नई दिल्ली : स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए शासन सुधार, आर्थिक आत्मनिर्भरता और किसानों के सशक्तिकरण को केंद्र में रखकर कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं। उन्होंने कहा कि भारत में पिछले एक दशक में “रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म” की दिशा में ठोस कदम उठाए गए हैं और अब अगले चरण के लिए और तेज़ी से आगे बढ़ने का समय है।
कानूनों और अनुपालन का सरलीकरण : प्रधानमंत्री ने बताया कि अब तक 40,000 से अधिक अनावश्यक अनुपालन समाप्त किए गए हैं और 1,500 से अधिक पुराने कानून निरस्त हो चुके हैं। केवल मौजूदा संसदीय सत्र में ही 280 से अधिक प्रावधान हटाए गए हैं। उन्होंने कहा कि सुधार केवल आर्थिक क्षेत्र तक सीमित नहीं, बल्कि नागरिकों के रोज़मर्रा के जीवन को आसान बनाने का भी माध्यम है।
उद्यमिता और एमएसएमई को बढ़ावा : सरकार ने स्टार्टअप और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिए अनुपालन लागत घटाने और मनमानी कानूनी कार्रवाइयों से सुरक्षा का संकल्प लिया है। प्रधानमंत्री ने “अगली पीढ़ी के सुधारों” के लिए एक कार्य बल के गठन की घोषणा की, जो आर्थिक गतिविधियों से जुड़े कानूनों और प्रक्रियाओं की समीक्षा करेगा।
जीएसटी सुधार और कर राहत : इस दिवाली तक नए जीएसटी सुधार लागू करने की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर कर बोझ कम किया जाएगा, जिससे आम नागरिक को सीधा लाभ मिलेगा।
किसानों के लिए घोषणाएँ और योजनाएँ : प्रधानमंत्री ने किसानों को “राष्ट्र की आत्मनिर्भरता का आधार” बताते हुए उनकी भूमिका की सराहना की। उन्होंने बताया कि भारत दूध, दलहन और जूट उत्पादन में विश्व में पहले स्थान पर है और कृषि निर्यात 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो चुका है।
क्षेत्रीय असमानता कम करने के लिए 100 पिछड़े कृषि जिलों में “पीएम धन्य धान्य कृषि योजना” शुरू की जाएगी। उन्होंने सिंधु जल संधि की पुनर्समीक्षा की घोषणा करते हुए कहा कि भारत अपने किसानों के लिए पानी के अधिकार सुरक्षित करेगा।
उन्होंने उर्वरक उत्पादन को आत्मनिर्भर बनाने और कृषि अवसंरचना को मजबूत करने पर जोर दिया। साथ ही, पीएम किसान सम्मान निधि, सिंचाई परियोजनाएँ और समय पर उर्वरक आपूर्ति जैसी योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि इनसे किसानों का विश्वास बढ़ा है।
प्रधानमंत्री ने संकल्प लिया कि किसानों, मछुआरों और पशुपालकों के हितों की रक्षा के लिए सरकार हमेशा दृढ़ता से खड़ी रहेगी।