‘साइबर बुलिंग’ युवाओं को प्रभावित कर रही, कानून के जरिए इससे लड़ने की जरूरत : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला

नई दिल्ली : लोकसभा अध्यक्ष  ओम बिरला ने कल सिक्किम के गंगटोक में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) भारत क्षेत्र के 19वें वार्षिक जोन III सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में सिक्किम के मुख्यमंत्री  प्रेम सिंह तमांग, राज्यसभा के उपसभापति, श्री हरिवंश, अरुणाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष और सीपीए भारत क्षेत्र, जोन – III के अध्‍यक्ष  पासंग डी. सोना, सिक्किम विधानसभा के अध्यक्ष  अरुण कुमार उप्रेती, भारत के विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारी; सांसद;  सिक्किम विधानमंडल के सदस्य और अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्षबिरला ने चर्चा और संवाद पर जोर देते हुए कहा कि यही लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने कहा कि जनता की समस्याओं को हल करने का मंच होने के नाते विधायिका को निर्विघ्‍न एवं निर्बाध चर्चा का केंद्र होना चाहिए। इससे लोकतांत्रिक संस्थानों के प्रति जनता का विश्वास बढ़ेगा, जिससे हमारा लोकतंत्र मजबूत होगा।

सम्मेलन के विभिन्न विषयों के बारे में अपने विचार प्रकट करते हुए बिरला ने कहा कि वर्तमान संदर्भ में “साइबर बुलिंग” अत्यंत प्रासंगिक है, क्योंकि बहुत से लोग, विशेषकर किशोर और युवा इससे प्रभावित हो रहे हैं।  बिरला ने कहा कि हमारा प्रयास है कि ऐसे कानून बनाए जाएं जिनका उद्देश्य सभी नागरिकों को  सुरक्षा और संरक्षा प्रदान करना हो।  बिरला ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग शासन की दक्षता में सुधार लाने और लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए किया जाना चाहिए, लेकिन साथ ही संस्थाओं और लोगों को इसके दोषों से बचाने के लिए सुरक्षात्‍मक उपाय भी किए जाने चाहिए। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सम्मेलन से प्राप्‍त निष्कर्षों से बेहतर हल संभव हो सकेंगे।

लोकसभा अध्यक्ष ने ‘मादक पदार्थों की समस्‍या और इसके समाधान’ पर कहा कि ‘मादक पदार्थों की लत से युवा पीढ़ी प्रभावित हो रही है। यह समस्या केवल पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में मौजूद है। संसद में इस समस्‍या पर 20 और 21 दिसंबर 2022 को हुई विस्तृत चर्चा का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि इस विषय पर विस्तृत और गहन चर्चा के बाद यह बात सामने आई कि युवाओं को इस बारे में शिक्षित करने के लिए सदस्यों को देश भर में एक व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाना चाहिए।

उन्होंने देश में मादक पदार्थों की बढ़ती समस्या को समाप्त करने और नशा मुक्त भारत की दिशा में कार्य करने के लिए सभी से सामूहिक भावना से काम करने का आग्रह किया। उन्होंने आशा व्‍यक्‍त की कि जनप्रतिनिधि लोगों को इस दिशा में जागरूक बनाएंगे और युवाओं को सही दिशा प्रदान करेंगे।

संसद और विधानसभाओं को जनता/नागरिकों के लिए अधिक सुलभ बनाने के विषय पर  बिरला ने कहा कि आईटी (सूचना और प्रौद्योगिकी) के उपयोग से जिस तरह विधायिका व जनता के बीच उल्लेखनीय सक्रिय भागीदारी बढ़ी है, लेकिन हमें इसमें और अधिक सक्रिय भूमिका निभानी है। उन्होंने आगे डिजिटल संसद का उल्लेख किया। बिरला ने कहा कि तकनीक के माध्यम से विधायिका के कार्य को जनता तक पहुंचाया जा रहा है, 

सोशल मीडिया भी आपसी बातचीत के एक महत्वपूर्ण साधन के रूप में उभरा है। उन्होंने विधि निर्माण की प्रक्रिया में लोगों की अधिक से अधिक भागीदारी का आह्वान किया, जिससे लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं के अनुरूप कानून बनाए जा सकें।

बिरला ने पूर्वोत्तर राज्यों की आर्थिक क्षमता पर कहा कि पर्यटन, नवीकरणीय ऊर्जा, जैविक खेती और हस्तशिल्प के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने आगे सुझाव दिया कि पूरे पूर्वोत्तर राज्यों की समृद्धि को सुनिश्चित करने के लिए इस क्षेत्र के लोगों की कौशलता को राष्ट्रीय और वैश्विक बाजार से जोड़ने के लिए एक रणनीति तैयार की जानी चाहिए। इसके अलावा उन्होंने कहा कि हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि अपने संविधान निर्माताओं द्वारा परिकल्पित समृद्ध, विकसित और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करेंगे।

लोकसभा अध्यक्ष ने आगे कहा कि सीपीए भारत क्षेत्र का जोन III काफी महत्वपूर्ण मंच है। यह जोन नियमित रूप से कई विषयों और मुद्दों पर पूर्वोत्तर क्षेत्र के विधायकों के बीच चर्चा व संवाद आयोजित करता है और इस प्रक्रिया के माध्यम से वह कई विषयों पर एक आम समाधान निकलता है। उन्होंने इस पर जोर दिया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र की विधानमंडलों और जनप्रतिनिधियों के संयुक्त प्रयासों से इस क्षेत्र के आर्थिक व सामाजिक जीवन में बड़ा बदलाव आया है।

