लखनऊ : प्रयागराज में गंगा-यमुना ने मंगलवार को खतरे का निशान पार कर लिया। इसके साथ ही नदियों के किनारे बसे सैकड़ों गांव बाढ़ के पानी से घिर गए। बनारस, चित्रकूट, हमीरपुर, जालौन, कानपुर देहात सहित कई जिलों में नदियों का जलस्तर बढ़ने से जलधार गांव घेर कर ग्रामीणों को डरा रही है। संगमनगरी में लगातार तीसरे दिन गंगा और यमुना उफान पर रहीं।
मंगलवार रात आठ बजे गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 1.09 मीटर ऊपर था और यमुना का 95 सेंटीमीटर। रात आठ बजे के आसपास इस समय गंगा का जलस्तर फाफामऊ में 85.82 व छतनाग में 85.03 मीटर था तथा नैनी में यमुना का 85.65 मीटर। तीनों ही स्थान पर खतरे का निशान 84.73 मीटर है।
करीब 12 हजार मकान शहर में ही डूब क्षेत्र में आ गए हैं। गंगा में लगातार बढ़ाव से बलिया, गाजीपुर, चंदौली, मीरजापुर, भदोही में हाहाकार मचा हुआ है। बलिया में आठ घंटे में गंगा ने आठ सेमी बढ़ी है। गाजीपुर में गंगा का पानी ग्रामीण क्षेत्रों के साथ अब नगरीय क्षेत्रों में भी घुसने लगा है। यहां जलस्तरखतरे के निशान से एक मीटर से भी अधिक है।
बिहार में गंगा-कोसी उफान पर, खगड़िया में टूटा बांध जागरण टीम, पटना : बिहार के कई जिलों में बीते दो-तीन दिनों से हो रही बारिश के कारण नदियां फिर उफान पर हैं और कई जगह खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं हैं। गंडक, बूढ़ी गंडक, बाया, बागमती समेत पहाड़ी नदियों का कहर बरपा रहीं हैं। कई जगहों पर गंगा खतरे के निशान को पार कर चुकी है, वहीं कोसी का पानी भी कई गांवों में फैल गया है। खगड़िया में जमींदारी बांध टूटने के कारण आसपास के इलाकों में बाढ़ का पानी फैल गया है।