Datia News : दतिया। पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ शनिवार सुबह हेलीकाप्टर से बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वे करते हुए दतिया पहुंचे। दतिया हवाई पट्टी पर उन्हाेंने पत्रकारों से बातचीत की। इस दौरान कमलनाथ ने कहाकि भाजपा सरकार झूठ व भ्रष्टाचार में डूबी हुई है।
जिसका उदाहरण है वो पुल हैं जो इस सरकार के कार्यकाल में बनाए गए और 10 साल की अवधि में ही बह गए। इन पुलों के निर्माण की जांच होनी चाहिए। एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार अन्न महोत्सव मना रही है, अन्न महोत्सव मात्र पाखंड है। बाढ़ प्रभावितों को कोई राहत नहीं मिल रही
आज गरीब और आदिवासियों को वास्तविक मदद नहीं मिल पा रही है। जबकि सरकार को तो आदिवासी महोत्सव भी मनाया जाना चाहिए। हमारे प्रदेश में आदिवासियों की हालत बहुत ज्यादा खराब है।
राजीव रत्न खेल अवार्ड का नाम बदलने के बारे में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ बोले कि वे इसका बुरा तो नहीं मानते हैं, लेकिन गुजरात के अहमदाबाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से बने स्टेडियम का नाम भी मोदी स्टेडियम बदलकर मेजर ध्यानचंद स्टेडियम के नाम पर करना चाहिए तो ज्यादा अच्छा होता।
ग्वालियर संभाग में बाढ़ से हुए नुकसान के बारे में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहाकि मैंने हेलीकाप्टर से 200 फीट की हाइट से बाढ़ पीड़ितों की स्थिति देखी है, जो बहुत बुरी है। उन्होंने गृहमंत्री के रेस्क्यू आपरेशन संबंधी एक सवाल पर कहाकि यह सब प्रचार का प्रोपेगेंडा है।
हवाई पट्टी पर लगे मुर्दाबाद के नारे
दतिया हवाई पट्टी पर कुछ कांग्रेसी तख्ती लेकर पहुंचे गए जिन्होंने जिला अध्यक्ष के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए। बताया जाता है हाल ही में जिन कांग्रेस के 4 नेताओं के खिलाफ जिलाध्यक्ष ने लूट और मारपीट की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, उन्हीं नेताओं के कुछ समर्थकों ने यह हरकत की थी।
वहीं हवाई पट्टी पर कांग्रेसियों की काफी भीड़भाड़ नजर आई। भीड़भाड़ के कारण पूर्व जिला अध्यक्ष नाहर सिंह यादव का कुर्ता भी फट गया। सेवढ़ा विधायक घनश्याम सिंह भी हवाई पट्टी पर देर से पहुंचे।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के दतिया प्रवास के दौरान पूर्वमंत्री डॉ. गोविंद सिंह, सेवढ़ा विधायक घनश्याम सिंह, जिला कांग्रेस अध्यक्ष अशोक दांगी बगदा, कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष दामोदर सिंह यादव, किसान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुर्जर, मुरैना शहर कांग्रेस अध्य्क्ष दीपक शर्मा भी मौजूद रहे।