नाराज ग्रामीणों ने घेरा स्टेट हाइवे : दो घंटे तक लगा रहा जाम, दुर्घटना में युवक की मौत पर जताया विरोध

दतिया। बस की टक्कर से दस दिन पहले घायल हुए युवक की ग्वालियर में उपचार के दौरान मौत हो जाने पर नाराज स्वजन उसका शव लेकर गांव पहुंचे। इसके बाद पुलिस एफआईआर में बस का नंबर दर्ज न किए जाने के चलते मृतक के परिवारजन और ग्रामीण शव उठाकर स्टेट हाइवे पर ले आए। जहां बीच सड़क पर शव रखकर उन्होंने जाम लगा दिया। करीब दो घंटे तक दतिया-सेवढ़ा रोड पर जाम की स्थिति के चलते दोनों ओर वाहनों की कतार लग गई। जब इस बात की सूचना पुलिस को लगी तो वह मौके पर पहुंची। जहां आक्रोश जता रहे मृतक के स्वजन की बात मानकर बस के नंबर सहित एफआईआर दर्ज करने का आश्वासन दिया गया। जिसके बाद ग्रामीणों ने जाम खोला।

करीब एक सैकड़ा ग्रामीण व मृतक के स्वजन इस मामले में दोषियों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज न किए जाने से नाराज था। जिसके चलते विरोध प्रदर्शन करते हुए उन्होंने भगुवारामपुरा के समीप कुटीर कालोनी चरोखरा पर करीब दो घंटे तक सड़क घेरे रखी। जाम के दौरान महिलाएं सड़क पर ही बैठ गई।

दस दिन पहले हुआ था हादसा
महिलाओं के साथ बिलखती मां बेनीबाई बरेठा अपने बेटे रवि बरेठा की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग कर रही थी। मृतक की मां बेनीबाई का कहना था कि 28 अप्रेल को जिस बस ने उसके बेटे को कुचला उस पर मामला कायम करने में पुलिस देरी कर रही है। इसके साथ मौजूद ग्रामीणों का कहना था कि 10 दिन तक जब मृतक रवि, जीवन मौत से लड़ता रहा तो किसी ने भी उसकी सुध नहीं ली। पुलिस ने बस के मालिक व चालक नाम से एफआईआर नहीं काटी। कई बार थाने आकर संबंधितों ने चक्कर भी लगाए, लेकिन पुलिस ने कोई गौर नहीं किया।

आश्वासन मिला तब मानें ग्रामीण
सड़क पर जाम लगाए बैठी महिलाएं व ग्रामीण लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इसके बाद मौके पर पहुंचे एसडीओपी अखिलेश पुरी ने एफआईआर में बस नंबर लिखने का आश्वासन उन्हें दिया। जिसके बाद शव को उठाकर जाम खोला गया। इस बीच सेवढ़ा दतिया स्टेट हाईवे डेढ़ से दो घंटे तक जाम की स्थिति में रहा। बता दें कि 28 अप्रैल रात लगभग 8.45 बजे रवि पुत्र प्रकाश बरेठा निवासी रामपुरा खेत से घर की ओर जा रहा था। इस बीच भगुवारामपुरा में स्थित पेट्रोल पंप से गुजरते वक्त सामने से आ रही कान्हा बस ने उसे टक्कर मार दी। गंभीर घायल रवि को सेवढ़ा सिविल अस्पताल लाया गया। जहां से उसे पहले दतिया फिर ग्वालियर रैफर किया गया था।

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