Datia News : दतिया । गोराघाट क्षेत्र में गन्ने का बंपर उत्पादन होता है। इसे देखते हुए यहां गुड बनाने का कारोबार भी बड़े स्तर पर किया जाता है। गन्ना उत्पादक किसानों को उनकी मेहनत का पूरा फल कैसे मिले इसे लेकर प्रशासन की ओर से पहल की जाने लगी है।
दतिया जिले की गुड़ की मिठास देश के कोने कोने पहुंचाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई है। इस काम को अंजाम देने के लिए कलेक्टर स्वयं मैदान में उतरे हैं।
गुरुवार को कलेक्टर ने अपने अमले के साथ गोराघाट क्षेत्र के ग्राम भरसूला पहुंचकर गुड उत्पादकों से मुलाकात कर चर्चा की।
इस दौरान गुड़ की मार्केटिंग, पैकिंग और उसकी मेडिसन वैल्यू के साथ उत्पादन प्रक्रिया में सुधार को लेकर आवश्यक विचार विमर्श किया।
इस प्रयास से गुड उत्पादक किसानों को आने वाले समय में अच्छा खासा लाभ मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।
ग्राम भरसूला में आज गन्ना गुड उत्पादन क्रेशर का कलेक्टर संजय कुमार ने पहुंचकर निरीक्षण किया एवं किसानों को जैविक गन्ना एवं बिना केमिकल गुण उत्पादन के उपाय बताएं।
गोराघाट में बनेगा गुड बाजार
कलेक्टर ने कहाकि कुछ किसान आज बिना केमिकल के गुड बना रहे हैं, जो बहुत ही लाभकारी है। जैसे कि मैथी, हल्दी एवं अन्य मिश्रण कर गुड को मिठास योग्य बनाते हैं वह बहुत ही स्वादिष्ट और स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। हम अपने जिले के किसानों को गुड बेचने के लिए गोराघाट में एक बाजार भी बनाएंगे।
भोपाल से आएगी वैज्ञानिक टीम
कलेक्टर ने कहाकि भोपाल से वैज्ञानिक टीम आने से पहले किसानों को बहुत लाभ हुआ था। अब दोबारा हम भोपाल कृषि वैज्ञानिक को बुलाकर एक गोष्ठी कराएंगे।
जिससे क्षेत्र के किसानों को अच्छा उत्पादन मिल सके एवं किसानों को आर्थिक सहायता के लिए भी प्रयास करेंगे। जिससे हमारे जिले की गुड अन्य बाजारों में बेचा जा सके।
क्वालिटी भी अच्छी रहे। इस दौरान सहायक संचालक उद्योग सर्वेश तिवारी ने गन्ने की खेती करने का तरीका बताया। उन्होंने कहा कि पेड़ी गन्ने में सिंचाई, निराई, गुड़ाई कर उर्वरकों का संतुलित प्रयोग करने के बाद में जानकारी दी।
गन्ना शोध केंद्र ने गन्ने में लगने वाले कीट व रोगों से बचाव के उपाय के बारे में किसानों को जानकारी दी। इस मौके पर उप संचालक कृषि डीएस सिंह, जिला प्रबंधक एनआरएलएम नीतू तिवारी, भारती पाठक, रविंद्र पाराशर, शालिगराम खरे, उद्योग विकास खंड अधिकारी शिववरन सिंह राठौर आदि उपस्थित रहे।