पराग्वे से दुनिया तक : प्रधानमंत्री मोदी ने आयुर्वेद की बढ़ती पहचान पर डाली रोशनी,’मन की बात’ में आयुर्वेद की वैश्विक स्वीकार्यता पर जताया गर्व

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ के 117वें एपिसोड में दक्षिण अमेरिका के पराग्वे में आयुर्वेद को लेकर किए जा रहे उल्लेखनीय कार्यों की सराहना की। उन्होंने बताया कि पराग्वे में भारतीय दूतावास की एरिका ह्यूबर आयुर्वेद परामर्श सेवाएं प्रदान कर रही हैं, जिन्हें स्थानीय लोगों का जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। यह आयुर्वेद की वैश्विक स्वीकृति का उदाहरण है।

आयुर्वेद को बढ़ावा देने में भारत की ऐतिहासिक पहल : आयुष मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि आयुर्वेद को एक वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली के रूप में स्थापित करने के लिए मंत्रालय ने कई ठोस कदम उठाए हैं।

  • वैश्विक साझेदारियां और शिक्षा: मंत्रालय ने 24 देशों और 48 संस्थानों के साथ समझौते किए हैं, जिससे आयुर्वेद शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा मिला है।
  • डब्ल्यूएचओ के साथ सहयोग: जामनगर में डब्ल्यूएचओ वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा केंद्र की स्थापना और आईसीडी-11 में पारंपरिक चिकित्सा को शामिल करना भारत की बड़ी उपलब्धियां हैं।

आयुर्वेद दिवस और आयुष वीजा की पहल

29 अक्टूबर, 2024 को 150 देशों में 9वां आयुर्वेद दिवस मनाया गया। “वैश्विक स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद नवाचार” थीम पर आधारित यह कार्यक्रम पारंपरिक चिकित्सा में भारत के नेतृत्व को दर्शाता है। इसके अलावा, आयुष वीजा जैसी पहलें चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देकर भारत को समग्र उपचार का केंद्र बना रही हैं।

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निष्कर्ष : प्रधानमंत्री मोदी की दूरदृष्टि और आयुष मंत्रालय के प्रयासों ने आयुर्वेद को विश्व स्तर पर एक प्रमुख चिकित्सा प्रणाली के रूप में स्थापित किया है। यह भारत की पारंपरिक चिकित्सा के प्रति वैश्विक जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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