राजनीतिक दल अब लेन-देन का लेखा जोखा ऑनलाइन दर्ज कर सकेंगे, चुनाव आयोग ने पोर्टल लॉन्च किया

नई दिल्ली  : राजनीतिक दल अब अपना वित्तीय लेखा-जोखा निर्वाचन आयोग (ईसीआई) को ऑनलाइन दाखिल कर सकेंगे। राजनीतिक दलों द्वारा योगदान रिपोर्ट, लेखा परीक्षा किया गया वार्षिक विवरण और चुनाव के दौरान किए गए व्यय के विवरण को ऑनलाइन दाखिल करने की सुविधा प्रदान करने हेतु एक नए वेब-पोर्टल  के शुभारंभ के साथ इस उपाय को संभव बनाया गया है।

पिछले कई वर्षों से जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 और निर्वाचन आयोग द्वारा समय-समय पर जारी की जाने वाली पारदर्शिता संबंधी दिशानिर्देशों के अनुरूप, राजनीतिक दलों को ये वित्तीय लेखा-जोखा निर्वाचन आयोग/राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को प्रस्तुत करना आवश्यक है।

सभी राजनीतिक दलों को लिखे गए एक पत्र में, चुनाव आयोग ने कहा है कि यह सुविधा दोहरे उद्देश्यों के साथ तैयार की गई है: पहला, राजनीतिक दलों को वास्तविक रिपोर्ट दाखिल करने में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने हेतु सुविधा प्रदान करना और दूसरा, निर्धारित/मानकीकृत प्रारूप में समय पर वित्तीय विवरण दाखिल करना सुनिश्चित करना। डेटा की ऑनलाइन उपलब्धता से अनुपालन और पारदर्शिता के स्तर में वृद्धि होने की उम्मीद है। पत्र में, चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों की निर्णायक स्थिति की ओर इशारा किया और इस बात पर जोर दिया कि चुनावी प्रक्रियाओं, विशेषकर वित्तीय जानकारी देने के मामले में, लोकतांत्रिक कार्यप्रणाली और पारदर्शिता के सिद्धांतों का पालन करना उन पर निर्भर है।

इस ऑन-लाइन पोर्टल में राजनीतिक दल के अधिकृत प्रतिनिधियों के पंजीकृत मोबाइल नंबर और पंजीकृत ईमेल पर संदेशों के रूप में अनुस्मारक भेजने की सुविधा भी है ताकि अनुपालन की तारीखें छूटने न पाएं। ऑनलाइन मॉड्यूल और ऑनलाइन रिपोर्ट दाखिल करने की प्रक्रिया को समझाते हुए ग्राफिकल अभ्यावेदन के साथ एक विस्तृत मार्गदर्शक पुस्तिका (मैनुअल) और अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर (एफएक्यू) भी राजनीतिक दलों को भेजे गए हैं। ऑनलाइन फाइलिंग के बारे में और अधिक मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु, चुनाव आयोग विभिन्न राजनीतिक दलों के नामित व्यक्तियों के लिए एक व्यावहारिक प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित करेगा।

जो राजनीतिक दल ऑनलाइन मोड के जरिए वित्तीय लेखा-जोखा दाखिल नहीं करना चाहते हैं, उन्हें लिखित रूप में निर्वाचन आयोग को अपना लेखा-जोखा ऑनलाइन दाखिल न करने का कारण बताना होगा और वे निर्धारित प्रारूप में सीडी/पेन ड्राइव के साथ हार्ड कॉपी में अपनी रिपोर्ट दाखिल करना जारी रख सकेंगे। इसके बदले में, आयोग वित्तीय लेखा – जोखा ऑनलाइन दाखिल न करने के लिए पार्टी विशेष द्वारा भेजे गए औचित्य पत्र के साथ ऐसी सभी रिपोर्ट को ऑनलाइन प्रकाशित करेगा।

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