पहले बेटी फिर पिता की भी थमी सांसें : सर्पदंश का इलाज न मिलने से हार गईं दो जिंदगी, खटिया पर लेकर पहुंचे थे ग्रामीण

Datia news : दतिया। नदी का जलस्तर बढ़ने और खराब रास्ते के कारण सर्पदंश के शिकार पिता पुत्री को समय पर उपचार नहीं मिल सका। जिसके चलते दो जिंदगी, मौत से हार गई।

इस दर्दनाक हादसे से ग्रामीण सदमे हैं। साथ ही वह शासन और जनप्रतिनिधियों द्वारा अभी तक नहीं दिए गए ध्यान को लेकर भी नाराज हैं।

सेवढ़ा से पांच किलोमीटर दूर बसे ग्राम मदनपुरा में शुक्रवार-शनिवार की रात दर्दनाक हादसा हो गया। जहरीले सांप के डसने से पिता-पुत्री की मौत हो गई। इस घटना के बाद गांव में शोक का माहौल है।

जानकारी के अनुसार मदनपुरा निवासी हनुमंत पाल अपनी आठ वर्षीय बेटी सानवी के साथ घर में सो रहे थे। आधी रात करीब 12 बजे सांप ने पहले बेटी को और फिर उसके पिता को डस लिया।

दोनों की हालत बिगड़ने लगी। स्वजन और ग्रामीण मदद को जुटे, लेकिन गांव कर नदी के पार करने में परेशानी खड़ी हो गई। सांसद संध्या राय द्वारा दी गई स्टीमर दो साल से खराब पड़ी है, मजबूरी में नाव का सहारा लिया गया।

तेज बहाव और बढ़े जलस्तर में से खाट पर लिटाकर पिता-पुत्री को किसी तरह नदी पार लाया गया। लेकिन दूसरी तरफ भारी दलदल भी पार करना था। ऐसे में ग्रामीणों ने खाट कंधों पर उठाकर उन्हें निकाला और सेवढ़ा अस्पताल पहुंचे।

डाक्टरों ने प्राथमिक इलाज के बाद ग्वालियर रेफर कर दिया। लेकिन यहां भी रास्ता मौत का कारण बना। सेवढ़ा पुल डूबा होने से एंबुलेंस को 50 किलोमीटर लंबा चक्कर लगाना पड़ा। इसी दौरान ग्वालियर से 20 किलोमीटर पहले हनुमंत की सांसें थम गईं, जबकि बेटी की पहले ही मौत हो चुकी थी।

मृतक हनुमंत के पिता वेदराम बघेल फूट-फूटकर रोते हुए कह रहे थे कि हमारा सब कुछ चला गया। जितना जिम्मेदार जहरीला सांप है, उतना ही गांव के रास्ते और वहां की व्यवस्थाएं हैं।

समय पर इलाज मिल जाता तो बेटा और नातिन बच जाते। बता दें कि एक हजार की आबादी वाले ग्राम मदनपुरा को आजादी के 78 साल बाद भी पुल और पक्के रास्ते की सुविधा नहीं मिल सकी है।

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