ाने के मकसद से किया गया था। जिस जगह विस्फोट हुआ, वहां से हेलीकाप्टर और एयरक्राफ्ट महज 100 मीटर के फासले पर थे।
अन्य एयरफोर्स स्टेशनों की बढ़ाई गई सुरक्षा : हमले को देखते हुए जम्मू, टेक्निकल एयरबेस ऊधमपुर, श्रीनगर के अंवतीपोरा, पठानकोट और अंबाला टेक्निकल एयरपोर्ट की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है।
कश्मीर के इंस्पेक्टर जनरल विजय कुमार ने दोपहर बाद केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), एनआइए व पुलिस के आला अधिकारियों के साथ बैठक कर सुरक्षा का जायजा लिया। जम्मू के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) चंदन कोहली, पुलिस अधीक्षक (एसपी) साउथ दीपक ढींगरा ने भी घटनास्थल का दौरा किया। फोरेंसिक लैब की टीम भी जांच में जुटी हुई है।
बड़ा सवाल : कहां से आया ड्रोन, जांच में जुटी एजेंसियां भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा से 18 किलोमीटर भीतर स्थित जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर हमले में इस्तेमाल ड्रोन कहां से उड़ाया गया।
इसमें किस प्रकार के विस्फोटक थे। क्या यह ड्रोन पाकिस्तान से आया था या इसके पीछे प्रदेश में सक्रिय पाक समर्थित आतंकी संगठनों का हाथ है।
यह ड्रोन रडार में क्यों नहीं दिखा और अति संवेदनशील एयरफोर्स स्टेशन में लगे जैमरों ने क्यों काम नहीं किया। यह सभी सवाल अभी जांच का विषय हैं। फिलहाल, माना जा रहा है कि ड्रोन हमला सैन्य छावनी सतवारी के आसपास से ही हुआ है।
विशेषज्ञों के अनुसार, सीमा पार से 18 किलोमीटर भीतर आकर ड्रोन से हमले को अंजाम देना संभव नहीं लगता। एयरफोर्स स्टेशन के साथ चट्ठा, गाढ़ीगड़, गोबिंदपुर, रायपुर सतवारी, जवाहर नगर, बेलीचराना आदि कई बस्तियां है।
सूत्रों का कहना है कि ड्रोन एयरफोर्स स्टेशन के आसपास स्थित इन बस्तियों से भी उड़ाया जा सकता है, जो ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम (जीपीएस) से लैस हो सकता है। फिलहाल, पाकिस्तान की साजिश सहित हर पहलू से मामले की जांच की जा रही है।
चीफ मार्शल ने घायल जवानों का हाल जाना : एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने बांग्लादेश से फोन कर जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर हुए घायल दो जवानों का हाल जाना। भदौरिया इन दिनों बांग्लादेश के दौरे पर हैं। अधिकारियों ने उन्हें बताया कि दोनों जवानों की हालत खतरे से बाहर है।
दोनों का इलाज सतवारी सैन्य अस्पताल में चल रहा है। घायलों की पहचान वारंट आफिसर अरविंद सिंह और लीडिंग एयरक्राफ्टमैन एसके सिंह के रूप में हुई है। अरविंद सिंह को पीठ में दो छर्रे लगे हैं।