संगठित क्षेत्र में बढ़ीं नौकरियां, EPFO ने जून में जोड़े 19.29 लाख मेंबर, इस उम्र के कर्मचारी सबसे ज्यादा

नई दिल्ली : ईपीएफओ ने जून 2024 में 19.29 लाख कुल सदस्य जोड़े हैं। इसके अलावा, वर्ष-दर-वर्ष के आधार पर किया जाने वाला विश्लेषण जून 2023 की तुलना में कुल सदस्यों के जुड़ाव में 7.86 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। सदस्यता में हुई इस वृद्धि के लिए कई कारकों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जिसमें रोजगार के अवसरों में वृद्धि, कर्मचारी लाभों के बारे में बढ़ती जागरूकता और ईपीएफओ के संपर्क (आउटरीच) कार्यक्रम की प्रभावशीलता शामिल है।

आंकड़े बताते हैं कि जून 2024 के दौरान लगभग 10.25 लाख नए सदस्यों ने नामांकन कराया है। पिछले मई 2024 की तुलना में नए सदस्यों की संख्या में 4.08 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और पिछले वर्ष जून 2023 की संख्या की तुलना में 1.05 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इन आंकड़ों में ध्यान देने योग्य एक पहलू 18-25 आयु वर्ग का प्रभुत्व है, जो जून 2024 में जोड़े गए कुल नए सदस्यों का महत्वपूर्ण 59.14 प्रतिशत है। यह पहले के रुझान के अनुरूप है, जो इस बात की ओर इंगित करता है कि संगठित श्रमशक्ति में शामिल होने वाले अधिकांश व्यक्ति युवा, मुख्य रूप से पहली बार नौकरी तलाशने वाले, हैं।

पेरोल से संबंधित आंकड़े इस बात पर प्रकाश डालते हैं कि लगभग 14.15 लाख सदस्य बाहर निकल गए और बाद में ईपीएफओ में फिर से शामिल हो गए। यह आंकड़ा जून 2023 की तुलना में वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 11.79 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। इन सदस्यों ने अपनी नौकरी बदल ली और ईपीएफओ के दायरे में आने वाले प्रतिष्ठानों में फिर से शामिल हो गए और अंतिम निपटारे के लिए आवेदन करने के बजाय अपने संचय को स्थानांतरित करने का विकल्प चुना, जिससे वित्तीय कल्याण की दीर्घकालिक सुरक्षा बनी रही और उनकी सामाजिक सुरक्षा का विस्तार हुआ।

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पेरोल से संबंधित आंकड़ों के लैंगिक आधार पर विश्लेषण से पता चलता है कि जून महीने के दौरान जोड़े गए नए सदस्यों में से लगभग 2.98 लाख नई महिला सदस्य हैं। यह आंकड़ा जून 2023 की तुलना में वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 5.88 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। इसके अलावा, जून महीने के दौरान कुल महिला सदस्यों का जुड़ाव लगभग 4.28 लाख का रहा, जो जून 2023 की तुलना में वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 8.91 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। महिला सदस्यों के जुड़ाव में यह वृद्धि अधिक समावेशी और विविधतापूर्ण श्रमशक्ति की दिशा में एक व्यापक बदलाव का संकेत है।

पेरोल से संबंधित आंकड़ों के राज्य-वार विश्लेषण से पता चलता है कि कुल सदस्यों की संख्या में वृद्धि पांच राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात और हरियाणा में सबसे अधिक है। इन राज्यों का कुल सदस्य वृद्धि में लगभग 61.16 प्रतिशत का योगदान है और जून महीने के दौरान यहां से कुल 11.8 लाख कुल सदस्य जुड़े। सभी राज्यों में से, महाराष्ट्र जून महीने के दौरान 21.09 प्रतिशत कुल सदस्य जोड़कर सबसे आगे है।

उद्योग-वार आंकड़ों का वर्ष-दर-वर्ष के आधार पर किया गया विश्लेषण विश्वविद्यालय, कॉलेज, स्कूल, वित्तीय प्रतिष्ठान, सामान्य बीमा, सोसायटी क्लब या एसोसिएशन, निजी क्षेत्र की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया कंपनियां आदि जैसे उद्योगों में संलग्न प्रतिष्ठानों में काम करने वाले सदस्यों में महत्वपूर्ण वृद्धि को दर्शाता है। कुल शुद्ध सदस्यता में से, लगभग 40.70 प्रतिशत जुड़ाव विशेषज्ञ सेवाओं (जनशक्ति आपूर्तिकर्ताओं, सामान्य ठेकेदारों, सुरक्षा सेवाओं, विविध गतिविधियों आदि) से सबद्ध है।

पेरोल से संबंधित उपरोक्त आंकड़े अनंतिम हैं क्योंकि आंकड़ों का संकलन एक सतत प्रक्रिया है और कर्मचारी रिकॉर्ड को अद्यतन करना भी एक सतत प्रक्रिया है। पिछले आंकड़े हर महीने अद्यतन किये जाते हैं।

अप्रैल-2018 से, ईपीएफओ सितंबर 2017 के बाद की अवधि को कवर करते हुए पेरोल से संबंधित आंकड़े जारी कर रहा है। मासिक पेरोल आंकड़ों में, आधार मान्य यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) के माध्यम से पहली बार ईपीएफओ में शामिल होने वाले सदस्यों की गिनती ईपीएफओ के कवरेज से बाहर निकलने वाले मौजूदा सदस्य और बाहर निकलकर वापस सदस्य के रूप में फिर से शामिल होने वाले व्यक्तियों की संख्या को ध्यान में रखकर की जाती है और शुद्ध मासिक पेरोल से संबंधित आंकड़ा निकाला जाता है।

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