भोपाल : शिक्षा केवल परीक्षा पास करने का जरिया नहीं, बल्कि एक समृद्ध समाज की नींव है – इसी सोच के साथ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को भोपाल में राज्य स्तरीय ‘लैपटॉप प्रोत्साहन राशि अंतरण समारोह’ में मंच से घोषणा की कि शिक्षा ही प्रदेश के विकास का असली मंत्र है। उन्होंने कहा कि आज का छात्र कल का निर्माता है, और सरकार उन्हें केवल किताबें ही नहीं, बल्कि तकनीक के ज़रिए आगे बढ़ने के मौके भी दे रही है।
एक क्लिक में ₹25,000 की सौगात : मुख्यमंत्री ने 12वीं बोर्ड परीक्षा में 75% या उससे अधिक अंक लाने वाले 94,234 विद्यार्थियों को लैपटॉप खरीदने के लिए ₹25,000 की राशि सीधे उनके खातों में ट्रांसफर की। कुल राशि रही ₹235 करोड़, जिसे DBT (Direct Benefit Transfer) के जरिए पारदर्शी और डिजिटल तरीके से भेजा गया।
अगला कदम: प्रोत्साहन राशि नहीं, सीधे मिलेगा उन्नत लैपटॉप – डॉ. यादव ने इस मंच से यह भी ऐलान किया कि अगले सत्र से छात्रों को 25,000 रुपये की जगह सीधे उन्नत और गुणवत्तापूर्ण लैपटॉप उपलब्ध कराए जाएंगे। मंच से 15 प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को प्रतीकस्वरूप लैपटॉप भी दिए गए, और मुख्यमंत्री ने बच्चों के साथ सेल्फी लेकर उनका उत्साह भी बढ़ाया।
60% लाभार्थी बेटियां, शिक्षा में आगे बढ़ रहीं हैं हमारी बहनें : इस वर्ष जिन विद्यार्थियों को योजना का लाभ मिला, उनमें से 60% छात्राएं हैं। यह दर्शाता है कि लड़कियां अब केवल परिवार की उम्मीद नहीं, बल्कि प्रदेश की ताकत बन चुकी हैं। डॉ. यादव ने गर्व से बताया कि पिछले 15 वर्षों में 4.32 लाख विद्यार्थियों को योजना का लाभ मिला है और सरकार ने इस पर ₹1080 करोड़ से अधिक खर्च किए हैं।
शासकीय स्कूलों का प्रदर्शन निजी स्कूलों से बेहतर : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर निरंतर ऊंचा हो रहा है। इस बार सरकारी स्कूलों का बोर्ड रिजल्ट 52% रहा, जो निजी स्कूलों (48%) से अधिक है। 49,000 से अधिक विद्यार्थी सरकारी स्कूलों से और 44,000 से अधिक निजी स्कूलों से इस योजना के पात्र बने।
लैपटॉप नहीं, डिजिटल भविष्य की चाबी : मुख्यमंत्री ने कहा, “लैपटॉप सिर्फ एक गैजेट नहीं, यह छात्रों को डिजिटल दुनिया से जोड़ने का ज़रिया है। यह उन्हें वैश्विक प्रतियोगिता के लिए तैयार करेगा।” सरकार पहले ही किताबें, गणवेश, साइकिल, स्कूटी जैसी योजनाएं चला रही है और अब डिजिटल उपकरणों से लैस कर रही है।
उच्च शिक्षा में भी सरकार दे रही पूरा साथ : डॉ. यादव ने बताया कि इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई में भी सरकार आर्थिक रूप से साथ खड़ी है। NEET परीक्षा पास करने वाले विद्यार्थियों की पूरी फीस सरकार वहन कर रही है, जो औसतन ₹80 लाख तक हो सकती है। उनका लक्ष्य है कि 2027 तक प्रदेश में 50 मेडिकल कॉलेज हों।
देहदान और अंगदान करने वालों को राज्य सम्मान : मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि देहदान या अंगदान करने वालों के परिजनों को 26 जनवरी और 15 अगस्त को सम्मानित किया जाएगा। साथ ही, गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम विदाई देने की परंपरा शुरू की जाएगी।
प्रेरणादायक उदाहरण : विद्यार्थियों की बातें
भोपाल की नीशू पंडित, जिसने 97% अंक प्राप्त किए, कहती हैं, “यह राशि मेरे सीए बनने के सपने को पूरा करने में मदद करेगी।” वहीं प्रांजल कुशवाह ने कहा, “मैं ऑनलाइन क्लासेस के लिए लैपटॉप का इस्तेमाल करूंगा।”
शासकीय प्रयास और प्रभाव : स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने बताया कि इस साल लैपटॉप राशि जुलाई के पहले हफ्ते में ही वितरित कर दी गई, साथ ही सत्र शुरू होते ही पुस्तकें भी पहुंचा दी गईं। जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. विजय शाह ने कहा कि लैपटॉप योजना से मध्यप्रदेश डिजिटल शिक्षा में देश का अग्रणी राज्य बनेगा।