कोलकाता : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कोलकाता में यूको बैंक के 80 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर, राष्ट्रपति ने वर्चुअल माध्यम से यूको बैंक की 50 नई शाखाओं का उद्घाटन किया। उन्होंने यूको बैंक की सीएसआर पहल के तहत ओडिशा के रायरंगपुर में श्री अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर के जीर्णोद्धार कार्य का शिलान्यास भी किया।
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि यूको बैंक 1943 में अपनी स्थापना के बाद से बैंकिंग क्षेत्र में मार्गदर्शक और अग्रणी रहा है। इसने कृषि, उद्योग, व्यापार, आधारभूत संरचना और सामाजिक कल्याण जैसे विभिन्न क्षेत्रों में ऋण तथा वित्तीय सेवाएं प्रदान करके हमारे देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसने विभिन्न सरकारी योजनाओं और पहलों का समर्थन करके देश की प्रगति में भी योगदान दिया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यूको बैंक आने वाले वर्षों में अपनी विरासत एवं प्रतिष्ठा को बनाए रखेगा और बदलावों एवं नवाचारों को अपनाते हुए अपने मूलभूत मूल्यों एवं सिद्धांतों के प्रति वचनबद्ध रहेगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि बैंकों की दो प्रमुख जिम्मेदारियां होती हैं। पहला, उन्हें जनता के पैसों के संरक्षक की भूमिका निभानी होती है। दूसरा, उन्हें भविष्य के लिए परिसंपत्तियों का निर्माण करने हेतु आज की बचत का उपयोग करना होता है। इन दोनों जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बिठाना हर बैंक के लिए एक चुनौती है। सही संतुलन बिठाने में होने वाली विफलता ने कभी-कभी विश्व के विभिन्न भागों में आर्थिक चिंताओं को जन्म दिया है। बैंक उन लाखों लोगों के भरोसे को बनाए रखने के लिए कर्तव्यबद्ध हैं, जो अपने बचत के पैसों को बैंकों में रखते हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यूको बैंक के पेशेवर कर्मचारी और सतर्क नेतृत्व प्रभावी तरीके से इन जिम्मेदारियों का निर्वहन करेंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि फिन-टेक लोगों के अपने धन तक पहुंच व उसका प्रबंधन करने के तरीकों में बदलाव ला रहा है। भारत में, व्यापक पैमाने पर, यहां तक कि सबसे गरीब एवं दूरदराज के इलाकों में भी फिन-टेक को अपनाया जाना इस बात का प्रमाण है कि भारत में लोग ऐसी तकनीक को अपनाने के लिए तैयार हैं जो उन्हें सशक्त बनाती हो और सामाजिक न्याय प्रदान करती हो। आज, यूपीआई को व्यापक रूप से वैश्विक स्तर पर सबसे सफल फिन-टेक नवाचारों में से एक माना जाता है।