भोपाल | मध्यप्रदेश सरकार ने देश में पहली बार सार्वजनिक-निजी सहभागिता (PPP मोड) पर चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक नई पहल की है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि प्रदेश में इस मॉडल के तहत चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना की जा रही है, जिससे चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में गुणात्मक सुधार संभव होगा।
धार, पन्ना, कटनी और बैतूल में शुरू हुई पहल : मुख्यमंत्री ने कहा कि धार, पन्ना, कटनी और बैतूल में पीपीपी मोड पर चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। वहीं द्वितीय चरण में 9 अन्य जिलों — टीकमगढ़, भिंड, मुरैना, खरगोन, अशोकनगर, गुना, बालाघाट, सीधी और शाजापुर — में भी चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित करने की कार्यवाही जारी है। यह कदम प्रदेश में स्वास्थ्य अवसंरचना को सुदृढ़ करने और ग्रामीण व अर्धशहरी क्षेत्रों में चिकित्सकीय शिक्षा की पहुंच बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
टीकमगढ़ में जिला चिकित्सालय की क्षमता बढ़ी : टीकमगढ़ में चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना के साथ ही जिला चिकित्सालय की क्षमता 300 से बढ़ाकर 500 बिस्तरों तक कर दी गई है। इसके संचालन के लिए 160 नए पदों की स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके अलावा, गत वर्ष 16 करोड़ रुपये की लागत से 100 बिस्तरीय नया भवन भी तैयार किया गया है, जिसमें विशेषज्ञ ओपीडी, आपातकालीन सेवाएं, ट्रामा केयर, डायलिसिस, कीमोथैरेपी, रेडियोलॉजी, और गहन नवजात देखभाल इकाई जैसी आधुनिक सुविधाएं शामिल हैं। अब अस्पताल में हाई-रिस्क प्रेगनेंसी की पहचान और प्रबंधन, सुरक्षित प्रसव, टीकाकरण, और परिवार कल्याण परामर्श सेवाएं भी उपलब्ध होंगी।
नई भर्ती और स्वास्थ्य सेवाओं में विस्तार : प्रदेश सरकार ने रोगियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए टीकमगढ़, नीमच, सिंगरौली, श्योपुर और डिंडौरी में अतिरिक्त बिस्तरों के संचालन हेतु 810 नए पदों की स्वीकृति दी है। इन कदमों से प्रदेश के दूरस्थ जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा और चिकित्सा कर्मियों को आवश्यक सहयोग प्राप्त होगा।
युवाओं ने व्यक्त किया आभार : टीकमगढ़ के युवाओं ने मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आभार व्यक्त किया। इस दौरान उन्हें गजमाला पहनाकर और स्मृति चिन्ह व गदा भेंटकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला और राज्यमंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल उपस्थित रहे। युवाओं ने कहा कि चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना से न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि स्थानीय स्तर पर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं भी सुलभ होंगी।


