अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की संदिग्ध हालात में मौत, सुसाइड नोट में आनंद गिरि पर परेशान करने का आरोप
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प्रयागराज : अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री नरेंद्र गिरि जी का देहावसान अत्यंत दुखद है। आध्यात्मिक परंपराओं के प्रति समर्पित रहते हुए उन्होंने संत समाज की अनेक धाराओं को एक साथ जोड़ने में बड़ी भूमिका निभाई। प्रभु उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें

उनका शव श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के कमरे में मिला। मौत की स्पष्ट वजह सामने नहीं आई है, लेकिन कहा जा रहा है कि उन्होंने फंदे से लटककर आत्महत्या की है। महंत के बिस्तर से आठ पेज का सुसाइड नोट मिला है। पुलिस के अनुसार सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग की जांच कराई जाएगी।

आइजी केपी सिंह के अनुसार सुसाइड नोट में शिष्य आनंद गिरि समेत कुछ लोगों पर परेशान करने का आरोप है। इस मामले में पुलिस ने बड़े हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी को हिरासत में ले लिया हैं। साथ ही आनंद गिरि को हरिद्वार में हिरासत में लिया गया है।

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सुसाइड नोट में इन तीनों का जिक्र है। पहले भी नरेंद्र गिरि ने तीनों से खुद को खतरा बताया था। तनाव में थे : बताया जा रहा है कि पिछले चार-पांच दिनों से वह तनाव में थे और शिष्यों से बात-बात पर झुंझला जाते थे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने घटना को दुखदायी बताया है। मौर्य ने कहा कि घटना की उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी।

मठ में कई थानों की पुलिस और पीएसी तैनात कर दी गई है। आनंद गिरि ने बताया साजिश, जांच की मांग की : सुसाइड नोट से शक के दायरे में आए योग गुरु आनंद गिरि ने इस घटना को गहरी साजिश बताते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।

उनका कहना है कि गुरु की जमीन संबंधी विवाद में हत्या कर दी गई और इसे आत्महत्या की शक्ल दी जा रही है। इस साजिश में पुलिस के एक बड़े अफसर व भू-माफिया शामिल हैं। बता दें कि इससे पहले निरंजनी अखाड़े के सचिव आशीष गिरि ने दारागंज में 2019 खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी।

धोती से लटका हुआ था शव : सोमवार दोपहर एक बजे के आसपास महंत नरेंद्र गिरि (60) ने शिष्यों के साथ मठ में भोजन ग्रहण किया था। इसके बाद वह अपने कमरे में चले गए। पुलिस के अनुसार शाम पांच बजे तक जब दरवाजा नहीं खुला तो शिष्यों को आशंका हुई। इसके बाद इसे तोड़कर शिष्य अंदर घुसे। अंदर का दृश्य देख वे अवाक रह गए।

मठ के लोगों के अनुसार उनका शव पंखे से गेरूए रंग की धोती से लटका हुआ था। पुलिस को सूचना देने के बाद शव को नीचे उतारा। आइजी केपी सिंह के अनुसार पुलिस को 5:20 बजे सूचित किया गया। प्रशासन व पुलिस के अधिकारी श्री मठ बाघम्बरी जा पहुंचे। 

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