CNG Terminal in Varanasi : वाराणसी में बनेगा देश का दूसरा रिवर सीएनजी टर्मिनल, इन लोगों को होगा बड़ा फायदा

 वाराणसी : पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा काशी के नमो घाट पर आयोजित सीएनजी वोट रैली में हिस्सा लेने आए केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि वाराणसी में गंगा किनारे दूसरा सीएनजी टर्मिनल वाराणसी के रविदास घाट पर बनेगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार से जमीन सहित अन्य औपचारिकताएं पूरी होते ही पेट्रोलियम मंत्रालय की ओर से कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

 केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि इंडिया एनर्जी वीक 2023” का आयोजन भारत के जी-20 की अध्यक्षता के दौरान बेंगलुरु में 6-8 फरवरी 2023 तक “ग्रोथ, कोलैबोरेशन, ट्रांजिशन” विषय के अंतर्गत किया जा रहा है। इसी के तहत लोगों को ऊर्जा और सी एन जी के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से वाराणसी में सीएनजी बोट रैली का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में वाराणसी ने प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दृष्टिकोण के तहत अपने स्वर्ण युग का पुनरुत्थान देखा है। काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर और वाराणसी के विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक घाटों के जीर्णोद्धार और विकास जैसे अभूतपूर्व प्रयासों ने हमारी विरासत और संस्कृति के संबंध और सम्मान के साथ आधुनिक जीवन और पर्यटन के विकास को जोड़ा है।

 उन्होंने कहा की वाराणसी के परिवर्तन और ऊर्जा परिवर्तन और ऊर्जा सुरक्षा के लिए भारत की रणनीति के बीच एक समानांतर रेखा खींचने के लिए आभारी हूं। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की चाह थी की वाराणसी के नाव डीजल की जगह सीएनजी से चले। आज बताते हुई खुशी हो रही है की वाराणसी में 580 नावें सीएनजी में तब्दील हो गई है। डीजल की तुलना में सीएनजी अधिक कुशल ईंधन होने के कारण नाविकों के लिए महत्वपूर्ण बचत होती है।  सीएनजी डीजल की तुलना में 18 फीसदी ज्यादा माइलेज देती है। नाविक समुदाय ने इसका उपयोग कर अधिक रुपये की बचत की है। उन्होंने कहा कि

वाराणसी में नाव अभी सी एन जी से चल रहे हैं। वो समय जल्द आएगा जब यहां की नाव ग्रीन हाइड्रोजन से चलती दिखेगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में विश्वगुरु बनने की दहलीज पर खड़ा है और प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत विजन की बदौलत आजादी के 100वें वर्ष में इसके 26 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की संभावना है। भारत ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए और 2070 तक शुद्ध कार्बन शून्य प्राप्त करने के लिए चार-आयामी रणनीति के माध्यम से कार्य कर रहा है।

इसमें ऊर्जा आपूर्ति का विविधीकरण, वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को बढ़ाने के लिए जैव ईंधन, इथेनॉल, सीबीजी और सूर्य नूतन सोलर कुकटॉप पर कार्य करना, भारत के एक्सप्लोरेशन और उत्पादन फुडप्रिंट को बढ़ाना और हरित हाइड्रोजन पर काम करना है।

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि सीएनजी से चलने वाली नावें न केवल वाराणसी आने वाले निवासियों, नाविकों और पर्यटकों के लिए स्वस्थ हवा देती हैं बल्कि यह हमारी पवित्र गंगा नदी और इसके पारिस्थितिकी तंत्र और समुद्री जीवन को डीजल के रिसाव के जोखिम से भी बचाती हैं। सीएनजी इंजन प्रति किलोमीटर चलने पर डीजल संचालित इंजनों की तुलना में 18-20% कम CO2 का उत्सर्जन करता है। इसके परिणामस्वरूप वातावरण में प्रति वर्ष 216 टन CO2 उत्सर्जन कम हुआ है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएनजी (घरेलू) कनेक्शन 2014 में 22.28 लाख से बढ़कर 2022 में 1 करोड़ से अधिक हो गए हैं।  सीजीडी कवर जिलों की संख्या 2014 में 66 से नौ गुना से अधिक बढ़कर 2022 में 630 हो गई है। भारत में सीएनजी स्टेशनों की संख्या 2014 में 783 से बढ़कर 2022 में 4900 हो गई है। इसी तरह देश के अंदर 2014 में 14 हजार किमी पाइपलाइन का विस्तार था। अभी 23 हजार किमी तक पाइपलाइन का विस्तार हो गया है और आने वाले समय इसे 34 हजार किमी तक ले जाने का प्लान है।

कार्यक्रम में मौजूद केंद्रीय पेट्रोलियम राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने कहा कि वाराणसी में गंगा पर यह सीएनजी बोट रैली दुनिया के लिए भारत की संस्कृति, विरासत और ऊर्जा परिवर्तन का प्रदर्शन है।  नावों में सी एन जी का उपयोग होने से नाविकों का जीवन स्तर सुधर ही रहा है, साथ मां गंगा के साथ प्रकृति के लिए बेहतर साबित हो रहा है। उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री ए के शर्मा ने नावों को सी एन जी में तब्दील करने सहित पेट्रोलियम और हरित ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य में किए गए कार्यों के लिए धन्यवाद दिया और भविष्य की योजनाओं के लिए हरसंभव सहयोग उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।

Share this with Your friends :

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter