सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड: : पुलिस ने पूछताछ के लिए मांगी थी गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की रिमांड, कोर्ट ने दी अनुमति
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चंडीगढ़ :  मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा सिद्धू मूसेवाला के कातिलों को सलाखों के पीछे डालने के लिए की गई सख़्त कोशिशों के बाद पंजाब पुलिस ने दिल्ली की पटियाला हाऊस कोर्ट से गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का ट्रांजि़ट रिमांड हासिल कर लिया है।   जानकारी के मुताबिक मूसेवाला हत्याकांड में दोषी और साजिश रचने वाला लॉरेंस बिश्नोई पिछले 14 दिनों से दिल्ली पुलिस की हिरासत में था। दिल्ली पुलिस लॉरेंस बिश्नोई को तेहाड़ जेल से प्रोडक्शन वॉरंटों पर लेकर आई थी और मंगलवार को उसका पुलिस रिमांड पूरा होने पर दिल्ली के स्पेशल सैल द्वारा बिश्नोई को दिल्ली की पटियाला हाऊस कोर्ट में पेश किया गया।  

मुख्यमंत्री के निर्देशों पर पंजाब के एडवोकेट जनरल ने ख़ुद दिल्ली की पटियाला हाऊस अदालत में पेश होकर रिमांड की ज़ोरदार माँग की। सिद्धू मूसेवाला केस की जांच कर रही एसआईटी द्वारा लॉरेंस बिश्नोई, जिसके खि़लाफ़ मानसा की स्थानीय अदालत पहले ही गिरफ़्तारी वॉरंट जारी कर चुकी है, को गिरफ़्तार करने के लिए अदालत की इजाज़त मांगने के लिए आवेदन दाखि़ल किया गया था।  

दोषी लॉरेंस बिश्नोई के वकीलों द्वारा पंजाब पुलिस की हिरासत में उसकी सुरक्षा को लेकर पंजाब पुलिस की पटीशन का विरोध किया गया, जिसका एडवोकेट जनरल पंजाब ने विरोध किया और दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद माननीय अदालत ने मुलजिम को गिरफ़्तार करने की इजाज़त दे दी और मुलजिम का ट्रांजि़ट रिमांड भी दे दिया। उसको सी.जे.एम मानसा की अदालत में पेश किया जायेगा और साजिश एवं असल मकसद का पता लगाने के लिए मामले की और पूछताछ और जाँच के लिए पुलिस रिमांड पर लिया जायेगा।  

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शुभदीप सिंह उर्फ सिद्धू मूसेवाला, जोकि 29 मई को शाम 4:30 बजे के करीब दो व्यक्तियों गुरविन्दर सिंह ( पड़ोसी) और गुरप्रीत सिंह ( चचेरे भाई) के साथ घर से निकला था, का कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने गोलियाँ मारकर कत्ल कर दिया था। उस समय वह अपनी महेन्द्रा थार गाड़ी चला रहा था। जि़क्रयोग्य है कि पंजाब पुलिस ने सिद्धू मूसेवाला के शूटरों को लौजिस्टिक सहायता मुहैया करवाने, रेकी करने और पनाह देने के दोष अधीन पहले ही 9 व्यक्तियों को गिरफ़्तार कर लिया है।  

काबू किए गए व्यक्तियों की पहचान चरणदीप सिंह उर्फ चेतन निवासी बलराम नगर; सन्दीप सिंह उर्फ केकड़ा निवासी सिरसा, हरियाणा; मनप्रीत सिंह उर्फ मन्ना निवासी तलवंडी साबो, बठिंडा; मनप्रीत भाऊ निवासी ढैपयी, फरीदकोट; सारज मिंटू निवासी गाँव दोदे कलसिया, अमृतसर; प्रभदीप सिद्धू उर्फ पब्बी निवासी तख्त- मल हरियाणा; मोनू डागर निवासी गाँव रेवली, सोनीपत हरियाणा; पवन बिश्नोई और नसीब दोनों निवासी फतेहाबाद, हरियाणा के रूप में हुई है।  

एडीजीपी एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स ( एजीटीएफ) प्रमोद बान ने कहा कि आईजीपी पीएपी जसकरण सिंह के नेतृत्व वाली विशेष जांच टीम जांच में लगातार सफलता हासिल कर रही है और पहले से गिरफ़्तार किये गए संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ करके और अन्य जानकारी के आधार पर अब तक मिले सुरागों के द्वारा कडिय़ों को जोडक़र देख रही है।   बताने योग्य है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार इस मामले में सबसे पहले कत्ल की जि़म्मेदारी लेने वाले गैंगस्टर गोल्डी बराड़ की हवालगी लेने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रही।  

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