Datia News : दतिया । आषाढ़ माह गुप्त नवरात्रि का शुभारंभ आगामी 11 जुलाई से होगा। लेकिन कोरोना का साया इस पर भी मंडरा रहा है। इसके चलते यहां सिर्फ एक ही आयोजन किया जा रहा है। श्री पीतांबरा पीठ पर मात्र दुर्गा शतचंडी के पाठ 9 दिनों तक स्थानीय पंडित एवं पुजारी पूरे समय मंदिर में रहकर ही करेंगे।
बता दें कि कोरोना से पूर्व मंदिर पर भव्य आयोजन किए जाते रहे हैं और यज्ञ तथा अनुष्ठान भी होते थे। इस बार मंदिर का समय निर्धारित होने और कोरोना की तीसरी लहर के भय के कारण कोई आयोजन नहीं किए जा रहे हैं।
श्री पीतांबरा पीठ मंदिर समिति के प्रशासक महेश दुबे ने जानकारी देते हुए बताया कि गुप्त नवरात्रि में पीतांबरा मंदिर पर काफी भव्य आयोजन किए जाते थे, किंतु मंदिर अभी वर्तमान में सिर्फ सुबह 9 से शाम 4 बजे तक ही खुल रहा है।
ऐसी स्थिति में और कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को देखते हुए कोई भी आयोजन नहीं किए जा रहे हैं। इस दौरान 11 तारीख से 19 जुलाई तक श्री दुर्गा शतचंडी के पाठ का आयोजन किया जाएगा।
यह पाठ यहां के पंडित और पुजारी लगातार नौ दिनों तक मंदिर में रहकर ही करेंगे। मंदिर की आवास व्यवस्था को भी बंद है, इस कारण बाहर के आने वाले दीक्षार्थियों को भी गुप्त नवरात्रि में अनुमति नहीं दी गई है।
आषाढ़ नवरात्र गुप्त नवरात्रों के नाम से भी जाने जाते हैं। आषाढ़ महीने में पड़ने के कारण इन नवरात्रों को आषाढ़ नवरात्र कहा जाता है। गुप्त नवरात्रों में माँ बगुलामुखी (पीतांबरा माईं) की पूजा श्रेष्ठ मानी गई है। इस दौरान साधना करने से तुरंत फल प्राप्त होता है।
पीतांबरा पीठ में कार्यों को सिद्ध करने और कार्यों में आ रही रूकावटों को दूर करने सहित शत्रुहंता अनुष्ठान किए जाते रहे है। इस बार यह यज्ञ और अनुष्ठान नहीं हो पा रहे है।
मां भगवती के सभी 9 रूपों की पूजा नवरात्रों के भिन्न-भिन्न दिन की जाती है। इस बार गुप्त नवरात्रि आठ दिनों की ही है। 11 जुलाई को रविवार एवं पुख्य नक्षत्र के साथ होने से गुप्त नवरात्रि का यह पहला दिन और भी ज्यादा शुभ है।
इस दिन किसी भी शुभ कार्य का प्रारंभ किया जाना अतिशुभ होगा। इस दौरान प्रदोष काल तथा रात्रि कालीन का ज्यादा महत्व होता है। किसी भी निमित्त की जा रही पूजा को मां भगवती इस पूजा के दौरान जल्दी फल देती है।