दतिया । गुरूवार को जिला न्यायालय में सरेंडर करने पहुंचे कोतवाली के तत्कालीन टीआई धनेंद्र सिंह भदौरिया कोरोना संक्रमित निकल आए। उनके साथ सरेंडर करने वाले दोनों आरक्षकों की भी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। ऐसे में धनेंद्र सिंह जेल पहुंचने से पहले अस्पताल में भर्ती हो गए वहीं न्यायालय में संक्रमित आरोपितों के आने के बाद बवाल मच गया है। जिला अभिभाषक संघ के मोहर सिंह कौरव ने कोर्ट को सील करने के साथ आरोपितों के वकीलों पर भी सबकुछ जानते हुए भी न्यायालय में संक्रमितों को लाने पर कार्रवाई करने की मांग की है।
कोतवाली थाने के पूर्व टीआई धनेंद्र सिंह भदौरिया और दो आरक्षकों ने गत दिवस गुरूवार को दतिया न्यायालय में आत्मसमर्पण किया था। वे लंबे समय से फरार थे। बाद में तत्कालीन एसपी ने उन्हें निलंबित कर दिया था। कोर्ट में पेश होने के बाद न्यायिक हिरासत के आदेश के 15 मिनट बाद ही धनेंद्र सिंह भदौरिया कोरोना पॉजिटिव पाए गए और उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया गया था। जेल में सिर्फ उनकी आमद कागजों पर ही दर्ज की गई है। शुक्रवार को ग्वालियर हायकोर्ट में न्यायाधीश आनंद पाठक के अदालत में जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार धनेंद्र सिंह भदोरिया को न्यायालय ने जेल भेजने के आदेश दिए थे, जेल भेजने से पूर्व मेडिकल जांच के दौरान निलंबित टीआई धनेंद्र सिंह भदोरिया, आरक्षक ज्ञानेंद्र शर्मा व विजय कौशल का मेडिकल कराया गया था। इस मेडिकल में भदौरिया कोरोना पाजीटिव पाए गए थे, किंतु उनके मेडिकल कोरोना वार्ड में भर्ती होने की पुष्टि नहीं हो पाई है।
इस संदर्भ में सीएमएचओ डा.एसएन उदयपुरिया ने बताया कि मैंने सिर्फ इस बारे में सुना है। मेरे पास कोई लिखित जानकारी नहीं आई है। दूसरी ओर जेलर भास्कर पांडे ने बताया कि कोतवाली थाने से पुलिस कर्मचारी आत्मसमर्पण करने वाले निलंबित टीआई धनेंद्र सिंह भदोरिया, आरक्षक ज्ञानेंद्र शर्मा व विजय कौशल की आमद संबंधी कागज लेकर आया था। उसमें लगी मेडिकल रिपोर्ट के बाद हमने आमद के कागज स्वीकार कर लिए है, किंतु यहां पर किसी भी व्यक्ति को लाया नहीं गया है।
न्यायालय ने आगामी 1 अप्रैल तक निलंबित टीआई व दोनों आरक्षकों को न्यायिक हिरासत में भेजा था। इसके अलावा शुक्रवार को हाईकोर्ट में उनके जमानत संबंधी फैसले पर 45 मिनट तक चली बहस के बाद निलंबित टीआई धनेंद्र सिंह भदोरिया की जमानत पर फैसला सुरक्षित रख लिया गया है। धनेंद्रसिंह भदौरिया के अभिभाषक मनीष दत्त ने पैरवी की, जबकि जमानत की सुनवाई पर अभिभाषक फजल शाह ने अपना विरोध दर्ज करवाया।