बेंगलुरु : कर्नाटक की राज्य विधानसभा के लिए आज हुए आम चुनाव में कुल 224 विधानसभा क्षेत्रों के लिए 58,545 मतदान केंद्रों (सहायक मतदान केंद्रों सहित) में नवविवाहित दंपति से लेकर नवजात शिशु, पीडब्ल्यूडी, ट्रांसजेंडर और विशेष रूप से स्थापित नृजातीय केंद्रों में जनजातीय समूह तक; जीवंतता के साथ और बड़े पैमाने पर शांतिपूर्ण मतदान में शामिल हुए। लोकतंत्र के पर्व में प्रदेश भर के मतदाता उत्साह से भाग लेते और अपने मताधिकार का प्रयोग करते देखे गए।
मांड्या जिले में होसाकेरे गांव स्थित रामपुरा नृजातीय मतदान केंद्र : कर्नाटक में लगभग 65.69% (शाम 5 बजे) मतदान के संभावित आंकड़े दर्ज किए गए। मतदान के अंतिम घंटे तक मतदान केंद्रों पर पहुंचने वाले मतदाताओं को अपना वोट डालने की अनुमति दी जाती है। शाम छह बजे भी कई मतदाता कतार में दिखे। फॉर्म 17ए की जांच के बाद अंतिम आंकड़े 11.05.2023 तक निर्धारित हो पाएंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त श्री राजीव कुमार के साथ चुनाव आयुक्त श्री अनूप चंद्र पांडे और श्री अरुण गोयल के नेतृत्व में आयोग द्वारा तैयार की गयी अग्रिम योजना और व्यापक निगरानी ने राज्य में चुनावों के सुचारू संचालन की रूपरेखा बनाई और निगरानी की, क्योंकि अभी तक किसी भी मतदान केंद्र में पुनर्मतदान की आवश्यकता की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।
आज पंजाब के 04-जालंधर (एससी) संसदीय क्षेत्र, ओडिशा के 07-झारसुगुड़ा विधानसभा क्षेत्र, उत्तर प्रदेश के 395- छानबे (एससी) विधानसभा क्षेत्र में उम्मीदवारों के निधन के कारण हुई रिक्तियों को भरने के लिए भी मतदान हुआ; उत्तर प्रदेश के 34-स्वार विधानसभा क्षेत्र में मौजूदा उम्मीदवार की अयोग्यता के कारण और मेघालय के 23-सोहियोंग (एसटी) विधानसभा क्षेत्र में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार की मृत्यु के कारण स्थगित मतदान के लिए भी वोट डाले गए। शाम 5 बजे तक, जालंधर के लिए 50.27%; झारसुगुड़ा के लिए 68.12%; छानबे (एससी) के लिए 39.51%; स्वार के लिए 41.78% और सोहियोंग (एसटी) के लिए 91.39% तक मतदान की रिपोर्ट प्राप्त हुई है।
मेघालय, पंजाब और ओडिशा के उपचुनावों में मतदाताओं की झलकियां : सावधानीपूर्वक तैयार की गयी योजना, पड़ोसी राज्यों के मुख्य सचिवों/पुलिस महानिदेशकों और अन्य प्रवर्तन एजेंसियों के साथ आयोग की नियमित व विस्तृत समीक्षा ने आज कर्नाटक के 224 विधानसभा क्षेत्रों में एक ही चरण में सुचारू, स्वतंत्र, निष्पक्ष, आसान पहुँच और समावेशी चुनाव सुनिश्चित किया। 30,000 से अधिक मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की सुविधा उपलब्ध थी। महत्वपूर्ण मतदान केंद्रों पर पर्याप्त सीएपीएफ और माइक्रो पर्यवेक्षक तैनात किए गए थे। सीईसी श्री कुमार ने कर्नाटक के मतदाताओं को धन्यवाद देते हुए कहा कि, “गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मेघालय, नागालैंड, त्रिपुरा और कर्नाटक सहित पिछले 6 चुनावों में, 1.26 लाख से अधिक मतदान केंद्रों में से केवल नगालैंड के 4 पी.एस. में पुनर्मतदान हुए थे।
28 एसी में पीएस की निगरानी के लिए बीबीएमपी में एकीकृत नियंत्रण और कमान केंद्र : महिला मतदाताओं को बेहतर अनुभव प्रदान करने के लिए आयोग की पहल के हिस्से के रूप में, 996 पूर्ण रूप से महिला प्रबंधित मतदान केंद्र स्थापित किए गए, जिनमें महिला सुरक्षा कर्मियों सहित सभी मतदान अधिकारी महिलायें थीं। मतदान केंद्रों पर सुबह में ही मतदान के लिए आने वाली दुल्हनों की खुशनुमा तस्वीरें देखने को मिलीं। मताधिकार को सम्मान करने का उत्साह ऐसा था कि बल्लारी के कुर्लागिंडी गांव से एक दुर्लभ घटना की सूचना मिली। पोलिंग बूथ पर 23 साल की एक महिला ने नवजात शिशु को जन्म दिया। महिला अधिकारियों और महिला मतदाताओं ने प्रसव-प्रक्रिया में मदद की।
पहली बार, अस्सी वर्ष और इससे अधिक आयु के मतदाताओं तथा बेंचमार्क दिव्यांगता वाले और पीडब्ल्यूडी मतदाताओं के लिए घर से वोट डालने की सुविधा प्रदान की गई। कर्नाटक में 80,250 वरिष्ठ नागरिकों (80 वर्ष से अधिक); 19,279 पीडब्ल्यूडी और 15,328 आवश्यक सेवा कर्मियों ने फॉर्म 12 डी भरे थे। वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों में से कुल 94,931 मतदाताओं ने घर से मतदान किया। ट्रांसजेंडर मतदाताओं ने भी उत्साह से वोट डाले। मतदान केंद्रों पर रैम्प, पेयजल, शौचालय, स्वयंसेवकों और व्हीलचेयर जैसी न्यूनतम सुविधाओं सहित सभी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित की गयीं थीं।
मतदान केंद्रों पर वरिष्ठ नागरिक, पीडब्ल्यूडी और ट्रांसजेंडर मतदाता
सभी मतदान केंद्रों पर शिशु देखभाल केंद्र की व्यवस्था की गई थी – बच्चों वाली महिला मतदाताओं की सुविधा को दिखाती हावेरी जिले की झलकियां
737 थीम आधारित और नृजातीय मॉडल मतदान केंद्र स्थापित किए गए थे। राज्य में स्थापित 239 मतदान केंद्रों पर मतदाताओं का पीडब्ल्यूडी कर्मियों ने स्वागत किया। लोकतंत्र के उत्सव में भाग लेने के लिए युवा मतदाताओं को प्रेरित करने के क्रम में निर्वाचन आयोग की पहल के हिस्से के रूप में, 286 मतदान केंद्रों का प्रबंधन, सबसे कम उम्र के उपलब्ध कर्मियों द्वारा किया गया था। पहली बार मतदान में हिस्सा लेने वाले पंजीकृत मतदाताओं (18-19) की संख्या राज्य में 11.71 लाख से अधिक थी।