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इस बात को रेखांकित करते हुए कि दुनिया ने कोविड महामारी के दौरान डिजिटल तकनीक को अपनाना शुरू किया था, राज्य सभा के उपसभापति  हरिवंश ने कहा कि भारतीय संसद भी भविष्य की तैयारी के लिए डिजिटलीकरण की ओर बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि विधायी निकायों के साथ सार्वजनिक संपर्क बढ़ाने के लिए नए आईटी सुधार किए जा रहे हैं। डिजिटल पार्लियामेंट ऐप और नेशनल ई-विधान एप्लिकेशन इस दिशा में क्रांतिकारी कदम हैं।

उन्होंने आशा व्यक्त की कि एजेंडा कार्यसूची के तहत ‘संसद और विधायिका को जनता/नागरिकों के लिए अधिक सुलभ बनाना’ विषय पर चर्चा के दौरान, प्रतिभागी पारदर्शी विधायिका के साथ जनता के प्रभावी संपर्क की दिशा में किए जा रहे विभिन्न प्रयासों पर प्रकाश डालेंगे। सम्मेलन की दूसरी थीम ‘साइबर-बुलिंग’ के बारे में उन्होंने कहा कि डिजिटल रूप से सशक्त राष्ट्र बनने के लिए नई डिजिटल तकनीकों को अपनाने के हमारे मिशन का ‘साइबर-बुलिंग’ जैसा नकारात्मक पहलू भी है।

उन्होंने आगे कहा कि वैश्विक आंकड़ों के अनुसार, भारत विश्व के उन देशों में शामिल है, जहां साइबर-बुलिंग के सबसे ज्यादा मामले दर्ज किये जाते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि सम्मेलन इस उभरती समस्या का समाधान ढूंढने में सफल होगा। एजेंडे की तीसरे विषय ‘नशीले पदार्थों का सेवन और इस समस्या से निपटने के लिए भविष्य की योजनाएं’ के बारे में उन्होंने कहा कि पूरा देश नशे के खतरे का सामना कर रहा है। यह उल्लेख करते हुए कि भारत दुनिया का सबसे युवा देश है, उन्होंने सभी हितधारकों से युवाओं को न्यू इंडिया के लिए तैयार करने के क्रम में इस समस्या को जड़ से खत्म करने का आग्रह किया।

सिक्किम के मुख्यमंत्री  प्रेम सिंह तमांग ने इस अवसर पर उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। अपने स्वागत भाषण में  तमांग ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र में उल्लेखनीय और दूरगामी बदलाव हुए हैं। उन्होंने आगे कहा कि आज के समय में पूर्वोत्तर क्षेत्र राजनीतिक मंच से विकास से जुड़े मंच के रूप में परिवर्तित हो गया है।

इस क्षेत्र में हुए विभिन्न विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए, तमांग ने कहा कि मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी जैसी अवसंरचना का विकास हुआ है। इस कारण राज्य और क्षेत्र में हुई अभूतपूर्व प्रगति देखी जा सकती है। उन्होंने आगे कहा कि इसी तरह अन्य सभी क्षेत्रों में भी प्रगति और विकास के कार्य हुए हैं। भारत सरकार की एक्ट ईस्ट नीति की सराहना करते हुए,  तमांग ने कहा कि ऐसी नीतियां क्षेत्र के लिए वरदान साबित हुई हैं। प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी द्वारा पूर्वोत्तर क्षेत्र को दिए गए “अष्ट लक्ष्मी” के नाम का उल्लेख करते हुए,  तमांग ने कहा कि इस पहल से क्षेत्र के लोगों का मनोबल बढ़ा है और क्षेत्र की प्रतिष्ठा तथा सम्मान में भी वृद्धि हुई है।  

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अरुणाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष और सीपीए जोन III के अध्यक्ष पासंग डी. सोना ने अपने मुख्य भाषण में कहा कि राष्ट्रमंडल संसदीय संघ लोगों को प्रभावित करने वाले मामलों पर प्रासंगिक चर्चा के लिए देश और दुनिया भर के विधायकों को एक साथ लाने में सबसे आगे रहा है।  सोना ने खुशी जाहिर की कि सीपीए भारत क्षेत्र का जोन III नियमित रूप से सम्मेलनों का आयोजन करता रहा है। उन्होंने याद किया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र ने पिछले 25 वर्षों में विभिन्न विषयों पर 19 सम्मेलन आयोजित किए हैं। 

सोना ने पूर्वोत्तर क्षेत्र की अनूठी संस्कृति, जैव विविधता, भाषा, स्थलाकृति आदि का उल्लेख करते हुए कहा कि पूर्वोत्तर के लोगों ने कई चुनौतियों और मुद्दों को साझा किया है; और इस तरह के सम्मेलन इस क्षेत्र की समस्याओं और चुनौतियों पर सामूहिक चर्चा का मौका देते हैं। श्री सोना ने कहा कि नशीली पदार्थों के दुरुपयोग और साइबर बुलिंग जैसी समस्याएं वर्तमान समय के प्रमुख मुद्दों के रूप में उभरी हैं। उन्होंने कहा कि इन समस्याओं पर चर्चा करना और उचित समाधान निकालना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये युवाओं को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करती हैं, जो देश का भविष्य हैं।

स्वागत भाषण में सिक्किम विधानसभा के अध्यक्ष  अरुण कुमार उप्रेती ने सम्मेलन का उद्घाटन करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि सम्मेलन विधायकों और लोगों के लिए प्रासंगिक विषयों पर सीखने और नेटवर्किंग का एक बेहतर अवसर है।  उप्रेती ने आशा व्यक्त की कि सम्मेलन के परिणाम से विधायिकाओं और जनप्रतिनिधियों को अपने उत्तरदायित्वों का अधिक प्रभावी ढंग से निर्वहन करने का ज्ञान होगा।इससे पहले, उनके आगमन पर बिरला ने सिक्किम विधानसभा के परिसर में गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया।

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