फर्जी चाइनीज एप ने देशभर में पांच लाख लोगों को लगाया 150 करोड़ का चूना, रुपये दोगुना करने का देता था लालच

नई दिल्ली । कोरोना काल में चीन के ठगों ने लाखों भारतीयों को अपना शिकार बना लिया। फर्जी चाइनीज एप (पावर बैंक) के जरिए न केवल देशभर में लाखों लोगों का डाटा चुराया, बल्कि पैसा दोगुना करने का झांसा देकर पांच लाख से अधिक लोगों से 150 करोड़ रुपये ठग लिए। इस एप से देशभर के 50 लाख लोग जुड़े हुए हैं और सारी ठगी महज दो माह में की गई है। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने इंटरनेट मीडिया पर ठगी के शिकार लोगों की शिकायतों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए इससे जुड़े 11 लोगों को गिरफ्तार किया है।

एक दिन पहले मंगलवार को उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने पावर बैंक एप के ही जरिए धोखाधड़ी में नोएडा से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। उत्तराखंड पुलिस के मुताबिक ठगी की रकम ढाई सौ करोड़ रुपये तक है। साइबर सेल के डीसीपी ने बताया कि इंटरनेट मीडिया पर पावर बैंक और ईजी प्लान को लेकर खूब पोस्ट किए जा रहे थे। लोग इन एप्लीकेशन को डाउनलोड कर इस्तेमाल कर रहे थे। पावर बैंक एप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध था, वहीं ईजी प्लान वेबसाइट पर उपलब्ध था। इन दोनों एप पर निवेश करने पर दोगुना रकम देने की बात कही जा रही थी।

चूंकि इन एप का इस्तेमाल करने के लिए लोगों को संदेश स्पैम के रूप में भेजे जा रहे थे, ऐसे में इन दोनों एप को संदिग्ध के रूप में पहचाना गया। राष्ट्रीय साइबर फोरेंसिक लैब में जांच में पता चला कि झांसा देने के लिए पावर बैंक एप ने खुद को बेंगलुरू स्थित प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप के रूप में पेश किया। जिस सर्वर पर एप को होस्ट किया गया वह चीन में स्थित पाया गया। जांच में पता चला कि इस एप पर पैसों के लेनदेन के लिए बड़ी संख्या में भारतीय भी शामिल हैं।

पुलिस टीम ने सबसे पहले एप पर खुद को पंजीकृत कराया और कुछ पैसे एप के जरिये भेजे। जालसाजों द्वारा उपयोग किए गए लिंक, भुगतान गेटवे, यूपीआइ आइडी, लेनदेन आइडी, बैंक खाते आदि की पहचान की गई। जुड़े हुए मोबाइल नंबर और जिन कंपनियों के खातों में ठगी का पैसा भेजा गया उसका पता लगाया गया। खातों से जुड़े नंबरों की जांच के बाद पता चला कि बंगाल के उलुबेरिया का रहने वाला शेख राबिन एप से जुड़े हुए 30 खातों को चला रहा है। फर्जी कंपनियों के कुछ निदेशकों के बारे में पता चला।

पुलिस टीम ने दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में छापेमारी कर शेख राबिन, दो सीए (चार्टर्ड एकाउंटेंट) अविक केडिया व रौनक बंसल, उमाकांत, आकाश जोयस, वेद चंद्रा, हरिओम, अभिषेक, शशि बंसल, मिथिलेश शर्मा, अरविंद समेत 11 आरोपितों को गिरफ्तार किया। आरोपितों ने पूछतांछ में बताया कि फर्जी कंपनियों, बैंक खातों के माध्यम से चीनी नागरिकों द्वारा सुनियोजित तरीके से एप के जरिए करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की जा रही थी। शेख राबिन से चीनी नागरिकों ने टेलीग्राम के जरिए संपर्क किया था। शुरुआत में इसने चीनी नागरिकों के बैंक खाते खोले थे, लेकिन बाद में पैसे भेजने लगा। उसके पास 29 बैंक खाते और 30 मोबाइल फोन बरामद किए गए।

साइबर सेल ने आरोपितों की गिरफ्तारी से पहले बैंक खातों में जमा 11 करोड़ रुपये को गेटवे के माध्यम से सीज करा दिया। 97 लाख रुपये गुरुग्राम के सीए के पास से मिले। उसने चीन में बैठे एप निर्माताओं के कहने पर 110 फर्जी कंपनियां बनाईं। आनलाइन मल्टी लेवल मार्केटिंग कंपनियों के जरिये भारतीयों को पैसा निवेश करने व जल्द उन्हें दोगुना रिटर्न करने का भरोसा दिया गया। क्विक मनी एप के जरिये निवेशकों को शुरू में 24 से 35 दिनों के अंदर कुछ राशि लौटाई गई। इससे निवेशकों का विश्वास बढ़ा और वे अधिक पैसे निवेश करते गए।

एप को डाउनलोड करने के बाद पंजीकरण किया जाता था। इसके बाद पैसे निवेश करने पर 20 से 25 दिन में दोगुना करने का दावा किया जाता था। निवेशक को विश्वास में लेने के लिए आरोपित पहले 10 से 15 फीसद रुपये दे देते थे। इस एप पर लोग तीन सौ रुपये से करोड़ों रुपये तक निवेश कर चुके हैं।

Share this with Your friends :

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter